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- Dec 12, 2024
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फॅमिली सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैने अपनी बेहन की नंगी गांद देखी, जब वो सस्यू कर रही थी. फिर मैने खुद भी बस में उसके सामने सस्यू करके उसको अपना लंड दिखाया. अब हम दोनो के मॅन में एक-दूसरे के लिए अश्लील विचार थे. आयेज-
इस बार प्रांची ने खुद कहा: यार एक पर्मिशन चाहिए तुझसे? तुझे तो पता है मैं तेरे साथ कंफर्टबल फील करती हू. मुझे गर्मी लग रही है, मैं त-शर्ट निकाल लू क्या? मुझे वैसे नींद नही आती?
जैसे ही उसने ये बोला, मैं खुश हो गया.
मैने बोला: यार तूने मेरे मूह की बात चीन ली. मुझे भी अंडरवेर में ही सोने की आदत है.
वो बोली: सेम मैं भी.
मैने बोला: तो उतार ले.
हम स्लीपर में थे, तो टेन्षन की बात नही थी. लाइट्स भी बंद थी. उसने अपनी त-शर्ट निकाल दी, और मैने भी अपनी उतार ली. अब मैं अपनी लवर निकाल के बैठ गया. मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था, और मेरा लंड एक-दूं तंन के खड़ा था. जैसे ही उसने त-शर्ट निकाल के रखी, मैं उसको देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थी ब्लॅक कलर की ब्रा में.
मैने उससे पूछा: तू भी तो अंडरवेर में सोती है ना?
उसने कहा: हा पर तेरे सामने?
मैने बोला: अभी तो तूने कहा तू कंफर्टबल रहती है मेरे साथ.
तब वो बिना कुछ बोले अपनी लोवर निकाल के बैठ गयी. उसकी ब्लॅक पनटी देख के मैं पागल हो रहा था. सर से पैर तक एक गोरी-सी-इत्टई आइटम थी वो. उपर से ब्लॅक ब्रा-पनटी में. क़यामत लग रही थी वो. मेरा लंड और ज़्यादा उफान पर आ गया. उसने भी ये नोटीस कर लिया था.
अब हम दोनो लेट गये सोने के लिए. वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी. उसकी उभरी हुई गांद देख के मॅन कर रहा था अभी लंड डाल डू.
फिर मैने उसको पूछा: तुझे नींद आ रही?
उसने ना बोला. फिर हम बातें करने लगे. हम दोनो का फेस एक-दूसरे के आमने-सामने था. बातें करते-करते हम थोड़े करीब हो गये. हम दोनो के नंगे जिस्म एक-दूसरे से टच हो रहे थे.
मैने कहा: प्रांची एक बात बोलू?
वो बोली: हा बोल.
मैने कहा: यार तू बहुत खूबसूरत है.
वो बोली: क्या फ़ायदा यार भाई खूबसूरती का? कोई होना भी तो चाहिए ना.
मैं बोला: एक बात पूचु?
वो बोली: पूच.
मैं बोला: तेरी भी नीड्स है, और मेरी भी. क्यूँ ना हम दोनो आपस में पूरी करे एक-दूसरे के साथ? बात घर में भी रहेगी, और किसी को पता भी नही चलेगा?
वो मेरे करीब थी. जैसे ही मैने ये बोला, उसने मेरे लिप्स पर किस करना स्टार्ट कर दिया. मैं तो जैसे शॉक हो गया, पर मैं मौका कहा छ्चोढने वाला था. हम दोनो 5 मिनिट तक नों-स्टॉप किस करते रहे, और जब साँसे उखाड़ने लगी, तब डोर हुए.
उसने बोला: मैं कब से ये सुनना चाहती थी तेरे मूह से रवि.
उसने मेरे लंड को हाथ से सहलाते हुए कहा: मैं खुद भी यहीं चाहती हू, की मैं इसको अपनी छूट में समा लू.
मेरे लंड को हाथ से दबाते हुए उसने कहा: मेरी प्यास बुझा दे रवि.
