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- Dec 12, 2024
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मेरा नाम यश है, और मैं 23 साल का हू, मीरूत मे रहता हू. यह एक साची कहानी है जो मुझे लगता है की आप सबको सुन्नी चाहिए. मधु आंटी मेरी सबसे अकचे दोस्त की विधवा मा है. उनकी पति की मौत के आठ साल बाद, उन्होने काम करना शुरू किया, सुबह 8 बजे छोड़कर और शाम 7 बजे वापस आती थे. उन्होने अपनी खुशी को अपनी ज़िम्मेदारियों के नीचे दबा दिया था. मधु आंटी एक छोटी सी 40 साल की महिला है, दिखने में बहुत आकर्षक नही है, लेकिन उनके पास एक आक्ची वाली स्तन है और थोड़ी मोटी गर्दन है. बहुत समय तक, मेरे मॅन में उनके प्रति कोई अश्लील भावना नही थी.
लेकिन एक दिन, मैने उन्हे ब्रा के बिना देखा, और महसूस हुआ जैसे मैं एक फरिश्ते के स्तनों को देख रहा हूँ. वो इतने आदर्श थे और मेरा पुरुषात्वा उठ खड़ा हो गया. उसके बाद, हमें जाईपुर, गुलाबी नगर जाने का मौका मिला. दिनेश और मैं मधु आंटी के साथ गये. हम ट्रेन से यात्रा किए और रात देर से पहुँचे. हमारा रूम का प्लान बिगड़ गया और बस आंटी और मैं एक छोटे से कमरे में बसे. गर्मी बहुत थी, इसलिए हुँने कपड़े नही पहने. आंटी अपने सारी में थी और मैं अपने शॉर्ट्स में था. हम थोड़ी देर बातें की, और मैने उनसे अपने चाचा से उनका रिश्ता के बारे में पूछा. उन्हे भावनाेँ प्रकट हुई, और मैने मौका देखकर पूच लिया की क्या वो अपने शरीर को मेरे साथ बाँटेगी.
आंटी पहले शॉक्ड थी, लेकिन फिर वो खुलने लगी. उसने कहा की वो भी मुझसे प्यार करती है क्यूंकी मैने उसकी और उसके बेटे की बहुत मदद की थी. पहले मुझे पता ही नही चला की हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे, और मैं उसके ब्रेस्ट्स से खेल रहा था. वो किसी भी फल से ज़्यादा सॉफ्ट थे, और वो वाइल्ड अनिमल की तरह करहने लगी. मैं स्वर्ग में था, और मुझे जाने का मॅन नही था. फिर, मुझे एक आइडिया आया. मैने उसके कान में धीरे से कहा, “आंटी, मैं आपके अंदर होना चाहता हूँ.” वो शॉक्ड हो गयी, लेकिन उसने मुझे धक्का नही दिया. बल्कि, वो मुझे ज़्यादा ज़ोर से किस करने लगी. मैं उसकी साँसें तेज़ हो रही थी महसूस कर रहा था, और उसका शरीर तूफान में एक पत्ता की तरह काँप रहा था.
मैने अपनी शर्ट उतरी और उसकी सारी गिर गयी, उसका नंगा शरीर दिखाई देने लगा. उसके स्तन दो गोल तरबूज़ की तरह थे, और उसके निपल पतहर की तरह सख़्त थे. मैने एक को अपने मूह में ले लिया और उसे चूसने लगा, जबकि मेरी एक हाथ दूसरे से खेल रही थी. वो मेरे नीचे करवट बदल रही थी और मुझसे और माँग रही थी. मुझे पता था की वो तैयार है, तो मैने उसके शरीर को निच्चे सरकना शुरू किया और उसके पेट को चूमना शुरू किया. मुझे उसकी टाँगो के बीच से गर्मी महसूस हो रही थी, और मैं उसकी मिठास चखने के लिए उत्सुक था. मैने उसकी पनटी को एक तरफ खीचा, और वाहा वो थी, उसकी गुलाबी छूट, इच्छा से चमक रही थी.
