What's new

Incest सास और बहु

Admin

Administrator
Staff member
Joined
Dec 12, 2024
Messages
295
Reaction score
0
Points
16
नमस्कार दोस्तों मई उप का रहने वाला और जॉब की वजह से गुजरात आ गया. ये स्टोरी मेरे पुराने भाड़े के माकन की है.चलिए अब स्टोरी पे आते है.ये स्टोरी १० साल पहले की है जब मेरी कंपनी से मुझे जॉब इंटरव्यू के लिए अहमदाबाद बुलाया था और अगर इंटरव्यू सक्सेसफुल हो जाता तो उसी वीक में जोइनिंग के लिए भी बोल दिया था. अब एक वीक के लिए होटल में रहना तो पॉसिबल था नहीं. इसीलिए मैंने एक वीक के लिए ऑनलाइन रेंट पे माकन ढूँढना शुरू किया. तब मुझे एक ऑनलाइन साइट पे करंट ओनर मिला. मेरी उससे बात हुई और वो एक महीने के लिए सस्ते में रूम देने के लिए मांग था.आखिर वो पल आ ही गया जब मई उनके घर पौह्चा छोटी पटेल फॅमिली थी. मेरे बेल्ल बजने पर एक लेडी ने दरवाजा खोला. वो दिखने में कुछ खास नहीं थी पर फिगर कमल का था. मुझे बाद में पता चला की वो मेरी माकन मालकिन है. मैंने उन्हें अपना परिचय दिया तो वो झट से समझ गई और गुजराती में अपने हस्बैंड को बुलाया (जो उस टाइम पे मुझे बिलकुल समझ नहीं आती थी).उनका घर काफी बड़ा था और माकन मालिक का खुद का बिज़नेस थी. रेखा (मालिक का वाइफ) का फिगर एकदम डॉल शेप्ड था. और उसकी सास (सुनीता) यानि की आकाश की माँ (माकन मालिक का नाम आकाश था) वो क्या कमल की माल थी. ५५ की उम्र में भी सिर्फ ४५ की लगती थी. शायद मुझे बड़ी औरते ज्यादा पसंद है इसीलिए. तो आकाश ने मुझे अपना घर दिखाया और मेरा कमरा १स्ट फ्लोर पर था जिसकी सीढिया अंदर और बहार दोनों साइड से थी.कमरे में कुछ ज्यादा सामान नहीं था. बस एक बीएड और पंखा. मैंने अपना सामान रखा और आकाश ने मुझे अलविदा कहा. मैंने बौहत साडी माकन मालकिन सेक्स वाली स्टोरी पढ़ी थी पर मुझे नहीं लगा मेरे साथ भी कुछ ऐसा होगा की मेरी लाइफ के मज़े ही हो जायेंगे. उस टाइम पे ये सब न सोचते हुए मई अपने अगले दिन के इंटरव्यू के लिए प्रेपर करने लगा. उस रात पटेल फॅमिली के साथ ही खाया और सो गया.अगले दिन सुबह जब रेडी हुआ और निचे आया तोह सुनीता ने मुझे प्रसाद दिया और बेस्ट ऑफ़ लक बोलै. मेरा तो जैसे दिन बन गया हो इतनी सेक्सी स्माइल देख कर. इंटरव्यू देने गया और पुरे दिन में ३ राउंड हुए. रिजल्ट तो बताया नै पर बोलै की कल तक कॉल आ जायेगा रिगार्डिंग रिजल्ट.अब मई टेंशन से भरा हुआ वापिस रिक्शा में बैठा और घर पूछा. वह घर पर रेखा अकेली थी. मई ऊपर जाने लगा तो रेखा ने मुझे बुलाया और बैठने को बोलै. उसने शायद मेरे चेहरे पे टेंशन देख ली थी और वो मुझे समझने लगी की ये तो सब होता रहता है.वो भी जॉब करती थी पर घर सँभालने के चक्कर में उसे जॉब छोड़नी पड़ी थी. हमने थोड़ी यहाँ वह की बाते की तो मेरा मूड एकदम मस्त हो गया. रेखा दिखने में भले अप्सरा न हो पर बातो से किसी का भी दिल बस में कर सकती थी.