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Incest ब्रा से बुर तक का सफ़र-2

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Pichla bhaag padhe:- Bra se bur tak ka safar-1

मैं बिके पर काफ़ी पीछे बैठा जिसे मम्मी मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी.

आज ऐसा लग रहा था जैसे पीछे मम्मी नही मेरी गर्लफ्रेंड बैठी हो. मैं बहुत हल्के-हल्के बिके चला रहा था, और बार-बार ब्रेक लगा रहा था, जिससे मम्मी के बड़े दूध मेरी पीठ से डब रहे थे.

मम्मी के जिस्म की गर्मी मैं महसूस कर सकता था.

वैसे भी पापा को मॅर काफ़ी साल हो चुके थे. मम्मी की बर भी काफ़ी गरम हो रही होगी, जिसे ठंडा करने वाला कोई नही था.

कुछ ही देर में हम दोनो दुकान पर पहुँच गये. मैने दुकान खोली, और मम्मी सॉफ-सफाई करने लगी. मैं समान चेक करने लगा.

मैने मम्मी के लिए 3 ब्रॅंडेड ब्रा निकली, जो काफ़ी डीप थी, जिसमे शायद मम्मी के दूध आधे से ज़्यादा बाहर ही रहते.

फिर हम दोनो कस्टमर्स में बिज़ी हो गये. शाम को 7 बजे मम्मी और मैं दुकान बंद करके घर आ गये. पुर रास्ते मम्मी के दूध मेरी पीठ पर दबे ही रहे थे, और मेरा लंड खड़ा ही रहा.

घर आते ही मम्मी बोली: बेटा मैं छाई बना के लाती हू.

मैने कहा: आप बैठो, आज मैं आपको छाई पिलाता हू.

मम्मी बोली: आज बहुत प्यार आ रहा है मुझपे.

मैने कहा: मैं तो हमेशा आपको ही प्यार करता हू.

मम्मी बोली: अर्रे बेटा मैं भी तुझे बहुत प्यार करती हू. तू ही जीने की वजह है मेरे.

मैं हम दोनो के लिए छाई बना के ले आया. मम्मी छाई पीने लगी.

फिर मम्मी बोली: छाई तो बहुत अची बनाई है. लगता है आपनी बीवी के लिए बनाना सीख रहा है.

मैने कहा: बीवी जाए भाड़ में, ये सिर्फ़ मेरी मम्मी के लिए है.

मम्मी बोली: रहने दे बेटा, बीवी आएगी तो उसके पेटिकोट में घुसा रहेगा.

मम्मी हमेशा ऐसे खुल के बातें बोल देती है.

मैने कहा: आप कहो तो आपके पेटिकोट में घुस जाता हू.

मम्मी बोली: अभी बताती हू तुझे! मेरे पेटिकोट में घुसेगा.

मैने कहा: अर्रे मज़ाक कर रहा हू.

और ये बात यही ख़तम हो गयी. मम्मी और मैं ऐसे खुल के मज़ाक कर लेते है.

मैने मम्मी से कहा: आपके लिए नयी ब्रा लेके आया हू मैं.

मम्मी बोली: दिखा.

मैने कहा: पहले खाना बना लो, फिर नहा लो, गर्मी बहुत है. तब दिखता हू आपको मेरी पसंद.

मम्मी बोली: मैं जानती हू तेरी पसंद कैसी है.

मम्मी खाना बनाने लगी, और मैं दुकान के हिसाब में लग गया. 9 बजे तक मम्मी ने खाना बना लिया. मैं अपने काम में लगा हुआ था. तभी मम्मी मेरे पास आई.

मम्मी ने सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस पहना था. गर्मी की वजह से पसीना बहुत आ रहा था.

मम्मी का ब्लाउस और बगले पूरी गीली हो गयी थी, और मम्मी की ब्रा सॉफ दिख रही थी. पसीना हल्के-हल्के बहता हुआ मम्मी के बड़े दूध की घाटी में जेया रहा था, जिसे देख कर मेरे मूह में पानी आ रहा था.

मॅन कर रहा था अभी पकड़ के चाट लू. मम्मी ने मुझे अपने दूध घूरते हुए पकड़ लिया, मगर कुछ कहा नही.

मैने कहा: मम्मी नहा लो, बहुत पसीना आ रहा है आपको.

मम्मी बोली: बेटा बस जेया ही रही हू.

फिर मम्मी बातरूम में नहाने के चली गयी. उनके जाने के 5 मिनिट बाद मैं टाय्लेट में घुस गया.

हमारे यहा बातरूम और टाय्लेट अलग-अलग है, और बीच में एक दीवार है जिससे पानी का पीपे बातरूम से टाय्लेट में आ रहा है.

