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- Dec 12, 2024
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हेलो दोस्तों, ये मेरी मों सेक्स कहानी है. मेरा नाम राहुल है. मेरी उमर 19 साल है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हू. मेरी ये कहानी मम्मी के साथ बने चुदाई रिश्ते की है.
मेरे घर में 4 लोग है- पापा, मम्मी, मैं, और मेरी बड़ी बेहन. बड़ी बेहन की शादी हो चुकी है. पापा की एक छाई की दुकान है, जो ज़्यादा अची नही चलती है.
मेरी मम्मी का नाम विमला है. उनकी उमर 40 साल है. मगर दिखाने में वो 30 साल की लगती है. रंग सावला है, मगर जिस्म एक-दूं भरा हुआ है. जिसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता है.
मम्मी की चुचिया 38″ की है, और उनकी बड़ी गांद लगभग 42″ या 44″ की होगी. वो कभी भी घर में ब्रा नही पहनती है, इसलिए उनकी चुचिया हमेशा लटकी हुई दिखती है.
मम्मी के निपल्स हमेशा दिखाई देते रहते है. मैने शुरू से मम्मी को नंगा देखा है. उनकी बड़ी-बड़ी चुचिया, मोटी गांद, और कभी-कभी उनकी फूली हुई बर भी देख चुका हू.
जो लोग उत्तर प्रदेश से है. वो जानते होंगे की यहाँ की औरतें सारी ही पहनती है, और घर में मेक्शी पहनती है. मेरी मम्मी भी घर में सारी और मेक्शी ही पहनती है. जब वो सारी पहनती है, तो उनका खुला हुआ पेट दिखाई देता है. मम्मी का पेट तोड़ा निकला हुआ है, मगर वो देखने में बहुत सेक्सी लगता है.
मैने भी ज़्यादा पढ़ाई नही की है. इसलिए मैं भी गाओं में आवारा गार्दी ही करता रहता था. घूमना, फिरना, और चुदाई वाली कहानी पढ़ना, या वीडियो देखना. दोस्त भी सारे हरामी थे. बस चुदाई की बातें ही करते थे. हमारी सोच बस चुदाई की थी. इसी वजह से मैं मम्मी की चुदाई करना चाहता था.
मगर मैं कभी हिम्मत नही कर पाया. बस उन्हे देख-देख कर अपना माल निकाल देता था. जब मैं ज़्यादा ही बिगड़ गया, तब मम्मी ने मुझे मेरे मामा के पास भेज दिया.
मेरे मामा पुंजब में अपनी फॅमिली के साथ रहते है. वो कुछ साल पहले ही यहाँ से गये थे. वैसे तो मेरा जाने का मॅन नही था. क्यूंकी फिर मैं मम्मी की जवानी कैसे देखता? मगर मुझे मॅन मार के मामा के घर आना ही पड़ा.
मम्मी: देख बेटा अगर तू वहाँ जाके कुछ काम धनदा करेगा. तो मैं और तेरे पापा भी वहीं आ जाएँगे. अब तू बड़ा हो रहा है. तेरी शादी भी करनी है.
मे: मम्मी मुझे आपकी बहुत याद आएगी.
मम्मी: बेटा याद मुझे भी आएगी. तू जल्दी से वहाँ अपना कमरा ले लेना. उसके बाद मैं और तेरे पापा भी आ जाएँगे.
जब मैं अपने मामा के घर आया, तो उन्होने मेरी भी जॉब लगवा दी. मैं एक फॅक्टरी में काम करने लगा, और पैसे घर भेजने लगा.
मगर मुझे मम्मी की बहुत याद आती थी. मेरा लंड बार-बार उनके लिए खड़ा हो जाता था. यहाँ अकेले रहने की वजह से में सेक्स कहानी पढ़ता था, और फिर मम्मी की चुदाई के सपने देखा करता था. लगभग 2 महीने काम करने के बाद मैने फॅक्टरी के ही पास एक कमरा ले लिया.