मैने जैसे ही ये सुना, मैं उसपे टूट पड़ा. उसको किस करने लगा. हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे को डीप्ली किस करने लगे. मैं उसके बूब्स को अपने हाथो से दबाने लगा. ऐसे ही करते हुए मैने ब्रा का हुक खोला, और उसके बूब्स दबाने लगा. वो भी मेरा अंडरवेर निकाल कर मेरा लंड हाथो में लेके मसल-मसल के हिला रही थी.
मैं उसके गले पर किस करने लगा. वो और ज़्यादा गरम होने लगी. मैने उसकी पनटी में हाथ डाल के उसकी छूट सहलाई. वाह क्या छूट थी उसकी, बिल्कुल मक्खन जैसी. मैं उसकी छूट को मसालने लगा, और उसके बूब्स को चूसने लगा. उसके निपल्स को दाँत से बीते करने लगा. वो पगल होने लगी.
मैने उठ के उसकी पनटी निकली. उसकी छूट देख के मैं उसमे खो सा गया. उसकी छूट पे किस किया, तो वो सहम गयी. मैं उसकी छूट चाटने लगा. वो पागल जैसे आ आहह उम्म्म्म करने लगी. मैने फिर उसे पूछा-
मैं: मेरा चूसेगी?
वो मान गयी. फिर हम दोनो 69 की पोज़िशन में आ गये. जैसे ही उसने मेरे लंड पे अपनी जीभ लगाई, मेरी बॉडी में करेंट दौड़ने लगा. मैं उसकी छूट पे टूट पड़ा, और अपनी ज़ुबान को अंदर तक डाल कर उसकी छूट चाटने लगा. इस बीच वो झाड़ गयी.
उसके चूसने से मेरा लंड भी पानी छ्चोढने वाला था. मैने उसको बोला मेरा आने वाला था. उसने अपने मूह से मेरा लंड नही निकाला. मेरा पानी जैसे ही निकला, वो सारा पानी गतक गयी. हम दोनो लंबी-लंबी साँसे लेने लगे.
फिर हम दोनो एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे. तब तक मेरा फिर से खड़ा हो गया. मैं उसकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा.
उसने मेरे बालों में हाथ डाल के मुझसे कहा: रवि मुझसे सबर नही हो रहा भाई, डाल दे अपना लंड, और बुझा दे मेरी प्यास. डाल दे भाई.
मैने भी उसकी छूट पे लंड को घिस-घिस के उसकी छूट पे सेट किया, और एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया. मुझे पता था ये अचानक हुआ हमला से नही पाएगी. तो मैने उसके गुलाबी होंठो को चूस्टे हुए अंदर लंड डाल दिया.
उसकी आँखों में आँसू आ गये. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गाढ़ने लगी. मैं तोड़ा रुका. फिर वो जैसे ही शांत हुई, मैने फिर से एक धक्का मारा. इस बार पूरा लंड अंदर चला गया. वो तड़पने लगी, अपने पैर घिसने लगी, हाथो से मुझे धक्का देके डोर करने लगी. मैने उसको सहलाते हुए शांत किया. फिर 2 मिनिट में वो शांत हुई, और मैने अपने धक्के स्टार्ट किए.
मैं उसकी चुदाई करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था. वो मुझे अपनी और खींचने लगी. मैं उसको चिपक के चुदाई का मज़ा ले रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैने उसको पलट कर घोड़ी बना लिया, और उसके बूब्स को मसालते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
लगभग 17-18 मिनिट की चुदाई के बाद वो 2 बार झाड़ गयी थी. मेरा भी होने वाला था. मैने उससे पूछा की कहा निकालु?
उसने बड़े ही प्यार से कहा: मेरा पहला सेक्स है, आज अंदर ही निकालो जी.
मैं ये सुन के और जोश में उसकी चुदाई करने लगा, और सारा माल अंदर ही निकाल लिया. हम दोनो तक गये थे, और एक-दूसरे से चिपक के लेट गये. बस में मैने उसको 2 बार छोड़ा.
