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Incest शहर में मम्मी की चुदाई-3

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Dec 12, 2024
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पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की कैसे मम्मी को आंटी की चुदाई वाला मेरा राज़ पता चल गया. फिर वो मुझसे उनके बारे में पूछने लगी. अब आयेज-

मैने अपने मोबाइल में कमला की एक फोटो निकाल के मम्मी को दिखा दी. मम्मी फोटो देखते ही चौंक गयी. क्यूंकी वो सेम मम्मी की उमर की थी.

मम्मी: हे भगवान, ये तो मेरी उमर की औरत है बेटा. और तू इसके साथ ये सब कर रहा है. इसके तो बच्चे भी बड़े-बड़े होंगे.

मे: हा मम्मी इसका एक लड़का मेरे बराबर है. और इसका पति ऑटो चलता है.

मम्मी: अर्रे करम जले, अगर तुझे ये सब करना ही था, तो किसी अपनी उमर की लड़की से करता. ये 3 बच्चो की अम्मा ही मिली थी तुझे!

मे: मम्मी यहाँ की लड़की पटना आसान नही है. यहाँ की लड़कियाँ बहुत खर्चे करवाती है. और फिर लड़कों को छ्चोढ़ देती है.

मम्मी: बेटा वो सब ठीक है. मगर ये तो मेरी ही उमर की है. क्या तुझे कभी नही लगा, की अपनी मा की उमर की औरत के साथ तू ये सब कर रहा है?

मे: मम्मी वो मेरी मा नही है. और उसका पति हमेशा दारू पीटा रहता है. उसे देखता भी नही है. वो भी तो इंसान है. उसे भी तो प्यार चाहिए.

मम्मी: हा इसलिए उसने मेरे जवान बेटे को फ़ससा लिया. बेटा तू बहुत भोला है. तू नही जानता है ऐसी रंडियों को. जवान लड़के को फ़ससा लेती है, और फिर अपनी आग शांत करवाती है.

मे: मम्मी वो आंटी ऐसी नही है.

मम्मी: देख बेटा जो होना था वो हो गया. अब तू मेरी कसम खा की आयेज से इस कमला के पास नही जाएगा. वरना मेरा मररा हुआ मूह देखेगा.

फिर मम्मी ने मुझे अपनी कसम खिला दी. वैसे भी वो कहा जानती थी, की कमला एक रंडी थी. उसके पास तो काई लंड थे. मम्मी से ऐसी बातें करके मेरा लंड खड़ा हो गया था.

फिर मैं अपने काम पर चला गया, और शाम को वापस आया. फिर मैं मम्मी को गोल-गप्पे खिलाने ले गया. मार्केट में सब की नज़र मम्मी की गांद पर थी.

रात पापा भी आ गये, और वो भी पी कर आए थे. वैसे भी पुंजब में दारू सस्ती है, और मामा को तो एक पार्ट्नर मिल गया था. फिर हम सब ने खाना खाया.

उसके बाद मैं उपर च्चत पर टहलने चला गया.

थोड़ी देर बाद मम्मी भी आ गयी, और मेरे साथ टहलने लगी. हम दोनो बस घूम रहे थे. हम दोनो में कोई बात नही हो रही थी. फिर मम्मी बोली-

मम्मी: बेटा मैने कभी नही सोचा था, तू ऐसा काम करेगा. वो भी अपनी मा की उमर की औरत के साथ.

मे: मम्मी आपको ये अजीब लग रहा होगा. मगर आज कल यही चल रहा है. अपने गाओं में ये सब होता रहता है. शायद आप जानती भी हो.

मम्मी: हा बेटा मैं जानती हू. मगर ये सब है तो ग़लत.

मे: मम्मी ग़लत तो उन औरतों के साथ हुआ है. जिन्हे ऐसी पीने वाले पति मिले है. जो खुद की बीवी को छ्चोढ़ के दारू में घुसे रहते है. फिर उनकी बीवी किसी और के पास ही जाएगी.

मैने मम्मी की दुखती राग पर हाथ रखा था. क्यूंकी पापा भी दारू पीते थे, और मम्मी की चुदाई ना के बराबर करते थे. मम्मी खड़ी हुई थी. तभी मैने पीछे से मम्मी को पकड़ लिया.

मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हुआ था, जो सीधा मम्मी की गांद में घुसा जेया रहा था. और मुझे मम्मी की गांद महसूस होने लगी थी. वैसे भी वो मेक्शी के अंदर कुछ नही पहनती थी.