मुझे मज़ा आने लगी रेखा की कंपनी में. तब तक सुनीता आ गयी और वो बेथ गयी. रेखा खाना बनाने में बिजी हो गयी और मई मस्त मूड में सुनीता के साथ फ्लिर्टिंग करने में. वो ५५ की थी पर एकदम मस्त सेक्सी फिगर मेन्टेन कर रखा था. मैंने वही बैठे बैठे उसकी फिगर की तारीफ कर दी और उस टाइम उसने कुछ नहीं बोलै. मुझे लगा शायद बुरा मान गई तो मैंने टॉपिक रेखा की तरफ मोड़ दिया की “भाभी खाना बन जाये तो बुला लीजियेगा” और मई हाथ मु धोने रूम में चला गया.वही रूम में पड़े पड़े मेरे दिमाग में सुनीता के सेक्सी ख्याल आने लगे और मेरा लुंड एकदम से तम्बू बना के खड़ा हो गया. क्युकी मुझे आदत नहीं थी रूम बंद करके रहने की इसलिए मेरे रूम का दरवाज़ा खुला ही था और मई सुनीता को याद करते हुए सिर्फ चड्ढी में था. मेरा हाथ अपने लुंड को सेहला रहा था चढ़ी के उपरसे और तभी मुझे एक परछाई दिखी. सुनीता दरवाज़े पे कड़ी थी. वो मुझे खाने के लिए बुलाने आयी थी पर उसने कुछ नहीं बोलै और सिर्फ कड़ी रही. पता नहीं मुझे क्या सुझा. मई भी बस उसे इग्नोर करते हुए सहलाता रहा. कुछ सेकण्ड्स के बाद उसने दरवाज़ा नॉक किया और मैंने नाटक किया की “आप कब आये?”सुनीता शायद वही पैट गई थी. पर उसने थोड़ा गुस्से से मु मोड़ा और मुझे बोलै “खाने आ जाओ.” और बिना कुछ कहे चली गयी. मैंने सच्ची में खुद को कोसा और सोचा की ‘काश मई ऐसा न करता.’ कुछ झिझक के साथ निचे गया खाने तो सुनीता सामने बैठी थी और आकाश अभी तक नै आया था.मैंने कमरे की ावकवर्डनेस्स हटाने के लिए रेखा से आकाश के बारे में पूछा और मुझे पता चला की आकाश ५ दिन के लिए सूरत गया हुआ था. ये जान के मुझे थोड़ी शांति हुई. फिर टीवी पर कोई मूवी चल रही थी और हमने थोड़ी यहाँ वह की बाते की. सुनीता मुझे इग्नोर कर रही थी पर रेखा मुझसे काफी फ्रेंडली लग रही थी. उसने मुझसे नेक्स्ट डे कुछ सब्जिया लेन के लिए बोलै और मुझे आकाश के बाइक की चाभी भी दी.मई निकलने ही वाला था की रेखा ने बोलै वो भी चलेगी और यहाँ से शुरू हुई मेरी और रेखा की कहानी. मुझे बाइक चलनी उतनी अचे से नहीं आती थी. रेखा ने एक सलवार कमीज़ डाली थी और वो मेरी गर्लफ्रेंड की तरह मुझे कमर से पकड़ के बेथ गई. मुझे तो जैसे मज़ा ही आ गया. मई पूरा रास्ता उसके बूब्स को अपनी बैक पे टच करवाता गया और वो भी कुछ खास रेसिस्ट नहीं कर रही थी.सब्जिया लेने के बाद रेखा ने मुझे एक फुल्के की लारी पे रुकने के लिए बोलै. मई आज तक पानी पूरी बोलना भूल जाता हु. मुझे फुल्के कुछ इतने खास पसंद नै थे पर उसने मुझे एक फुल्का ज़बरदस्ती अपने हाथ से खिलाया और तब थोड़ा सा पानी उसके कमीज़ पर गिर गया. उसे साफ़ करने के चक्कर में मेरी कोहनी उसके बूब्स पे टच हो गई और उसने मज़े से आउच किया.हम पुरे रस्ते गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह चिपक के रेतुर्न जाते रहे. वो रास्ता बताने के बहाने मुझसे चिपकी रही और मई उसपे लाइन मरता रहा. घर आने से पहले उसने मेरे कान में बोलै गुजराती में “आज राते कैक स्पेशल करिसु (आज रात कुछ स्पेशल करेंगे).” मुझे उस टाइम पे तो कुछ समझ नै आया और मेरे पूछने का टाइम भी नै था क्युकी हम घर पौहच गए.
 
Top Bottom