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- Dec 12, 2024
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दोस्तों मेरी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत है. पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मुझे बिगड़ता देख घर वालो ने मुझे मामा के पास शहर भेज दिया.
लेकिन वहाँ भी मेरी मा के लिए वासना कम नही हुई. फिर कमरा लेके मैने मम्मी-पापा को वहाँ बुला लिया. उसी दिन मा मेरे सामने कपड़े बदलने लगी. अब आयेज-
मम्मी ने अपना ब्लाउस खोल के साइड में रख दिया. अब मम्मी सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट में खड़ी थी, और मैं अपना लंड सहला रहा था.
मम्मी ने अपनी ब्रा का हुक खोल के ब्रा निकाल दी. उनका गड्राया बदन बहुत अछा लग रहा था. उनकी नंगी पीठ पर पड़ते वो बाल मुझे पागल कर रहे थे.
मेरा मॅन कर रहा था, मैं अभी उन्हे पीछे से जाके पकड़ लू. फिर मम्मी ने अपनी ब्रा नीचे रख दी, और बाग से मेक्शी निकल के पहनने लगी.
जब उन्होने अपने हाथ उपर किए, तो मुझे साइड से उनकी चुचिया दिखाई पद गयी. मम्मी ने मेक्शी पहन ली, और फिर मेरी तरफ पलट गयी.
मैने अपना लंड दोनो टाँगो के बीच दबा लिया, और मम्मी ने मुझे देख कर स्माइल की. मैने भी उन्हे देख कर स्माइल की.
मम्मी मेरे पास फोल्डिंग पर आ गयी, और मेरा सिर अपनी गोदी में रख कर बैठ गयी. वो मेरे बालों में हाथ फिरने लगी.
मम्मी: बेटा तू कुछ खाता-पीटा नही है क्या? देख कितना कमज़ोर हो गया.
मे: मम्मी ऐसा कुछ नही है. बस आपकी याद बहुत आती थी. अब आप आ गये हो. फिर से ठीक हो जौंगा.
मम्मी: बेटा याद तो मुझे भी तेरी बहुत आती थी. तू पैसे भेजता था, तो तोड़ा सही भी था. वरना तेरे पापा का काम अछा नही चलता था. वो रोज़ शाम को दारू पी कर आ जाते थे.
मे: अब तू चिंता मत कर मम्मी. मैं अब कमाने लगा हू. तेरा पूरा ख़याल रखूँगा. वैसे गाओं में सब कैसे है?
मम्मी: वहाँ सब ठीक है बेटा. तेरे आवारा दोस्त भी अब वहाँ से चले गये. सब काम धंधे में लग गये है. तेरी बुआ भी आई थी. तेरी शादी की बात कर रही थी.
मे: अर्रे मम्मी मुझे अभी शादी नही करनी है. अभी तो में बस पैसे कामना चाहता हू, और अपनी मम्मी का ख़याल रखना चाहता हू.
मम्मी: अर्रे तू चिंता मत कर बेटा. मैने तेरी बुआ को समझा दिया. अभी शादी नही करेंगे तेरी.
फिर मम्मी खाना बनाने लगी, और मामी भी घर आ गयी. देर रात पापा भी आ गये. वो मामा के साथ पी कर आए थे. मम्मी उन्हे देखते ही गुस्सा करने लगी.
मम्मी: यहाँ भी आते ही शुरू कर दी! बस दारू-दारू करते रहते हो. काम धनदा कुछ मत देखना.
फिर हम सब ने खाना खाया, और मामा-मामी चले गये. पापा फोल्डिंग पर लेट गये, और मम्मी और मैं नीचे लेट गये.
मम्मी ने अपना पेटिकोट भी निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ मेक्शी में लेती हुई थी, और मैं ककचे और बनियान में लेता था. कुछ देर बाद मम्मी सो गयी, दिन भर का सफ़र जो करके आई थी.
मैने भी उनके पेट पर हाथ रख लिया, और मैं भी सो गया. सुबा जब मेरी आँख खुली, तब मम्मी नहा के आ चुकी थी. फिर मैं भी फ्रेश हो गया.
पापा नहाने गये हुए थे, इसलिए मैं टवल लपेट के बैठ गया.
मम्मी मेरे सामने थी, और मैने अंदर कुछ नही पहना था. यानी की मेरा लंड अंदर झूलता हुआ दिख रहा था. मैने देखा मम्मी की नज़र भी काई बार मेरे लंड पर पड़ी.
मगर वो बार-बार दूसरी तरफ देखने लगती थी. मैं भी बेशर्मी के साथ अपने लंड को झटके दे रहा था.
कुछ देर बाद पापा आ गये, और फिर मैं नहाने चला गया. उसके बाद मैं काम पर चला गया, और मामी मम्मी को अपने घर ले गयी. पापा भी अपने काम के लिए निकल गये.