मेरे दोनो हाथो ने मम्मी की कमर को पकड़ा हुआ था, और मेरा लंड उनकी गांद में लगा हुआ था.

मे: मम्मी आप मुझसे नाराज़ हो क्या?

मम्मी: बेटा मुझे तोड़ा बुरा लगा था. मगर मैं नाराज़ नही हू. मगर आयेज से तू कभी उस औरत के पास नही जाएगा.

मे: नही जौंगा मम्मी. वैसे तुमने वो कॉंडम फेंक दिए क्या?

मम्मी: नही फेंके नही है. रख दिए है. कल फेंक दूँगी.

मे: नही मम्मी फेंकना मत. वो बाद में काम आ जाएँगे.

मम्मी: तू यहाँ आके तो और ज़्यादा बिगड़ गया है. कैसे अपनी मा से कॉंडम की बात कर रहा है.

मे: मम्मी वैसे तो मैं भी ऐसी बात नही कर सकता था. मगर अब तू मेरे राज़ जान गयी है, इसलिए बोल दिया. वैसे अगर मेरी शादी जल्दी हो जाती. तो अब तक तुझे दादी बना दिया होता.

मम्मी: हाहाहा सही कह रहा है तू. जब मैं तेरी उमर की थी, तब तेरी बेहन मेरी गोदी में आ चुकी थी. अब टाइम सही है, शादी तोड़ा देरी से होती है.

मे: वैसे सही कहा मम्मी. अगर तुम नये ज़माने में पैदा होती, तो पापा से थोड़ी शादी करती.

मम्मी: बड़ी बातें बनाने लगा है तू. चल अब नीचे चल सोते है. तेरा बाप तो पीक सो जाता है. उसे तो कोई चिंता ही नही है.

मे: मम्मी अब मैं हू ना आपकी चिंता करने के लिए. उन्हे पीक सोने दे.

मम्मी मुझे देखने लगी.

मम्मी: अब छ्चोढ़ भी दे मुझे, चल नीचे चल.

मैं और मम्मी नीचे आ गये. पापा तो सो ही चुके थे.

मम्मी: ये देख कैसे बेख़बर सो रहे है. बीवी बच्चा कहा है, कोई चिंता ही नही है इस आदमी को.

मे: अर्रे सोने दो मम्मी. अब उमर हो गयी है उनकी.

मैं और मम्मी भी सोने लगे. मैने उनके उपर हाथ रख लिया. मम्मी ने मुझे कुछ नही कहा. मगर मैं उनके सोने का इंतेज़ार करने लगा.

फिर कुछ देर बाद जब वो सो गयी, तो मैने अपना हाथ उनकी चुचियो पर रख दिया. मम्मी की चुचिया एक-दूं नरम-नरम थी. मैने हल्के से उन्हे दबाया भी. फिर मैं भी सो गया.

रात के 2 बजे मम्मी ने मुझे फिर उठाया.

मम्मी: बेटा, ऊ बेटा, लाइट चली गयी है. चल च्चत पर चलते है. यहाँ बहुत पसीना आ रहा है.

फिर मैं और मम्मी च्चत पर आ गये, और वहीं सोने लगे. मम्मी करवट बदल के सोने लगी, और मैने भी पीछे से लंड लगा दिया और सोने लगा.

फिर थोड़ी देर में लाइट आ गयी, और हम दोनो नीचे आ गये. सुबा मैने फिर से मम्मी को अपना लंड दिखाया.

उसके बाद मैं जॉब पर चला गया. फिर दोपहर को वापस आया. आज भी मम्मी आंटी के साथ बती हुई थी, और अंकल मम्मी की चुचिया देख रहा था.

फिर मैं कमरे में आ गया, और खाना खा के चला गया. शाम को मैं मम्मी को घूमने ले गया. फिर वापस आके हम सब ने खाना खाया.

उसके बाद मैं उपर चला गया. मैं लेता हुआ मोबाइल चला रहा था. मम्मी अभी भी नीचे ही थी. काफ़ी देर तक जब मम्मी उपर नही आई, तो मैं उन्हे देखने नीचे गया.

मैने देखा मेरे कमरे का दरवाज़ा बंद है. यानी पापा मम्मी की चुदाई कर रहे थे.

मैं कान लगा के सुनने लगा. तो अंदर से किस करने की आवाज़ आ रही थी. हल्के-हल्के ठप-ठप की आवाज़ भी आ रही थी. मैं तुरंत उपर की तरफ आ गया.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था. फिर लगभग 15 मिनिट बाद मम्मी भी आ गयी. फिर मैं और मम्मी टहलने लगे.

