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पंजाबी परिवार

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Dec 12, 2024
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ज्योति ने अपने आप को मिरर में देखा उसकी ३४द साइज की ाम्पले ब्रेअस्ट्स शाम की उम्मीद से भर गयी. उसको पता था की उसका पति अमर आज रात लेट तक काम कर रहा है और उसके पास अपनी खुद की योजनाएं थी. ४२ की उम्र में उसका वोलुपतुयस फिगर एक प्राइम में वुमन की तरह था उसकी ३६ इंच की वैस्ट फैल गयी थी जो उसकी चलायी हुई हिप्स की तरह था.उसकी त्वचा गरम सूर्य-किस्ड ब्राउन कलर की थी जैसे राइप मानगो की होती है और उसकी लम्बे काले बाल उसके पीठ पर एक डार्क वॉटरफॉल की तरह बह रहे थे. उसकी ारोलै चाय के कलर की थी जो उसकी छातियों के पलेनेस्स से पूरी तरह अलग थी और उसकी निप्पल्स कड़ी और सेंसिटिव थी जो तैसे होने का मांग कर रही थी.उसके विचार उसकी स्टेप्सन कालू की तरफ गए जो उसने एक से ज़्यादा बार देखा था. वह ३७ साल का एक रोबस्ट आदमी था जिसके थिक काले दाढ़ी थी और एक पेनिस जिसका अफवाह थी की वह काफी लम्बा है. ज्योति ने अक्सर अपने आप को उसके बारे में सोचते हुए पाया जब वह अकेली होती थी उसका हाथ उसकी शवेद माउंड को खुद ही प्लेअसुरे देने के लिए जाता था.उसकी आँखें डार्क और वह शरारत से भरा हुआ था उसने अपनी इच्छाओ का संकेत दिया था और उससे ये पता था की आकर्षण एक-तरफ़ा नहीं था. उसकी उस पर देखने की तरह एक भूक जो छिप नहीं सकती थी उसके योनि को गरम कर रही थी और उसकी नबस्फुट को भगति हुई. उसने उसे उससे अधिक समय तक घुरंते हुए पकड़ा जब वह अपनी फ़रेबिक पहन के घर में घूम रही थी उसके स्तन कमजोर कपडे से बहार निकलने की कोशिश कर रहे थे.जब वह अपना श्रृंगार फिर से कर रही थी उसने एक्ससिटेमेंट की लहर महसूस की. उससे ये पता था की कालू जल्दी ही घर लौटेगा और उसने उनकी मुलाक़ात के लिए स्टेज को अछि तरह से तैयार कर दिया था. घर शांत था बाकि परिवार के लोग रात भर बाहर थे.उसने गुलाब की पंखुड़ी छोड़ दी थी जो सामने के दरवाजे से उसके कमरे तक जा रही थी जहाँ उसने मोमबत्तियां जलाई थी और अपने पसंदीदा सुगन्धित तेल की बोतल को आसानी से पहुंचने वाली जगह पर राखी थी. उसकी धड़कन तेज हो गयी सोच कर की उसकी मजबूत कठोर हाथों पर उसके शरीर पर उसके नरम गोल आकर को हर इंच तक जांचने.कालू अंदर चला आया उसकी आँखें तुरंत पंखुड़ियों के रास्ते की तरफ खींच गयी. उसके होंठो पर जान पहचाने वाली मुस्कराहट खेलती रही जब वह उन्हें ज्योति के कमरे तक प् जाता. उसने समझा क्या मतलब है और उसका लिंग उसके पंत में फूलने लगा. उसने अपना समय लिया हवा में घनी उमंग का मज़ा लेते हुए.जब उसने दरवाज़ा खोल दिया उसके सामने जो दृश्य था वो उसकी सासें ले गया. ज्योति बिस्तर पर लेती हुई थी सिर्फ एक पतली परछाई दिखाई देने वाली नेग्लिजें पहन के जो उसके भरी हुई फिगर को सिर्फ नामा के लिए धक् रही थी. हर सांस के साथ उसके स्तन उभर रहे थे वस्त्र उसके निप्पल्स को चुम्बन के सामान चिपका हुआ था.“कालू उसने कहकर पूरी उसकी आँखें आधी बंद होकर निमंत्रण दे रही थी. “मैं आपका इंतज़ार कर रही हूँ.”कालू कमरे में घुसा उसकी दृष्टि ज्योति के स्थूल शरीर की तरफ तेज़ी से दौड़ गयी. उसका अपना लिंग उसके पंत के वस्त्र के खिलाफ तन गया छुटकारा मांगने लगा. “माँ उसने कहा प्यारे के तौर पर अधिकारिकता जब वह बिस्तर की तरफ बढ़ रहा था.ज्योति की सांस अटकी जब वह उसका देख रही थी उसका हाथ नेग्लिजें के निचे चले गया ताकि वह उसे खुद को तैसे करे.”मुझे वैसा मत बुला उसने सीसकरते हुए कहा उसकी आवाज़ ज़रूरत से भारी हुई. “आज रात नहीं.”उसने उसे झुका कर अपने कठोर हाथों से उसके फायदे मंद हिप्स की आउटलाइन बनाई और ऊपर उसके स्तन को पकड़ा. उसकी अंगुलिया उसके तने हुए निप्पल्स पर फिसि ख़ुशी के चिंगारी सीधे उसके बीच भेजते हुई. “तोह मैं तुम्हे क्या बुलाऊँ?” उसने पूछा उसकी आवाज़ इच्छा से गदगद.“मुझे…ज्योति बुला उसने कराहते हुए कहा उसके स्पर्श की तरफ झुकती हुई.