मामा ने पापा की भी जॉब अपने साथ लगा ली थी. मैने मम्मी को बता दिया था, की मैं दोपहर को लंच करने आता हू.
जब मैं दोपहर में आया, तो मैने देखा मम्मी नीचे बैठी आंटी से बात कर रही थी, और वो बुद्धा अंकल मम्मी को देख रहा था.
उसकी नज़र मम्मी की चुचियो पर थी. मम्मी की चुचियो की लाइन दिख रही थी, और वो अंकल वहीं देख रहा था.
अंकल को देख कर गुस्सा भी आ रहा था, और मम्मी की जवानी पर गर्व भी हो रहा था, की एक बुद्धा भी उन्हे देख रहा था. फिर मैं और मम्मी उपर कमरे में आ गये. मेरा कमरा पूरा बदल गया था.
मम्मी ने पुर कमरे की सफाई कर दी थी. मगर मैं इस बात से दर्र गया था, क्यूंकी मैने कमरे में कुछ च्छुपाया था, जो शायद मम्मी ने देख लिया था. मैने मम्मी की तरफ देखा. तो वो तोड़ा अजीब तरीके से मेरी तरफ देख रही थी.
मे: वाह मम्मी, आपने तो सारा कमरा सही कर दिया.
मम्मी: हा बेटा, लगता है तू सफाई नही करता था. इसलिए मैने आज आचे से सॉफ कर दिया.
फिर मम्मी ने मुझे खाना दिया, और हम दोनो ने साथ में खाना खाया. खाना खाने के बाद मैं नीचे ही लेट गया, और मम्मी भी मेरे साथ लेट गयी.
मे: मम्मी आप यहाँ पर बोर हो रही होगी. यहाँ तो टीवी भी नही है.
मम्मी: हा बेटा यहाँ टाइम काटने के लिए कुछ भी नही है. वैसे अब तू कितनी देर तक यहाँ रहेगा?
मे: मम्मी खाना खाने के लिए 1 घंटा मिलता है. इसलिए मैने कमरा पास में लिया था. ताकि घर आ जया करू.
मम्मी: वैसे अगर मैं तुझसे कुछ पूछो तो सच-सच बताएगा?
मम्मी की ये बात सुनते ही मेरी गांद फटत गयी. यानी मम्मी को सब पता चल चुका था.
मे: ऐसा क्या पूछने वाली हो मम्मी?
मम्मी: पहले तू मेरी कसम खा, की सच-सच बताएगा.
मे: हा मम्मी, तेरी कसम सच बतौँगा.
मम्मी: तो बेटा बता ये तेरी कों सी बुआ है, जो यहाँ आती है?
बुआ का नाम सुन के मैं समझ गया, की आंटी ने कमला वाली बात मम्मी को बता दी थी. क्यूंकी मैं कमला को ही बुआ बना के घर लाता था, और फिर हम दोनो चुदाई करते थे. बुआ के नाम से कोई शक भी नही करता था.
मे: अर्रे मम्मी वो एक आंटी है, जिसे मैं बुआ कहता हू. वहीं आती है.
मम्मी: सच बता बेटा, तूने मेरी कसम खाई है.
मे: सच बोल रहा हू मम्मी. वहीं आंटी है, बस और कुछ भी नही.
मम्मी तुरंत उठी और उन्होने एक पंनी निकल के मेरे उपर फेंक दिया. मैने उस पंनी को खोला, तो उसमे कॉंडम के पॅकेट थे, जो मैं हमेशा रखता था, और एक ब्लॅक पनटी थी. वो मैं कमला के लिए लाया था.
वो पनटी बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट थी, जिसमे कमला बहुत सेक्सी दिखती थी, और उसे पहन के वो मुझसे चुड़वति थी. मैने वो पनटी कभी ढोई नही थी. क्यूंकी उसमे कमला की छूट की खुश्बू थी.
मम्मी: अब बता ये सब क्या है? ये कक़ची किसकी है? किसी छ्होटी लड़की की तो लगती नही है. यानी ये तेरी उसी बुआ की कक़ची है. और ये पॅकेट में जो है, तू अभी से ये सब करने लग गया?
मे: मम्मी आपको ये बुआ वाली बात नीचे वाली आंटी ने बताई ना?
मम्मी: हा उन्होने ही बताई है.
उनकी बातें सुन के मैं सोच में पद गया. मगर मैने उन्हे कुछ भी पता नही चलने दिया.
मे: मम्मी मैं आपको बता दूँगा. मगर आप मेरी कसम खाओ की आप नाराज़ नही होगी. और ये बात किसी से नही कहोगी.
मम्मी: हा मैं किसी को नही बतौँगी. अब बता ये कों है?