मैं उसके अंदरूनी जांघों को चूमने लगा, उसकी गीली जगह के और अधिक और अधिक नज़दीक आ रहा था. वो उत्सुकता से काँप रही थी, बार बार मेरा नाम ले रही थी. अंत में, मेरी जीभ उसके क्लिट को च्छू गयी, और उसने सांस ली. मैं उसके क्लिट को आहिस्ता आहिस्ता चाट्ता और चूमता रहा, अपने स्पर्श से उसका फूलना महसूस कर रहा था. उसके हाथ मेरे बलों में थे, मुझे और करीब खींच रहे थे, और उसकी टाँगें मेरे गले के आस पास कस के बाँध थी. मैं उसके अंदर एक उंगली डाल दिया, महसूस कर रहा था की वो कितनी कस के थी. ये लग रहा था जैसे मैं एक गरम, मखमली दस्ताने के अंदर स्लाइड कर रहा हूँ. मुझे पता था की मुझे धीरे धीरे जाना होगा, ताकि मैं उसे दर्द ना डून.
“यश, ओह भगवान, यश, बहुत अक्चा लग रहा है,” उसने कराह दिया. उसकी आवाज़ मेरे कान के लिए संगीत की तरह थी, और यह मुझे और उत्साहित कर रहा था. मैने उसमे अपनी एक और उंगली डाल दी, और उसने अपना पीठ अर्क किया, उसकी साँसें बेहद तेज़ी से चल रही थी. मुझे महसूस हो रहा था की वो किनारे के करीब है, तो मैने अपनी गति बढ़ा दी, अपनी जीभ से उसकी क्लिट हिलाते हुए और अपनी उंगलियों को उसमे अंदर-बाहर हिलाते हुए. वो गीली हो चुकी थी, और मैं उसकी मिठास का स्वाद कर सकता था.
उसके नाख़ून मेरे कंधों में गड़ गये और उसने धीमे से कहा, “ज़ोर से, यश, प्लीज़,” उसकी आवाज़ वाषना से भर गयी थी. मुझे यकीन नही हो रहा था की यह हो रहा है. मधु आंटी, मेरे सबसे अकचे दोस्त की मा, मुझसे याचना कर रही थी की उन्हे ले लून. मैं उनके अंदर जाने वाला था, और यह बेहद अनोखा होगा. मैने उनकी टाइट पुसी में तीसरा उंगली डाली, और उन्होने चीख मारी, उनके शरीर ने अकड़ लिया. उनके रस एक नदी की तरह बह रहे थे, और मैं उनकी मसपेशियों को मेरे उंगलियों के इर्द-गिर्द कसने महसूस कर रहा था. मुझे पता था वो करीब थी, तो मैने उनके क्लिट को तोड़ा और ज़ोर से चूसा, और उन्होने आनंद के साथ चीख पड़ी. उनका पूरा शरीर टन गया, और वो झाड़ गयी, उनका ऑर्गॅज़म कमरे के नीव को हिला दिया.
जैसे जैसे उसकी साँस धीमी होती गयी, मैने उसकी तरफ देखा, मेरा चेहरा उसके रस से भीगा हुआ. उसने मुझे नीचे देखा, उसकी आँखें आनंद से चमक रही थी. उसने नीचे झुक कर मेरे गाल को हल्का सहलाया, और कहा, “थॅंक योउ, यश.” यह मेरे लिए अब तक किसी ने जो सबसे सुंदर बात कही थी. मैने अपने उंगलियाँ उससे बाहर निकली, और उसने मुझे उपर खिछा और मुझे चूमा, उसका स्वाद अभी भी मेरे जीभ पर था. हुँने गहरी चूम ली, हमारी जीभ एक जोश्पूर्णा नृत्या में एक साथ नृत्य कर रही थी. उसके हाथ मेरे शरीर पर घूम रहे थे, हर इंच को महसूस कर रहे थे, मेरे नंगे सीने, मेरे एबेस, और अंत में मेरे एरेक्ट कॉक. उसने अपना हाथ उसके इर्द गिर्द घुमा लिया और मुझे स्ट्रोक करना शुरू कर दिया, उसका ग्रिप मजबूत और कॉन्फिडेंट था.