कमरा भी सस्ता था. नीचे बस एक बुद्धा अंकल और आंटी रहते थे. और उपर मेरा 1 कमरा बना हुआ था. मेरा रोज़ चुदाई का मॅन करता था, इसलिए मैं रोज़ कहानी पढ़ के मम्मी के नाम की मूठ मारता था. मैं रोज़ दोपहर को मम्मी को वीडियो कॉल करता था. और तब मम्मी ब्लाउस और पेटिकोट में होती थी.
मम्मी की चुचिया देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था. वो पास में मोबाइल खड़ा कर देती थी, और मुझे उनकी पूरी जवानी देखने को मिलती थी. मैं बातें करते हुए अपना लंड हिलता था, और मम्मी की चुचिया देखता था. जब मेरा ज़्यादा ही दिमाग़ खराब हो गया, तो मेरे एक दोस्त ने मुझे रंडी के बारे में बताया.
उस रंडी का नाम कमला है. आंटी की उमर 40 के आस-पास थी. वो दिखने में बिल्कुल मम्मी जैसी थी. कमला आंटी के 3 बच्चे थे, और उसका पति ऑटो चलता है. कमला आंटी 1 बार चुदाई के 300 रुपय लेती थी, और बहुत आही तरह चुदाई करवाती थी. मैं हफ्ते में 1 बार उसकी चुदाई ज़रूर करता था. कभी-कभी वो मुझसे दूसरी बार करने के पैसे नही लेती थी. मैं कमला आंटी को घर लाके भी छोड़ चुका था. सब सही चल रहा था.
फिर लगभग 8 महीने बाद मम्मी ने आने की खबर दी. मैं तो खुशी से पागल हो गया, की मैं फिर से मम्मी की जवानी देखूँगा. मगर इस बार मैं मम्मी की चुदाई करना चाहता था.
पापा ने अपना वहाँ का काम बंद कर दिया था, और फिर मम्मी और पापा पुंजब आ गये. मैं उन्हे लेने गया था. मैं लगभग 8 महीने बाद मम्मी को देख रहा था. उन्होने हल्के काले रंग की सारी पहनी हुई थी, और मैने देखा मम्मी ने ब्लाउस के नीचे सफेद ब्रा पहनी थी. उसमे उनकी चुचिया एक-दूं तन्नी हुई थी.
मैने मम्मी पापा के पैर च्छुए, और मम्मी को गले लगा लिया. इससे उनकी चुचिया डब गयी, और मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर मैं ऑटो से मम्मी और पापा को घर ले आया. पुर रास्ते मेरी खोनी मम्मी की चुचियो पर लग रही थी. मगर मम्मी वैसे ही बैठी हुई थी. उन्होने कुछ भी नही किया. घर आते ही मैने मम्मी पापा को पानी दिया.
मम्मी: बेटा कमरा तो काफ़ी छ्होटा है.
मे: हा मम्मी, बस मैं ही तो रहने वाला था. बड़े कमरे का क्या करता? वैसे अगर आप चाहो तो बड़ा कमरा ले लेंगे.
मम्मी: अभी तो यहीं ठीक है. एक बार तेरे पापा का काम भी जाम जाए, तो बड़ा ले लेंगे. वैसे यहाँ पैखना कहाँ है?
मैं मम्मी को टाय्लेट ले गया. फिर थोड़ी देर बाद वो बाहर निकल आई. तभी मामा भी आ गये. फिर मम्मी ने सब के लिए छाई बनाई, और हम सब बातें करने लगे. फिर मामा पापा को बाहर ले गये, और अब घर में मम्मी और मैं ही बचे थे.
मे: मम्मी आप कपड़े बदल लो, और तोड़ा आराम कर लो.
मम्मी: हा बेटा मैं भी यहीं सोच रही थी.
मैं फोल्डिंग पर बैठा मोबाइल चला रहा था, और इतने महीनो बाद आज मम्मी फिर से मेरे सामने नंगी हो रही थी. मम्मी ने अपनी सारी निकाल दी. उनका भरा हुआ जिस्म देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, जो मेरे ककचे में सॉफ . . .. . . . . . . . . ., . . . . . ..
