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Outdoor बस पे एक अंजन आदमी के साथ कुछ अवैध काम – पार्ट 2

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Dec 12, 2024
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थॅंक योउ, फ्रेंड्स, आप सबके ऑनेस्ट फीडबॅक के लिए. ई रियली एंजाय्ड शेरिंग आंड लिसनिंग तो युवर व्यूस ओं तीस. बहोट सारे एमाइल्स के बाद ई आम एंकरेज्ड तो पोस्ट थे 2न्ड पार्ट ऑफ थे स्टोरी. मेने स्टोरी काफ़ी मुश्क़िल से लिखी है क्यूकी इश्स तरह की बातें होतो पे लाना मेरे लिए आसान नही हैं. मेने कोशिश की है के इसके एक एक शब्द मे सचाई हो यूयेसेस एग्ज़ॅक्ट इन्सिडेंट की. जानते हैं आयेज क्या हुआ?

अगले करीब 5 मिनिट वो यूही मेरे दोनो दूध से खेलता रहा, मेरे नुकीले निपल को प्यार से नोचते हुए. इतना समय होगआया था के कब मेरी पनटी गीली होगआई पता ही नही चला. बस पहुचने मे ज़्यादा समय नही था. तो मेने सोचा, ‘पता नही दोबारा ज़िंदगी मे ऐसा मौका मिलेगा या नही.’ बस सिटी मे नही पहुचि थी, इसलिए बाहर कोई लाइट नही थी और बस की अंदर की लाइट नही जलने की वजह से बस के अंदर पीछे वाली जगह पूरा अंधेरा सा था. यह सोचके मेने थोड़ी हिम्मत जोड़ी और अपना हाथ जिससे में उसके हाथ को बार बार रोक रही थी, नीचे कर दिया. और दोनो हाथ खोलके सीधी खड़ी होगआई.

उसके लिए ये इशारा काफ़ी था शायद. उसने बिना देर किए खुदको पोले के सहारे खड़ा किया और मुझको अपने बीचमे साध लिया ताकि बस हिलने पर मे बिना सपोर्ट गिरु नही और दोनो हाथ मेरी टॉप के नीचे से डालके मेरी ब्रा को झटके से उपर करके मेरी टॉप नीचे करदी ताकि किसिको उसका हाथ ना दिखे और दोनो चूचियो को सहलाने लगा. पूरी हथेली से मेरे खड़े हुए निपल पर हाथ फेरने लगा. दोनो दूध को कभी प्यार से सहलाता तो कभी तोड़ा दबाता.

कुछ देर बाद मेरी चूचियो को ऐसे मसल मसल के निचोड़ रहा था जैसे दूध निकाल रहा हो. मेरे दूध को नीचे से पेट की तरफ से उठाते हुए दबके उपर तक लाता और ज़ोर्से गोल घूमके निचोड़ देता निपल नोचते हुए. बार बार वो ऐसे ही नीचे से मेरी चूचिया उठाता और अपनी हथेली से उन्हे गोल घूमके कासके निचोड़ देता जिससे मेरी हल्की सी आ निकल जाती और निपल खीचता लास्ट मे. वो 15-20 बार बहोट धीरे धीरे और सफाई से ऐसा करता रहा.

मेरे अंदर एक खुशी की ल़हेर दौड़ उठी थी. उसके हाथ जो मेरे दुधो के साथ कर रहे थे, मे शब्दो मे बयान नही कर सकती लेकिन उसके सख़्त हाथ मेरी गरम-नरम चूचियो को दबा दबके वो प्यार और मज़ा दे रहे थे जिसके लिए मेरे बूब्स हमेशा से तरसते थे. वो जिसस तरह ये सब कर रहा था और लास्ट मे अपनी कड़क उंगलियो मे मेरे निपल घुमा रहा था, मेरे अंदर नशा च्चाने लगा था.

पता नही, मेने आँखे बंद करके कब अपना सर पीछे को करके उसकी चेस्ट पे रख लिया और नशे मे झूमने लगी. मे ना चाहकर भी अपने बूब्स यहा वाहा हिलाने लगी, उसकी पकड़ की गुदगुदाहट से बचने के लिए. मेरा उपर का बदन कभी तो यहा वाहा, कभी गोल-गोल तो कभी आयेज पीछे नाच रहा था. मे क्या करती? उसके हाथो मे कुछ ऐसा जादू सा था, मे खुदको संहाल नही पा रही थी. मेरे पुर शरीर मे खून का संचालन जैसे बढ़ गया हो.