“यह अब तुम्हारी बरी है,” उसने सिसकी ली, उसकी आवाज़ इच्छा से भर गयी. में बिस्तर पर लीट गया, और उसने मुझे सावरा, उसकी गीली छूट मेरे लंड के उपर. उसने झुक कर इसे अपने मूह मे लिया, उसकी आँखें कभी मुझसे हटी नही. मैं देख रहा था जब वो मुझे और गहराई मे ले रही थी, उसके गाल हर चूसने के साथ अंदर हो रहे थे. वो एक विशेषगया थी, उसकी जीभ लंड के सिर के आसपास घूम रही थी और उसके हाथ बसे को काम कर रहे थे. यह स्वर्ग जैसा लग रहा था, लेकिन मुझे पता था की मैं अभी वीरया नही गिर सकता. मुझे इसके लिए इसे बचना पड़ेगा जब मैं उसके अंदर हू. मैने अपना हाथ बढ़ाया और उसके स्तानो से खेला, उन्हे मेरा स्पर्श लेकर और ज़्यादा कठोर हो जाते हुए महसूस किया. उसने मेरे लंड के आसपास विलाप किया, कंपन मेरे शरीर के अंदर शॉकवेव्स भेज रहे थे.
फाइनली, मैं और नही से सकता था. मैं बैठ गया और अपने आप को उसके एंट्रेन्स पर पोज़िशन ले ली. उसने मेरे आँखों में देखा और सिर हिला कर मुझे आयेज बढ़ने की अनुमति दी. मैं धीरे धीरे अंदर धकेला, उसकी टाइटनेस मुझे जैसे एक वाइस की तरह पकड़ रही थी. वो इतनी गीली थी की मैं आसानी से अंदर फिसल गया और उसने एक ही बार में मुझे पूरा लिया. उसने एक लंबी, धीमी सी सिसकारी ली, और मैं हिलना शुरू हुआ, एक धीमी और स्थिर गति सेट करते हुए. हर ढके के साथ उसके ब्रेस्ट्स उछाल रहे थे, और मैं अपने आप को रोक नही पा रहा था और झुका और उसके निपल को अपने दाँतों के बीच लिया, उसको धीरे धीरे टीज़ करते हुए. उसने अपना सिर पीछे फेंका, और उसकी आँखें आनंद में उपर को घूम गयी.
“मधु आंटी, आप बहुत अकचे लग रहे हैं,” मैने मधुर और तलवार सी आवाज़ में कहा. उन्होने मेरा पीठ नोचने के लिए अपने नाख़ून फेरते हुए आ की आवाज़ से जवाब दिया. वो मेरे उपर बैठे हुए मुझे तार-तार कर रहे थे, उनके कमर मेरे कमर के साथ पूरी तरह से मिल रही थी. मैं अपना कामुक शिखर पाना महसूस कर रहा था, लेकिन मैं नही चाहता था की यह समाप्त हो. मैने उन्हे हटा दिया और उन्हे पेट में लेता दिया, उनके पैरों को चौड़े कर दिया. मैने एक पल के लिए उनकी गोल, मज़बूत चूटरियों को देखा. उसके बाद मैने उन्हे पीछे से जोरदार थपकी लगा दी. वो इतनी कसमसाहट रही थी, और उनके आनंद की चीखें कमरे में गूँज रही थाइन. मैने उनकी कमर पकड़ी और उन्हे मुझ पर खींचा, हर धक्के से उन्हे बिस्तर में और गहरे ले गया.
“यश, ओह भगवान, यश,” वह तकिया में कराह रही थी, हर प्रहार के साथ उसका शरीर कप रहा था. उसकी गांद एक कला का काम थी, पूरी तरह से वक्रा और हर प्रभाव के साथ उछाल रही थी. मैने झुक कर उसके कान में कहा, मेरे दाँत उसके कान की लो का च्छुआ. “अब तुम मेरी हो, आंटी.” वह मुझसे और अंदर जाने के लिए मुझ पर ज़ोर दल रही थी. उसकी छूट इतनी गीली थी, और वह इतनी टाइट थी, की मुझे उसकी दीवारें मुझे घेरे हुए महसूस हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे मैं एक गरम, गीली स्वर्ग में हूँ.