फिर जब हम औरंगाबाद पहुँचे, तो एग्ज़ॅम के बाद हमने होटेल में रूम बुक किया था. वहाँ भी मैने उसकी बहुत चुदाई की. अब हम दोनो को जब भी मौका मिलता है, हम सेक्स करते है.
इस बार प्रांची ने खुद कहा: यार एक पर्मिशन चाहिए तुझसे? तुझे तो पता है मैं तेरे साथ कंफर्टबल फील करती हू. मुझे गर्मी लग रही है, मैं त-शर्ट निकाल लू क्या? मुझे वैसे नींद नही आती?
जैसे ही उसने ये बोला, मैं खुश हो गया.
मैने बोला: यार तूने मेरे मूह की बात चीन ली. मुझे भी अंडरवेर में ही सोने की आदत है.
वो बोली: सेम मैं भी.
मैने बोला: तो उतार ले.
हम स्लीपर में थे, तो टेन्षन की बात नही थी. लाइट्स भी बंद थी. उसने अपनी त-शर्ट निकाल दी, और मैने भी अपनी उतार ली. अब मैं अपनी लवर निकाल के बैठ गया. मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था, और मेरा लंड एक-दूं तंन के खड़ा था. जैसे ही उसने त-शर्ट निकाल के रखी, मैं उसको देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थी ब्लॅक कलर की ब्रा में.
मैने उससे पूछा: तू भी तो अंडरवेर में सोती है ना?
उसने कहा: हा पर तेरे सामने?
मैने बोला: अभी तो तूने कहा तू कंफर्टबल रहती है मेरे साथ.
तब वो बिना कुछ बोले अपनी लोवर निकाल के बैठ गयी. उसकी ब्लॅक पनटी देख के मैं पागल हो रहा था. सर से पैर तक एक गोरी-सी-इत्टई आइटम थी वो. उपर से ब्लॅक ब्रा-पनटी में. क़यामत लग रही थी वो. मेरा लंड और ज़्यादा उफान पर आ गया. उसने भी ये नोटीस कर लिया था.
अब हम दोनो लेट गये सोने के लिए. वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी. उसकी उभरी हुई गांद देख के मॅन कर रहा था अभी लंड डाल डू.
फिर मैने उसको पूछा: तुझे नींद आ रही?
उसने ना बोला. फिर हम बातें करने लगे. हम दोनो का फेस एक-दूसरे के आमने-सामने था. बातें करते-करते हम थोड़े करीब हो गये. हम दोनो के नंगे जिस्म एक-दूसरे से टच हो रहे थे.
मैने कहा: प्रांची एक बात बोलू?
वो बोली: हा बोल.
मैने कहा: यार तू बहुत खूबसूरत है.
वो बोली: क्या फ़ायदा यार भाई खूबसूरती का? कोई होना भी तो चाहिए ना.
मैं बोला: एक बात पूचु?
वो बोली: पूच.
मैं बोला: तेरी भी नीड्स है, और मेरी भी. क्यूँ ना हम दोनो आपस में पूरी करे एक-दूसरे के साथ? बात घर में भी रहेगी, और किसी को पता भी नही चलेगा?
वो मेरे करीब थी. जैसे ही मैने ये बोला, उसने मेरे लिप्स पर किस करना स्टार्ट कर दिया. मैं तो जैसे शॉक हो गया, पर मैं मौका कहा छ्चोढने वाला था. हम दोनो 5 मिनिट तक नों-स्टॉप किस करते रहे, और जब साँसे उखाड़ने लगी, तब डोर हुए.
उसने बोला: मैं कब से ये सुनना चाहती थी तेरे मूह से रवि.
उसने मेरे लंड को हाथ से सहलाते हुए कहा: मैं खुद भी यहीं चाहती हू, की मैं इसको अपनी छूट में समा लू.
मेरे लंड को हाथ से दबाते हुए उसने कहा: मेरी प्यास बुझा दे रवि.
मैने जैसे ही ये सुना, मैं उसपे टूट पड़ा. उसको किस करने लगा. हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे को डीप्ली किस करने लगे. मैं उसके बूब्स को अपने हाथो से दबाने लगा. ऐसे ही करते हुए मैने ब्रा का हुक खोला, और उसके बूब्स दबाने लगा. वो भी मेरा अंडरवेर निकाल कर मेरा लंड हाथो में लेके मसल-मसल के हिला रही थी.