यही से मैं मम्मी और बेहन को शुरू से नंगा देख रहा हू. मम्मी को काई बार बर में उंगली करते भी देखा है.

वो अपने कपड़े उतारने लगी, और नंगी हो गयी. मम्मी का पेट लटका हुआ था, और उनकी बर पर बहुत बाल थे, जिससे उनकी बर सॉफ नही दिख रही थी. वो साबुन आपने दूध और पेट और बर पर मसल रही थी.

मैं टाय्लेट से निकल के कमरे में आ गया. मम्मी भी थोड़ी देर में पेटिकोट अपने दूध पर बाँध कर अंदर आ गयी.

पेटिकोट पूरा मम्मी के जिस्म से चिपका हुआ था. मम्मी के दूध सॉफ-सॉफ दिख रहे थे. मेरा लंड तो मेरे ककचे को फाड़ के बाहर आना चाह रहा था.

मम्मी बोली: बेटा दिखा कों सी ब्रा लेके आया है मेरे लिए, पहन के देखु.

मैने साइड से पॅकेट निकाला, और उन्हे दे दिया. मम्मी ने पहली ब्रा निकली जो सफेद रंग की थी. ब्रा देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: बेटा ये तो बहुत महँगी ब्रा है.

मैने कहा: मम्मी अब आप अची ब्रा पहना करो, इससे ज़्यादा आराम मिलता है, और लाल निशान भी नही पड़ते है.

मम्मी बोली: बेटा फिर भी ये बहुत महँगी है.

मैने कहा: मम्मी क्या आपके लिए मैं इतने पैसे भी नही खर्च कर सकता हू?

मम्मी बोली: अछा ठीक है, तू चिल्ला मत.

मैने कहा: पहन के तो देखो.

फिर मम्मी ने अपना पेटिकोट कमर पर बंद किया, और उनके बड़े दूध बिल्कुल मेरे सामने थे. मम्मी ब्रा पहन के देखने लगी. इस बार मैं मम्मी के लिए सामने से बंद होने वाली ब्रा लाया था.

मम्मी बोली: बेटा ये तू अलग ब्रा लेके आया है.

मैने कहा: हा मम्मी, ये सामने से बंद होती. हाथ मोड़ के पीछे करने का झंझट नही है.

फिर मम्मी ब्रा पहनने लगी. मम्मी ब्रा बंद नही कर पा रही थी.

वो बोली: बेटा तू छ्होटी साइज़ की ब्रा लाया है.

मैने कहा: नही मम्मी, एक हाथ से दूध पाकड़ो, फिर लगाओ. लाओ मैं लगता हू.

इससे पहले मम्मी कुछ कह पाती, मैने उनके दोनो दूध को पकड़ लिया. मम्मी को शायद इस बात की उमीद नही थी.

मैने मम्मी के दोनो दूध उपर उठा दिए, और मम्मी ने जल्दी से ब्रा को आयेज से बंद कर दिया. उनके दूध ब्रा में बहुत टाइट लग रहे थे, और उनकी क्लीवेज तो पूरी दिखाई दे रही थी.

मैने कहा: मम्मी कैसी लग रही है?

मम्मी बोली: बहुत अची फिटिंग है.

मैने कहा: और भी 2 ब्रा है, वो पहन के देख लो.

मम्मी ने फिर अपनी ब्रा खोल दी, और ब्रा खुलते ही उनके बड़े दूध उछाल के बाहर आ गये. उन्होने दोनो ब्रा निकली, जो लाल और काले रंग की थी.

फिर मम्मी बोली: बेटा तू ये लाल और काले रंग की ब्रा क्यूँ लाया है? मैं तो ये पहनती नही हू.

मैने कहा: मम्मी आज कल सब कलर की ब्रा चलती है, और आज कल सब लॅडीस यही पहनती है.

मम्मी बोली: बेटा तेरे पापा के रहते मैने कभी नही पहनी.

मैने कहा: मम्मी अब मैं हू आपके साथ, आपका जो मॅन करे वही पहनो. और ये लाल रंग तो आपके उपर बहुत अछा लगता है.

मम्मी बोली: शरम नही आती तुझे ऐसा बोलते हुए?

मैने कहा: मम्मी आप से मुझे बिल्कुल शरम नही लगती है. वैसे भी बचपन से आपको कपड़े बदलते देख रहा हू, और आप भी तो मेरे सामने आराम से कपड़े बदल लेती है.

मम्मी बोली: तू मेरा बेटा है, इसलिए मुझे भी शरम नही आती है.

ये पार्ट यही रोकते है, नेक्स्ट पार्ट जल्द मिलेगी. तब तक अपने सजेशन्स और फीडबॅक भेजते रहिए.

अगला भाग पढ़े:- ब्रा से बर तक का सफ़र-3
 
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