उसकी स्त्रोतियाँ तेज़ होती गयी, और मुझे पता था की वो फिर से करीब थी. मैं नीचे की तरफ हाथ बदाया और उसके निपल्स को चुटका, उन्हे अपनी अंगूठी और उंगलियों के बीच में घुमाया. वो उसकी पीठ को झुका दिया, उसका छूट मेरी लंड को घेरे हुए थी. “हन, हन,” वो साँस लेते हुए बोली. “मई तुम्हारी हूँ, यश.” मेरी नाम उसके होतो पर सुनने से बस वही काफ़ी था. मैने उसकी कूल्हा पकड़ी और तेज़ी से उसमें घुसाया. वो चिल्लई, उसका आनंद उसके शरीर में तूफान की तरह से भर गया.
उसका छूट मेरी चारो तरफ कसी हुई थी, और मुझे अपने ऑर्गॅज़म की अनुभूति हो रही थी. मैने झुक कर उसके कान मे सरगोशी की, “मैं तुम्हारे अंदर वीर्या छोड़ने वाला हूँ, आंटी. तुम्हे मेरी बीज से भरने वाला हूँ.” उसने एक दबाए हुए चीख के साथ कृपया किया, मुझ पर वापस धकेलते हुए, मुझे और गहरी ले गयी. और फिर, मैं वहाँ था. मैने कस के वीर्या छोड़ा, मेरा बीज उसको भरने लगा, उसकी छूट मेरे चारो और कस गयी, हर बूँद मेरे से निकालने की कोशिश कर रही थी. यह सबसे अधिक गहरा ऑर्गॅज़म था जो मैने कभी अनुभव किया था, और मैं उसके उपर गिर गया, हमारी बॉडी पसीने से भीग गयी थी.
हम वहाँ लेते थे, साँस लेते और काप्ते हुए, कुछ पल के लिए मैं उसके उपर से हटा, मेरा लंड अभी भी आधा सख़्त था. उसने मुझे घूरा, उसकी आँखें सुख और संतुष्टि के मिश्रण से चमक रही थी. “यश,” उसने सिसकी लिए, “वो अद्भुत था.” मैं मुस्कुराने से खुद को नही रोक पाया, गर्व की एक भावना महसूस करते हुए. मधु आंटी, मेरे सबसे अच्छे दोस्त की मा, सिर्फ़ मुझे ये बताने के लिए की मैने उससे उसकी ज़िंदगी की सबसे अच्छी सेक्स दी है.
लेकिन एक दिन, मैने उन्हे ब्रा के बिना देखा, और महसूस हुआ जैसे मैं एक फरिश्ते के स्तनों को देख रहा हूँ. वो इतने आदर्श थे और मेरा पुरुषात्वा उठ खड़ा हो गया. उसके बाद, हमें जाईपुर, गुलाबी नगर जाने का मौका मिला. दिनेश और मैं मधु आंटी के साथ गये. हम ट्रेन से यात्रा किए और रात देर से पहुँचे. हमारा रूम का प्लान बिगड़ गया और बस आंटी और मैं एक छोटे से कमरे में बसे. गर्मी बहुत थी, इसलिए हुँने कपड़े नही पहने. आंटी अपने सारी में थी और मैं अपने शॉर्ट्स में था. हम थोड़ी देर बातें की, और मैने उनसे अपने चाचा से उनका रिश्ता के बारे में पूछा. उन्हे भावनाेँ प्रकट हुई, और मैने मौका देखकर पूच लिया की क्या वो अपने शरीर को मेरे साथ बाँटेगी.
आंटी पहले शॉक्ड थी, लेकिन फिर वो खुलने लगी. उसने कहा की वो भी मुझसे प्यार करती है क्यूंकी मैने उसकी और उसके बेटे की बहुत मदद की थी. पहले मुझे पता ही नही चला की हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे, और मैं उसके ब्रेस्ट्स से खेल रहा था. वो किसी भी फल से ज़्यादा सॉफ्ट थे, और वो वाइल्ड अनिमल की तरह करहने लगी. मैं स्वर्ग में था, और मुझे जाने का मॅन नही था. फिर, मुझे एक आइडिया आया. मैने उसके कान में धीरे से कहा, “आंटी, मैं आपके अंदर होना चाहता हूँ.” वो शॉक्ड हो गयी, लेकिन उसने मुझे धक्का नही दिया. बल्कि, वो मुझे ज़्यादा ज़ोर से किस करने लगी. मैं उसकी साँसें तेज़ हो रही थी महसूस कर रहा था, और उसका शरीर तूफान में एक पत्ता की तरह काँप रहा था.
