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- Dec 12, 2024
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हेलो फ्रेंड्स सभी को मेरी प्यार भरी नमस्ते. ये मेरी अपनी चुदाई कहानी है तो मैं थोड़ा घबरा कर लिख रही हु. पहली कहानी बताने जा रही हु न तो थोड़ी घबराहट भी हो रही है. कहीं गलती हुई होगी तो मुझे प्लीज कमेंट या मेल करके बताना. ताकि मैं अगली कहानी में सुधर सकू.तो मैं अपनी परिचय देती हु आप सब को. जी मेरा नाम अंजलि है और सब मुझे दिशा नाम से बुलाते है. वैसे तो मैं मैरिड हु. मैं अपनी उम्र नहीं बताउंगी. हां पर फिगर बता देती हु ताकि आप सब मैं ही मैं इमेजिन कर सको. तो मेरी फिगर है ३६-२७-३५. अब उम्र नहीं बताई इसलिए सॉरी पर नेक्स्ट पार्ट में बताउंगी ज़रूर. आपको मेरी फिगर कैसी लगी मुझे ज़रूर बताना.तो अब आप सब को मैं कहानी की और ले चलती हु बिना देरी किया. टाइटल से तो आपको पता चल ही गया होगा की कहानी किसके साथ है. ये मेरी पहली कहानी मतलब मेरी पहली चुदाई की कहानी है. तो मैं आप सब को एक्सप्लेन करके बताउंगी. आप धीरज के साथ नहीं बल्कि मेरे साथ कहानी का आनंद लीजिये.हां तो बात तब की है जब मैं डिग्री कर रही थी. तब मेरी उम्र १९ थी. उम्र के अनुसार मैं तब एक-दम सुन्दर थी. मेरे तन्न-बदन के अंदर यौवन रस एक-दम भरपूर था. इंटरमीडिएट तक मुझे किसी ने हाथ तक नहीं लगाया था. मैं बस इंतज़ार कर रही थी की कब ग्रेजुएशन के लिए मैं कॉलेज जाऊ और वहां पे सब लड़कियों की तरह मैं भी भरपूर आनंद ले सकू.आखिर व समय आ ही गया और मेरी एडमिशन एक नए कॉलेज में हो गयी. क्लासेज शुरू होने के बाद मैं सबसे मिली और मुझे ऐसा लगा की क्लास की सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन मैं ही थी. क्यूंकि सब की नज़र मुझ पर ही थी. कॉलेज के कुछ ही दिनों में मुझे ५-६ लड़कों ने प्रोपोज़ भी किया पर मैं संभल कर जवाब देना चाहती थी.किसी का भी प्रपोजल एक्सेप्ट नहीं किया तो मैं ज़्यादा भाव खा रही थी सोच कर बहुत लड़कों ने मुझे पटाने के लिए कोशिश की. मुझे फॉलो करके किसी भी तरह से इम्प्रैशन बढ़ाना चाहते थे.आखिर मैंने उनमे से एक को चुन ही लिए. उसका नाम सुजीत था. देखने में एक-दम लम्बा मुझसे १ फ़ीट और ऊँचा होगा वो. एक महीने के अंदर आलरेडी वो मुझे तीन बार प्रोपोज़ किया था पर मैं एक्सेप्ट नहीं की थी. ४थ टाइम मैंने उसे हां कह दी. वो देखने में भी ाचा था और एथलेटिक बॉय था. फिर हम दोनों कॉलेज में टाइम स्पेंड करने लगे.सुजीत मुझे सब बता रहा था की कॉलेज के और लड़के मुझे कैसे देखते थे मेरे बारे में क्या बात करते थे सब. उसने काफी बातें बताई जिन्हे मैं भी सुन के हैरान हो गयी की क्या कुछ सोचते थे वो मेरे बारे में. उसकी बात सुन के मुझे मज़ा भी आ रहा था.धीरे-धीरे हमारी करीबियां बढ़ने लगी. हम क्लास में भी साथ बैठने लगे. मैं क्लास की कुछ टॉप स्टूडेंट्स में थी और वो एथलेटिक बॉय के हिसाब से हम दोनों की इमेज सब टीचर्स को भी पसंद था. तो कोई भी हमें कुछ नहीं बोलता था. हम दोनों एक-दुसरे की करीब आने लगे.