मैं उसके गले पर किस करने लगा. वो और ज़्यादा गरम होने लगी. मैने उसकी पनटी में हाथ डाल के उसकी छूट सहलाई. वाह क्या छूट थी उसकी, बिल्कुल मक्खन जैसी. मैं उसकी छूट को मसालने लगा, और उसके बूब्स को चूसने लगा. उसके निपल्स को दाँत से बीते करने लगा. वो पगल होने लगी.
मैने उठ के उसकी पनटी निकली. उसकी छूट देख के मैं उसमे खो सा गया. उसकी छूट पे किस किया, तो वो सहम गयी. मैं उसकी छूट चाटने लगा. वो पागल जैसे आ आहह उम्म्म्म करने लगी. मैने फिर उसे पूछा-
मैं: मेरा चूसेगी?
वो मान गयी. फिर हम दोनो 69 की पोज़िशन में आ गये. जैसे ही उसने मेरे लंड पे अपनी जीभ लगाई, मेरी बॉडी में करेंट दौड़ने लगा. मैं उसकी छूट पे टूट पड़ा, और अपनी ज़ुबान को अंदर तक डाल कर उसकी छूट चाटने लगा. इस बीच वो झाड़ गयी.
उसके चूसने से मेरा लंड भी पानी छ्चोढने वाला था. मैने उसको बोला मेरा आने वाला था. उसने अपने मूह से मेरा लंड नही निकाला. मेरा पानी जैसे ही निकला, वो सारा पानी गतक गयी. हम दोनो लंबी-लंबी साँसे लेने लगे.
फिर हम दोनो एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे. तब तक मेरा फिर से खड़ा हो गया. मैं उसकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा.
उसने मेरे बालों में हाथ डाल के मुझसे कहा: रवि मुझसे सबर नही हो रहा भाई, डाल दे अपना लंड, और बुझा दे मेरी प्यास. डाल दे भाई.
मैने भी उसकी छूट पे लंड को घिस-घिस के उसकी छूट पे सेट किया, और एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया. मुझे पता था ये अचानक हुआ हमला से नही पाएगी. तो मैने उसके गुलाबी होंठो को चूस्टे हुए अंदर लंड डाल दिया.
उसकी आँखों में आँसू आ गये. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गाढ़ने लगी. मैं तोड़ा रुका. फिर वो जैसे ही शांत हुई, मैने फिर से एक धक्का मारा. इस बार पूरा लंड अंदर चला गया. वो तड़पने लगी, अपने पैर घिसने लगी, हाथो से मुझे धक्का देके डोर करने लगी. मैने उसको सहलाते हुए शांत किया. फिर 2 मिनिट में वो शांत हुई, और मैने अपने धक्के स्टार्ट किए.
मैं उसकी चुदाई करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था. वो मुझे अपनी और खींचने लगी. मैं उसको चिपक के चुदाई का मज़ा ले रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैने उसको पलट कर घोड़ी बना लिया, और उसके बूब्स को मसालते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
लगभग 17-18 मिनिट की चुदाई के बाद वो 2 बार झाड़ गयी थी. मेरा भी होने वाला था. मैने उससे पूछा की कहा निकालु?
उसने बड़े ही प्यार से कहा: मेरा पहला सेक्स है, आज अंदर ही निकालो जी.
मैं ये सुन के और जोश में उसकी चुदाई करने लगा, और सारा माल अंदर ही निकाल लिया. हम दोनो तक गये थे, और एक-दूसरे से चिपक के लेट गये. बस में मैने उसको 2 बार छोड़ा.
फिर जब हम औरंगाबाद पहुँचे, तो एग्ज़ॅम के बाद हमने होटेल में रूम बुक किया था. वहाँ भी मैने उसकी बहुत चुदाई की. अब हम दोनो को जब भी मौका मिलता है, हम सेक्स करते है.