मेरे चेहरे पे मुस्कुराहट आने लगी थी. ना चाहते हुए भी मे हासणे लगी. मे चाहती थी ये गुदगुदी कभी बंद ना हो. उसने इश्स बात का फयडा उठाया और एक हाथ से मेरे दूध दबाता रहा और उंगलिया निपल पे चलता रहा और दूसरे हाथ को कमर से लाते हुए पेट से नीचे ले जाकर सीधे मेरी लेगिंग और पनटी के अंदर डाल दिया. मेने एकद्ूम आँख खोली तो उसका चेहरा सीधे मेरे आँखो के उपर था जो मुझे ही घूर के देख रहा था.

मेने एकद्ूम से अपने हाथो से उसके रिघ्त हॅंड को नीचे जाने से रोकना चाहा. लेकिन जब तक मे उसको रोक पाती, उसका रिघ्त हॅंड मेरी छूट के उपर पहुँच गया था. मेने जैसे तैसे करके उसकी मोटी कलाई को दोनो हाथो से पकड़ा ताकि वो नीचे मेरी छूट मे कुछ कर ना पाए. वो सिर्फ़ मेरे हब्बी के लिए है, में ऐसा मानती थी. लेकिन उसकी कलाई कासके पकड़ने के बावजूद वो अपनी उंगलिया मेरी फूली हुई छूट के हिस्से पे घुमाने लगा. मेने उसे बहोट रोकने की कोशिश की लेकिन उसकी उंगलियों ने मेरी गीली छूट के च्चेड़ पे उंगली रखके अंदर की तरफ सरकाना शुरू कर दिया था.

मे हमेशा क्लीन रहना पसंद करती हू, इसलिए इंटरव्यू के एक दिन पहले ही मेने फुल बॉडी वॅक्स भी कराई थी. इसलिए छूट पे बाल भी नही थे. मुझे हब्बी से सेक्स किए हुए करीब 3 हफ्ते होने की वजह से मेरी छूट कस गयी थी. उसको उंगली पे गीलापन महसूस हुआ तो उसने मुस्कुरके धीरे से कहा, “कुवारि छूट हैईना? इसलिए . मज़े ले रही हो?”

मुझे पता नई क्या होगआया था. मेने भी ‘हन’ मे अपना सर हिला दिया. मेरे दिमाग़ ने, ., काम करना बंद कर दिया हो. उसने ये सुनते ही मेरा हाथ . . हाथ को आज़ाद कर लिया, और मेने भी . से उसके हाथ को . दिया. शायद मुझे . था के आयेज वो मेरे साथ क्या ..

उसने धीरे धीरे पूरी उंगली मेरे अंदर सरका दी. सच कह रही हू; उसकी उंगली इतनी मोटी और लंबी थी जैसे के कोई लंड हो. उसने अपनी उंगली मेरे अंदर गोल गोल घुमणि शुरू करदी. में तो जैसे पागल होगआई थी, और उसकी उंगली के साथ साथ खुद भी हिलने लगी जैसे नाच रही हू. उसने मेरी कमर को कासके पकड़ा ताकि मे हिल ना पौ और उसने कासके मेरी गांद खुदपे दबा ली. तब पहली बार उसका लंड मुझे अपनी लेगिंग से मेरी हल्की उभरी हुई गांद पे फील हुआ.

मेरी छूट को इतनी उंगली करवाने की आदत नही थी, इसलिए मेरी छूट बहोट पानी छ्चोड़ रही थी जिससे मुझे बहोट शरम लग रही थी पर मज़ा भी आरहा था. उसने उंगली इतनी ज़ोर्से अंदर बाहर करनी शुरू की के मुझे ‘पूछ पूछ’ और ‘सात सात’ की आवाज़ सुनाई देने लगी. मेने जल्दी से उसका हाथ थाम लिया तो वो भी समझ गया और धीरे धीरे ही मेरी छूट मे उंगली डालता रहा.

मे अब पूरी तरह खुदको उसके हवाले कर चुकी थी. मेने अपनी दोनो टांगे उसके लिए खोल दी और फैल के खड़ी होगआई. उसकी बीच की उंगली जब मेरी गीली छूट मे पूरी तरह घुस जाती थी, तब वो उंगली घूमके मेरी छूट को अंदर से गुदगुदाता था जैसे खुजा रहा हो अंदर से मेरी छूट, और उसकी हथेली मेरी बाहर की पूरी छूट पे रगड़ती और उपर से उसका हाथ मेरी लेफ्ट चूची से खेल रहा था.