तब तक हमारे बीच में नोर्मल्ली किसिंग चालु हो गयी थी. गाल पे ही कर रहे थे किश लिप पे यानि लिप किश नहीं किया था. सुजीत का तो पता नहीं पर मैं लिप किश करने के लिए उतावली हो रही थी. उतने में सुजीत ने मैं जिस ट्यूशन पे जाती थी वहीँ कोचिंग undefined कर ली. इस हिसाब से हमें और भी टाइम मिलने लगा एक-दुसरे के साथ वक़्त बिताने के लिए. ऐसे करके हम और करीब आते गए और वो मुझे उसके घर भी ले जाने लगा पढ़ाई के लिए.सुजीत के घर पे मैं उसे पद्धति थी. क्यूंकि वो थोड़ा कमज़ोर था स्टडी में. और हम उसके घर पे सिर्फ पढ़ाई ही करते थे. उसके मम्मी डैडी कुछ नहीं बोलते थे. अंकल और आंटी अचे थे और मुझे रोज़ उनके घर आने के लिए बोलते थे. ताकि मैं सुजीत को पढ़ाई में कंपनी दे सकू और कुछ डॉब्टस हो तो समझा सकू.सुजीत के घर पे ही एक दिन हम दोनों उसके रूम के अंदर बैठे थे. तब-सुजीत: अंजलि एक बात बोलू?मैं: हां बोलो.सुजीत: कब तक ऐसे गाल पे ही मुझे तुम्हारे लिप्स पे किश करना है. अगर तुम बुरा न मानो तो.( कब से मैं उसके मुँह से ये सुन्ना चाहती थी की कुछ आगे बढे हमारे बीच)मैं: अरे नहीं-नहीं क्या बोल रहे हो तुम (मेरे होंठ तो कब से तैयार थे पर शर्म के मारे मैं नाटक कर रही थी).सुजीत: क्यों तुम नहीं चाहती? तुम्हे पसंद नहीं है क्या?मैं: उम् नहीं बिलकुल नहीं मैंने कभी नहीं की. और तो और घर पे अंकल आंटी है (पसंद होते हुआ भी मन कर दी).सुजीत: अरे मम्मी डैडी नहीं आएंगे. टेंशन मत लो तुम. और मैंने भी तो नहीं किया सिर्फ मूवीज में ही देखा है. बहुत मज़ा आता है देख कर. करने से और भी मज़ा आएगा. क्यों तुमने कभी देखा है की नहीं?मैं: देखि हु न.सुजीत: हां तो चलो न तरय करते है.मैं: नहीं मुझसे नहीं होगा ये सब. मैं नहीं कर पाऊँगी.सुजीत: ाचा ठीक है तुम कुछ मत करो. मैं कर लूँगा सब. तुम सिर्फ मुँह सामने करके आँखें बंद कर लो.मैं: नहीं (इच्छा होते हुए भी).सुजीत: अरे तुम समझ नहीं रही हो. एक बार करो मज़ा आएगा.मैं (फिर भी): नहीं.सुजीत undefined ाचा पहले-पहले गाल पे किश करते वक़्त भी ऐसे ही बोली थी तुम. फिर किया की नहीं.मैं: वो अलग है.सुजीत: अरे कुछ अलग नहीं. गाल पे किश करने से जितना भी मज़ा आता है उससे सौ गुना ज़्यादा मज़ा आएगा लिप्स पे किश करने से. तुम समझ नहीं रही हो. एक बार तरय तो करके देखो.अभी भी मैं सुजीत को तड़पा रही थी. मुझे तो करनी थी लिप किश पर उसे तड़पता हुआ देख मैं उसका मज़ा ले रही थी.सुजीत: ाचा ठीक है सुनो न (मेरा हाथ पकड़ते हुए). प्लीज तुम्हे कुछ करने की ज़रुरत नहीं तुम आँखें बंद कर लो मैं कर लूँगा. एक बार तो तरय करो न.मैं: ाचा ठीक है.सुजीत: यस यस यस.मैं: क्या हुआ? इतनी खुसी?(मैं भी अंदर ही अंदर बहुत खुश थी पहली लिप किश के लिए)सुजीत: थोड़ा एक्ससिटेड हो गया.मैं: सिर्फ एक बार.सुजीत: हां-हां तुम आँखें बंद करो पहले.इसके आगे मेरी चुदाई कहानी में क्या हुआ ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.