मेरे घर में 4 लोग है- पापा, मम्मी, मैं, और मेरी बड़ी बेहन. बड़ी बेहन की शादी हो चुकी है. पापा की एक छाई की दुकान है, जो ज़्यादा अची नही चलती है.
मेरी मम्मी का नाम विमला है. उनकी उमर 40 साल है. मगर दिखाने में वो 30 साल की लगती है. रंग सावला है, मगर जिस्म एक-दूं भरा हुआ है. जिसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता है.
मम्मी की चुचिया 38″ की है, और उनकी बड़ी गांद लगभग 42″ या 44″ की होगी. वो कभी भी घर में ब्रा नही पहनती है, इसलिए उनकी चुचिया हमेशा लटकी हुई दिखती है.
मम्मी के निपल्स हमेशा दिखाई देते रहते है. मैने शुरू से मम्मी को नंगा देखा है. उनकी बड़ी-बड़ी चुचिया, मोटी गांद, और कभी-कभी उनकी फूली हुई बर भी देख चुका हू.
जो लोग उत्तर प्रदेश से है. वो जानते होंगे की यहाँ की औरतें सारी ही पहनती है, और घर में मेक्शी पहनती है. मेरी मम्मी भी घर में सारी और मेक्शी ही पहनती है. जब वो सारी पहनती है, तो उनका खुला हुआ पेट दिखाई देता है. मम्मी का पेट तोड़ा निकला हुआ है, मगर वो देखने में बहुत सेक्सी लगता है.
मैने भी ज़्यादा पढ़ाई नही की है. इसलिए मैं भी गाओं में आवारा गार्दी ही करता रहता था. घूमना, फिरना, और चुदाई वाली कहानी पढ़ना, या वीडियो देखना. दोस्त भी सारे हरामी थे. बस चुदाई की बातें ही करते थे. हमारी सोच बस चुदाई की थी. इसी वजह से मैं मम्मी की चुदाई करना चाहता था.
मगर मैं कभी हिम्मत नही कर पाया. बस उन्हे देख-देख कर अपना माल निकाल देता था. जब मैं ज़्यादा ही बिगड़ गया, तब मम्मी ने मुझे मेरे मामा के पास भेज दिया.
मेरे मामा पुंजब में अपनी फॅमिली के साथ रहते है. वो कुछ साल पहले ही यहाँ से गये थे. वैसे तो मेरा जाने का मॅन नही था. क्यूंकी फिर मैं मम्मी की जवानी कैसे देखता? मगर मुझे मॅन मार के मामा के घर आना ही पड़ा.
मम्मी: देख बेटा अगर तू वहाँ जाके कुछ काम धनदा करेगा. तो मैं और तेरे पापा भी वहीं आ जाएँगे. अब तू बड़ा हो रहा है. तेरी शादी भी करनी है.
मे: मम्मी मुझे आपकी बहुत याद आएगी.
मम्मी: बेटा याद मुझे भी आएगी. तू जल्दी से वहाँ अपना कमरा ले लेना. उसके बाद मैं और तेरे पापा भी आ जाएँगे.
जब मैं अपने मामा के घर आया, तो उन्होने मेरी भी जॉब लगवा दी. मैं एक फॅक्टरी में काम करने लगा, और पैसे घर भेजने लगा.
मगर मुझे मम्मी की बहुत याद आती थी. मेरा लंड बार-बार उनके लिए खड़ा हो जाता था. यहाँ अकेले रहने की वजह से में सेक्स कहानी पढ़ता था, और फिर मम्मी की चुदाई के सपने देखा करता था. लगभग 2 महीने काम करने के बाद मैने फॅक्टरी के ही पास एक कमरा ले लिया.