मेरी चीखके ना निकले, इसीमे मेरा सारा ध्यान था. इतना सब हो उसके बाद भी सीधा खड़े रहना ताकि किसीकि शक़ ना हो, इसमे बहोट हिम्मत लगी. उसके लंबे चौधे शरीर की पकड़ मे, में कोई उसका छ्होटा सा खिलोना लग रही थी जिसको जकड़के वो मॅन चाहे तरीके से खेल रहा हो. उसका यही निडर अंदाज़ मुझे अक्चा लगा. उसकी गरम साँसें मे अपनी गर्दन पे महसूस कर रही थी.

इतना पानी मेने आखरी बार कब छ्चोड़ा था याद नही, उसका हाथ पूरा गीला महसूस हो रहा था जिससे उसकी हिम्मत बढ़ी और उसने दूसरी उंगली भी मेरी छूट के अंदर झटके से डाल्डी और गोल गोल घूमने लगा. पता नई उसको क्या हुआ, उसने दो उंगली और अपनी हथेली के सहारे मुझे पूरा हवे मे उठा दिया. मेरे दोनो पैर हवे मे, दूध उसके हाथ मे, छूट मे उसकी दो उंगलिया और गांद उसके लंड से टकराती हुए, उसने करीब 30 सेकेंड मुझे हवे मे रखके दो उंगली मेरे अंदर घुमाई और नीचे रख दिया और अपना हाथ एकद्ूम से मेरी पनटी से बाहर निकल लिया.

मे हैरान हुई उसने एकद्ूम ऐसे क्यू किया क्यूकी ऐसे हवा मे उड़ते हुए उंगली करवाने मे मुझे सुख और आनंद महसूस हो रहा था और मॅन मे मस्ती छा रही थी. लेकिन मेने देखा के लोगो ने पीछे से सीट से उतना शुरू कर दिया था और बस मे हुलचूल शुरू होगआई थी अगले स्टॉप के लिए. इसलिए उसने हाथ बाहर निकाल लिया था. में जैसे किसी सपने से जाग गयी थी, जिसको सोचके ह्यूम खुशी भी होती है और मॅन उदास हो जाता है जानकार के ऐसा फिर कभी हमारे साथ नही होगा.

मेने साइड से देखा तो उसने अपनी उंगली को लीक किया और हल्के से सूँघके मुझे मुस्कुरके आँख मारी तो मे भी हसके आयेज देखने लगी. मेरा स्टॉप बस आनेवाला था. मेने अपनी ब्रा नीचे की और पनटी ठीक करी. अपने बिखरे हुए बालो को सम्हला और अपने स्टॉप आने पे उतरने लगी. पीछे के दरवाज़े से उतरते हुए भी यूयेसेस आदमी ने मेरी गंद दबाई और मेरे पीछे कुछ लोगो के बाद बस से उतार गया.

मे कुछ दूर्र चली और पीछे पलटके देखा तो वोही आदमी मेरे पीछे आरहा था. मे बहोट ज़्यादा घबरा गयी, क्यूकी बस ने सिटी के आउटर मे उतार दिया था, और मुझे 5-10 मिनिट चलना पड़ता ऑटो पकड़ने के लिए और अंधेरा भी होगआया था. बस से ज़्यादा लोग उतरे नही थे और विंटर होनेकी वजह से रोड पे ज़्यादा लोग भी नही थे.

मेरी दिल की धधकने तेज़ होगआई थी. मे तोड़ा तेज़-तेज़ चलने लगी. कुछ दूर्र चलने के बाद मेने पीछे मुदके देखा तो वो आदमी मेरे बिल्कुल ही पीछे छलके आ रहा था और 10 कदम चलने के बाद, पीछे से आवाज़ आई, “एक्सक्यूस मे, मेडम.” मे वही सहम गयी.

इसके बाद जो हुआ शायद मुझे वो नही करना चाहिए था. लेकिन दोस्तो, आप लोग मुझे खुलके बताना अगर आप मेरी जगह होते तो क्या करते? क्या मेने कुछ घालत किया? क्या मे एक बेक़ार लड़की हू? क्या मुझे गिल्ट महसूस होना सही है? मेने सही किया या नही?
 
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