कालू ने अपने इच्छाओ का समर्थन दिया और उसने उसे गहराई से चूमा उसका दाढ़ी उसके नरम त्वचा को छू रही थी जो उसके रिड की हड्डी में रोमांचक कंपनी भेज रही थी. उसका हाथ उसकी निघ्त्य के किनारे तक पंहुचा और उसे ऊपर कर दिया उसका गोल मोटा योनि को धक्का दे के जो पहले से ही उत्तेजना से चमक रही थी. उसने अपनी ऊँगली उसके अंदर दाल दी जिसे इतने समय से उससे छुपा रखा गया था. ज्योति का योनि एक गरम महीन समेटने वाला दबाव था जो उसको दबाने लगा जब वो अपनी ऊँगली अंदर-बहार करने लगा.“कालू उसने गैस किया उसकी आँखें भरी हुई पैशन से. “मैं तुम्हे चाहती हूँ.”उसने और कोई प्रोत्साहन नहीं किया. उसने अपने कपडे उतर दिए उसका मोटा कटा हुआ लिंग दिखते हुए उसका सर काला और लाल हो गया. यह सच था उसने परिवार की विशेषता का अनुवंश लिया था और वो ये जनता था की उसे किस तरह से इस्तेमाल करना है एक औरत को संतुष्ट करने के लिए. वो बिस्तर पर चढ़ गया अपना लिंग मोमबत्ती की रौशनी में लिहार रहा था और खुद को उसकी जांघो के बीच में स्थिति दी.ज्योति की आँखे उसके लिंग को कभी नहीं छोड़ती जब तक वो उसके पास आता था. वो उसके अंदर लेने के विचार से भयभीत और रोमांचित थी. उसका अपना पति का अंग उसकी तुलना में सामान्य था और उसने पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था. लेकिन जब भी उसने अपने हाथ से उसकी क्लीट को स्ट्रोक किया वह गीली होती जा रही थी उसकी छूट उसके अंदर घुसने के लिए तरस रही थी.“तुम त्यार हो?” कालू पूछा उसकी आवाज़ काम और कठोर थी.“हाँ ज्योति साँस भरते हुए कहा अपने पैरों को और ज्यादा फैला दिया.एक तेज़ धक्के से कालू ने उसके अंदर प्रवेश किया उसे पूरी तरह से भर दिया. ज्योति की आँखें सर के पीछे चली गयी जब उसने उसके लम्बाई का एहसास लिया अपने आपको उसकी मोटाई के आसपास फैलते हुए महसूस किया. वह टाइट थी जैसे एक मुक्का उसकी अंदरूनी दीवारें उसके आसपास कैंप रही थी.“ओह ज्योति उसने भरी भारी आवाज़ में कहा उसकी कमर एक समान्तर ले में हिल रही थी. “तुम बहुत अच्छी लग रही हो.”ज्योति ने अपने हाथ उसके गर्दन के आस पास लपेटा जब वह हर धक्के से मिलती थी उसकी नाखून उसके पीठ में घुस रही थी. उसकी दाढ़ी उसकी त्वचा को गुदगुदा रही थी एक एक्स्ट्रा सेंसेशन लेयर को जोड़ते हुए जब उनके शरीर एक साथ घुल गए. उसने उसकी गर्दन पर किश किया उसके दांतो का उसकी सेंसिटिव त्वचा को चूना और वह महसूस कर सकती थी की उसका क्लाइमेक्स बन रहा है उसके पेट में तनाव हर पल अधिक टाइट होता जा रहा था.“कालू वह कराह उठी उसकी कूल्हे उसके मिलने के लिए उठ गए. “रुको मत.”उसने नहीं रोका. वह उसमे घुसा उनकी मांस एक दूसरे से टकराने लगी पैशन का सिम्फनी बनाते हुए. ज्योति महसूस कर सकती थी उसका ओर्गास्म आता हुआ जैसे एक वेव उस पर क्रैश होता हुआ. और जब वह झाड़ गयी उसकी योनि उस पर कास गयी उसकी वाल्स उसके लिंग को घेर लिए.उसकी ख़ुशी का नज़ारा कालू के लिए बहुत ज़्यादा था. उसने आखरी बार धक्का मारा अपने आपको पूरे के पूरे उसमे घुसा लिया और उसके अंदर ही झाड़ गया उसका वीर्य उसको पूरा भर देता हुआ.वह वहां लेते थे साँसें भरी हुई और थके हुए उनके शरीर अभी भी एक दूसरे में लिपटे हुए थे. मोमबत्तियां टिमटिमाह रही थी उनके पसीने से भरे हुए त्वचा पर साये दाल रही थी.“यह.. अद्भुत था ज्योति ने कहा उसकी आवाज़ अभी भी उसके ओर्गास्म के बल से कैंप रही थी.कालू ने उसे फिर से चूमने के लिए झुक गया उसकी आँखों में कामुकता और कुछ और भर गया. कुछ ऐसा जिसने ज्योति के ह्रदय को मचल दिया. “यह तोह सिर्फ शुरुआत है उसने सिसकी. “हमारी छोटी सी राज़.”और इसके साथ दोनों को यह समझ आया की यह वर्जित भेंट दूर तक समाप्त होने से रही. उनके बीच का रसायन स्पष्ट था और वह इच्छा जो इतने समय तक उबाल रही थी अब आखिरकार उबाल पड़ी थी. वह अपनी कामुकता की गहराई को जान्ने का जारी रखेंगे अपने परिवार की जासूसी आँखों से छुपा हुआ.
 
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