मे: मम्मी बड़ा टाइम लग गया आपको?

मम्मी: हा बेटा वो तोड़ा काम कर रही थी.

मे: वैसे मम्मी एक बात काहु, आप बुरा तो नही मानोगे?

मम्मी: हा बोल ना बेटा, क्या बात है?

मे: मम्मी आप नीचे मत जया करो.

मम्मी: ये क्या कह रहा है बेटा? मैं तो नीचे बस आंटी से बातें करने चली जाती हू. उसमे क्या दिक्कत हो गयी?

मे: बस मम्मी मत जया करो. वो अंकल ठीक नही है.

मम्मी: बेटा ऐसा क्या हो गया , जो तू मुझे नीचे जाने से माना कर रहा है? और वो अंकल की क्या बात है?

मे: मम्मी वो अंकल आपको घूर-घूर के देखता है. मैने उसे देखा है.

मम्मी: बेटा अब दुनिया ही ऐसी है. मैं क्या कर सकती हू? जिनकी आँखें है वो तो देखेंगे ही. तू ज़्यादा मत सोचा कर.

मे: मम्मी वो अंकल तर्की है. उसकी नज़र आपके मम्मो पर रहती है.

मैने मम्मी के सामने माममे बोल दिया. उसके बाद मम्मी बोली-

मम्मी: बेटा ये माममे क्या होते है?

मैने अपना हाथ मम्मी की चुचि पर रख दिया, और उसे हल्के से दबा दिया.

मे: मम्मी यहाँ पर इन्हे माममे बोलते है.

मम्मी ने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया.

मम्मी: बेटा ऐसे मत च्छुआ कर. अब तू बड़ा हो गया है.

मे: माफ़ करना मम्मी, अगर आपको बुरा लगा हो तो.

मम्मी: कोई बात नही बेटा. मुझे बुरा नही लगा. मगर अब तू बड़ा हो गया. इसीलये अब ऐसा मत करना.

मे: वैसे मुझे याद है मम्मी कैसे में बचपन में इनसे खेलता था.

मम्मी: हा बेटा, मुझे भी याद है. मेरे दूध आना बंद हो गया था. फिर भी तू मेरा ही दूध पीटा था. जब मैने इसमे नीं का तेल लगाया, और तुझे कड़वा लगा, तब तूने इन्हे चूसना छ्चोढा था.

मे: हा मम्मी मुझे भी याद है. वैसे वो अंकल इन्हे ही घूरता रहता है. क्यूंकी आपके ब्लाउस में से ये सॉफ दिखते रहते है.

मम्मी: ठीक है बेटा, आयेज से में ध्यान रखूँगी.

मे: मम्मी आप ब्रा क्यूँ नही पहनती हो? उससे ये दिखेंगे नही.

मम्मी: नही बेटा उससे मेरे लाल-लाल हो जाता है. वो तो जब कभी बाहर जाना होता है. तब पहन लेती हू.

मे: मम्मी आप कहो तो मैं आपके लिए अची वाली लेके आ जौंगा.

मम्मी: नही बेटा तू इन सब चीज़ों में मत पद. आयेज से मैं ध्यान रखा करूँगी.

मे: ठीक है मम्मी वैसे आप कहो तो कही और घर देख लेता हू, तोड़ा बड़ा होगा. ताकि आप भी पापा के साथ टाइम बिता लिया करोगी.

मम्मी: बेटा ये ठीक है. बाकी कुछ टाइम बाद ले लेंगे. वैसे आज ये बात क्यूँ बोल रहा है?

मे: मम्मी अभी मैं आपको देखने नीचे गया था. तो कमरा बंद था. इसलिए मैं समझ गया. आप पापा के साथ टाइम बिता रही हो.

मम्मी: चल बेटा अब सोने चलते है. बहुत टाइम हो गया है.

मम्मी ने मेरी बात का जवाब नही दिया. और फिर हम दोनो नीचे आके लेट गये. मम्मी दूसरी तरफ मूह करके सोने लगी.

मैं भी मम्मी से बिल्कुल चिपक गया, और अपना लंड उनकी गांद में लगाने लगा. मम्मी तोड़ा आयेज हो गयी. फिर मैं मोबाइल में मोविए देखने लगा. मैने एक मोविए देखी, और तब तक मम्मी भी सो चुकी थी.

इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको इस सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. आपको मज़ा एयेए रहा है या नही, ज़रूर बताए.
 
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