मैने मम्मी को क्या जवाब दिया, और मम्मी ने क्या कहा, इस हॉट देसी कहानी के अगले पार्ट में पढ़े.
लेकिन वहाँ भी मेरी मा के लिए वासना कम नही हुई. फिर कमरा लेके मैने मम्मी-पापा को वहाँ बुला लिया. उसी दिन मा मेरे सामने कपड़े बदलने लगी. अब आयेज-
मम्मी ने अपना ब्लाउस खोल के साइड में रख दिया. अब मम्मी सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट में खड़ी थी, और मैं अपना लंड सहला रहा था.
मम्मी ने अपनी ब्रा का हुक खोल के ब्रा निकाल दी. उनका गड्राया बदन बहुत अछा लग रहा था. उनकी नंगी पीठ पर पड़ते वो बाल मुझे पागल कर रहे थे.
मेरा मॅन कर रहा था, मैं अभी उन्हे पीछे से जाके पकड़ लू. फिर मम्मी ने अपनी ब्रा नीचे रख दी, और बाग से मेक्शी निकल के पहनने लगी.
जब उन्होने अपने हाथ उपर किए, तो मुझे साइड से उनकी चुचिया दिखाई पद गयी. मम्मी ने मेक्शी पहन ली, और फिर मेरी तरफ पलट गयी.
मैने अपना लंड दोनो टाँगो के बीच दबा लिया, और मम्मी ने मुझे देख कर स्माइल की. मैने भी उन्हे देख कर स्माइल की.
मम्मी मेरे पास फोल्डिंग पर आ गयी, और मेरा सिर अपनी गोदी में रख कर बैठ गयी. वो मेरे बालों में हाथ फिरने लगी.
मम्मी: बेटा तू कुछ खाता-पीटा नही है क्या? देख कितना कमज़ोर हो गया.
मे: मम्मी ऐसा कुछ नही है. बस आपकी याद बहुत आती थी. अब आप आ गये हो. फिर से ठीक हो जौंगा.
मम्मी: बेटा याद तो मुझे भी तेरी बहुत आती थी. तू पैसे भेजता था, तो तोड़ा सही भी था. वरना तेरे पापा का काम अछा नही चलता था. वो रोज़ शाम को दारू पी कर आ जाते थे.
मे: अब तू चिंता मत कर मम्मी. मैं अब कमाने लगा हू. तेरा पूरा ख़याल रखूँगा. वैसे गाओं में सब कैसे है?
मम्मी: वहाँ सब ठीक है बेटा. तेरे आवारा दोस्त भी अब वहाँ से चले गये. सब काम धंधे में लग गये है. तेरी बुआ भी आई थी. तेरी शादी की बात कर रही थी.
मे: अर्रे मम्मी मुझे अभी शादी नही करनी है. अभी तो में बस पैसे कामना चाहता हू, और अपनी मम्मी का ख़याल रखना चाहता हू.
मम्मी: अर्रे तू चिंता मत कर बेटा. मैने तेरी बुआ को समझा दिया. अभी शादी नही करेंगे तेरी.
फिर मम्मी खाना बनाने लगी, और मामी भी घर आ गयी. देर रात पापा भी आ गये. वो मामा के साथ पी कर आए थे. मम्मी उन्हे देखते ही गुस्सा करने लगी.
मम्मी: यहाँ भी आते ही शुरू कर दी! बस दारू-दारू करते रहते हो. काम धनदा कुछ मत देखना.
फिर हम सब ने खाना खाया, और मामा-मामी चले गये. पापा फोल्डिंग पर लेट गये, और मम्मी और मैं नीचे लेट गये.
मम्मी ने अपना पेटिकोट भी निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ मेक्शी में लेती हुई थी, और मैं ककचे और बनियान में लेता था. कुछ देर बाद मम्मी सो गयी, दिन भर का सफ़र जो करके आई थी.
मैने भी उनके पेट पर हाथ रख लिया, और मैं भी सो गया. सुबा जब मेरी आँख खुली, तब मम्मी नहा के आ चुकी थी. फिर मैं भी फ्रेश हो गया.
पापा नहाने गये हुए थे, इसलिए मैं टवल लपेट के बैठ गया.
मम्मी मेरे सामने थी, और मैने अंदर कुछ नही पहना था. यानी की मेरा लंड अंदर झूलता हुआ दिख रहा था. मैने देखा मम्मी की नज़र भी काई बार मेरे लंड पर पड़ी.
मगर वो बार-बार दूसरी तरफ देखने लगती थी. मैं भी बेशर्मी के साथ अपने लंड को झटके दे रहा था.
कुछ देर बाद पापा आ गये, और फिर मैं नहाने चला गया. उसके बाद मैं काम पर चला गया, और मामी मम्मी को अपने घर ले गयी. पापा भी अपने काम के लिए निकल गये.