कमरा भी सस्ता था. नीचे बस एक बुद्धा अंकल और आंटी रहते थे. और उपर मेरा 1 कमरा बना हुआ था. मेरा रोज़ चुदाई का मॅन करता था, इसलिए मैं रोज़ कहानी पढ़ के मम्मी के नाम की मूठ मारता था. मैं रोज़ दोपहर को मम्मी को वीडियो कॉल करता था. और तब मम्मी ब्लाउस और पेटिकोट में होती थी.
मम्मी की चुचिया देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था. वो पास में मोबाइल खड़ा कर देती थी, और मुझे उनकी पूरी जवानी देखने को मिलती थी. मैं बातें करते हुए अपना लंड हिलता था, और मम्मी की चुचिया देखता था. जब मेरा ज़्यादा ही दिमाग़ खराब हो गया, तो मेरे एक दोस्त ने मुझे रंडी के बारे में बताया.
उस रंडी का नाम कमला है. आंटी की उमर 40 के आस-पास थी. वो दिखने में बिल्कुल मम्मी जैसी थी. कमला आंटी के 3 बच्चे थे, और उसका पति ऑटो चलता है. कमला आंटी 1 बार चुदाई के 300 रुपय लेती थी, और बहुत आही तरह चुदाई करवाती थी. मैं हफ्ते में 1 बार उसकी चुदाई ज़रूर करता था. कभी-कभी वो मुझसे दूसरी बार करने के पैसे नही लेती थी. मैं कमला आंटी को घर लाके भी छोड़ चुका था. सब सही चल रहा था.
फिर लगभग 8 महीने बाद मम्मी ने आने की खबर दी. मैं तो खुशी से पागल हो गया, की मैं फिर से मम्मी की जवानी देखूँगा. मगर इस बार मैं मम्मी की चुदाई करना चाहता था.
पापा ने अपना वहाँ का काम बंद कर दिया था, और फिर मम्मी और पापा पुंजब आ गये. मैं उन्हे लेने गया था. मैं लगभग 8 महीने बाद मम्मी को देख रहा था. उन्होने हल्के काले रंग की सारी पहनी हुई थी, और मैने देखा मम्मी ने ब्लाउस के नीचे सफेद ब्रा पहनी थी. उसमे उनकी चुचिया एक-दूं तन्नी हुई थी.
मैने मम्मी पापा के पैर च्छुए, और मम्मी को गले लगा लिया. इससे उनकी चुचिया डब गयी, और मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर मैं ऑटो से मम्मी और पापा को घर ले आया. पुर रास्ते मेरी खोनी मम्मी की चुचियो पर लग रही थी. मगर मम्मी वैसे ही बैठी हुई थी. उन्होने कुछ भी नही किया. घर आते ही मैने मम्मी पापा को पानी दिया.
मम्मी: बेटा कमरा तो काफ़ी छ्होटा है.
मे: हा मम्मी, बस मैं ही तो रहने वाला था. बड़े कमरे का क्या करता? वैसे अगर आप चाहो तो बड़ा कमरा ले लेंगे.
मम्मी: अभी तो यहीं ठीक है. एक बार तेरे पापा का काम भी जाम जाए, तो बड़ा ले लेंगे. वैसे यहाँ पैखना कहाँ है?
मैं मम्मी को टाय्लेट ले गया. फिर थोड़ी देर बाद वो बाहर निकल आई. तभी मामा भी आ गये. फिर मम्मी ने सब के लिए छाई बनाई, और हम सब बातें करने लगे. फिर मामा पापा को बाहर ले गये, और अब घर में मम्मी और मैं ही बचे थे.
मे: मम्मी आप कपड़े बदल लो, और तोड़ा आराम कर लो.
मम्मी: हा बेटा मैं भी यहीं सोच रही थी.
मैं फोल्डिंग पर बैठा मोबाइल चला रहा था, और इतने महीनो बाद आज मम्मी फिर से मेरे सामने नंगी हो रही थी. मम्मी ने अपनी सारी निकाल दी. उनका भरा हुआ जिस्म देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, जो मेरे ककचे में सॉफ . . .. . . . . . . . . ., . . . . . ..