मामा ने पापा की भी जॉब अपने साथ लगा ली थी. मैने मम्मी को बता दिया था, की मैं दोपहर को लंच करने आता हू.
जब मैं दोपहर में आया, तो मैने देखा मम्मी नीचे बैठी आंटी से बात कर रही थी, और वो बुद्धा अंकल मम्मी को देख रहा था.
उसकी नज़र मम्मी की चुचियो पर थी. मम्मी की चुचियो की लाइन दिख रही थी, और वो अंकल वहीं देख रहा था.
अंकल को देख कर गुस्सा भी आ रहा था, और मम्मी की जवानी पर गर्व भी हो रहा था, की एक बुद्धा भी उन्हे देख रहा था. फिर मैं और मम्मी उपर कमरे में आ गये. मेरा कमरा पूरा बदल गया था.
मम्मी ने पुर कमरे की सफाई कर दी थी. मगर मैं इस बात से दर्र गया था, क्यूंकी मैने कमरे में कुछ च्छुपाया था, जो शायद मम्मी ने देख लिया था. मैने मम्मी की तरफ देखा. तो वो तोड़ा अजीब तरीके से मेरी तरफ देख रही थी.
मे: वाह मम्मी, आपने तो सारा कमरा सही कर दिया.
मम्मी: हा बेटा, लगता है तू सफाई नही करता था. इसलिए मैने आज आचे से सॉफ कर दिया.
फिर मम्मी ने मुझे खाना दिया, और हम दोनो ने साथ में खाना खाया. खाना खाने के बाद मैं नीचे ही लेट गया, और मम्मी भी मेरे साथ लेट गयी.
मे: मम्मी आप यहाँ पर बोर हो रही होगी. यहाँ तो टीवी भी नही है.
मम्मी: हा बेटा यहाँ टाइम काटने के लिए कुछ भी नही है. वैसे अब तू कितनी देर तक यहाँ रहेगा?
मे: मम्मी खाना खाने के लिए 1 घंटा मिलता है. इसलिए मैने कमरा पास में लिया था. ताकि घर आ जया करू.
मम्मी: वैसे अगर मैं तुझसे कुछ पूछो तो सच-सच बताएगा?
मम्मी की ये बात सुनते ही मेरी गांद फटत गयी. यानी मम्मी को सब पता चल चुका था.
मे: ऐसा क्या पूछने वाली हो मम्मी?
मम्मी: पहले तू मेरी कसम खा, की सच-सच बताएगा.
मे: हा मम्मी, तेरी कसम सच बतौँगा.
मम्मी: तो बेटा बता ये तेरी कों सी बुआ है, जो यहाँ आती है?
बुआ का नाम सुन के मैं समझ गया, की आंटी ने कमला वाली बात मम्मी को बता दी थी. क्यूंकी मैं कमला को ही बुआ बना के घर लाता था, और फिर हम दोनो चुदाई करते थे. बुआ के नाम से कोई शक भी नही करता था.
मे: अर्रे मम्मी वो एक आंटी है, जिसे मैं बुआ कहता हू. वहीं आती है.
मम्मी: सच बता बेटा, तूने मेरी कसम खाई है.
मे: सच बोल रहा हू मम्मी. वहीं आंटी है, बस और कुछ भी नही.
मम्मी तुरंत उठी और उन्होने एक पंनी निकल के मेरे उपर फेंक दिया. मैने उस पंनी को खोला, तो उसमे कॉंडम के पॅकेट थे, जो मैं हमेशा रखता था, और एक ब्लॅक पनटी थी. वो मैं कमला के लिए लाया था.
वो पनटी बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट थी, जिसमे कमला बहुत सेक्सी दिखती थी, और उसे पहन के वो मुझसे चुड़वति थी. मैने वो पनटी कभी ढोई नही थी. क्यूंकी उसमे कमला की छूट की खुश्बू थी.
मम्मी: अब बता ये सब क्या है? ये कक़ची किसकी है? किसी छ्होटी लड़की की तो लगती नही है. यानी ये तेरी उसी बुआ की कक़ची है. और ये पॅकेट में जो है, तू अभी से ये सब करने लग गया?
मे: मम्मी आपको ये बुआ वाली बात नीचे वाली आंटी ने बताई ना?
मम्मी: हा उन्होने ही बताई है.
उनकी बातें सुन के मैं सोच में पद गया. मगर मैने उन्हे कुछ भी पता नही चलने दिया.
मे: मम्मी मैं आपको बता दूँगा. मगर आप मेरी कसम खाओ की आप नाराज़ नही होगी. और ये बात किसी से नही कहोगी.
मम्मी: हा मैं किसी को नही बतौँगी. अब बता ये कों है?
मैने मम्मी को क्या जवाब दिया, और मम्मी ने क्या कहा, इस हॉट देसी कहानी के अगले पार्ट में पढ़े.