मैने अपनी शर्ट उतरी और उसकी सारी गिर गयी, उसका नंगा शरीर दिखाई देने लगा. उसके स्तन दो गोल तरबूज़ की तरह थे, और उसके निपल पतहर की तरह सख़्त थे. मैने एक को अपने मूह में ले लिया और उसे चूसने लगा, जबकि मेरी एक हाथ दूसरे से खेल रही थी. वो मेरे नीचे करवट बदल रही थी और मुझसे और माँग रही थी. मुझे पता था की वो तैयार है, तो मैने उसके शरीर को निच्चे सरकना शुरू किया और उसके पेट को चूमना शुरू किया. मुझे उसकी टाँगो के बीच से गर्मी महसूस हो रही थी, और मैं उसकी मिठास चखने के लिए उत्सुक था. मैने उसकी पनटी को एक तरफ खीचा, और वाहा वो थी, उसकी गुलाबी छूट, इच्छा से चमक रही थी.
मैं उसके अंदरूनी जांघों को चूमने लगा, उसकी गीली जगह के और अधिक और अधिक नज़दीक आ रहा था. वो उत्सुकता से काँप रही थी, बार बार मेरा नाम ले रही थी. अंत में, मेरी जीभ उसके क्लिट को च्छू गयी, और उसने सांस ली. मैं उसके क्लिट को आहिस्ता आहिस्ता चाट्ता और चूमता रहा, अपने स्पर्श से उसका फूलना महसूस कर रहा था. उसके हाथ मेरे बलों में थे, मुझे और करीब खींच रहे थे, और उसकी टाँगें मेरे गले के आस पास कस के बाँध थी. मैं उसके अंदर एक उंगली डाल दिया, महसूस कर रहा था की वो कितनी कस के थी. ये लग रहा था जैसे मैं एक गरम, मखमली दस्ताने के अंदर स्लाइड कर रहा हूँ. मुझे पता था की मुझे धीरे धीरे जाना होगा, ताकि मैं उसे दर्द ना डून.
“यश, ओह भगवान, यश, बहुत अक्चा लग रहा है,” उसने कराह दिया. उसकी आवाज़ मेरे कान के लिए संगीत की तरह थी, और यह मुझे और उत्साहित कर रहा था. मैने उसमे अपनी एक और उंगली डाल दी, और उसने अपना पीठ अर्क किया, उसकी साँसें बेहद तेज़ी से चल रही थी. मुझे महसूस हो रहा था की वो किनारे के करीब है, तो मैने अपनी गति बढ़ा दी, अपनी जीभ से उसकी क्लिट हिलाते हुए और अपनी उंगलियों को उसमे अंदर-बाहर हिलाते हुए. वो गीली हो चुकी थी, और मैं उसकी मिठास का स्वाद कर सकता था.
उसके नाख़ून मेरे कंधों में गड़ गये और उसने धीमे से कहा, “ज़ोर से, यश, प्लीज़,” उसकी आवाज़ वाषना से भर गयी थी. मुझे यकीन नही हो रहा था की यह हो रहा है. मधु आंटी, मेरे सबसे अकचे दोस्त की मा, मुझसे याचना कर रही थी की उन्हे ले लून. मैं उनके अंदर जाने वाला था, और यह बेहद अनोखा होगा. मैने उनकी टाइट पुसी में तीसरा उंगली डाली, और उन्होने चीख मारी, उनके शरीर ने अकड़ लिया. उनके रस एक नदी की तरह बह रहे थे, और मैं उनकी मसपेशियों को मेरे उंगलियों के इर्द-गिर्द कसने महसूस कर रहा था. मुझे पता था वो करीब थी, तो मैने उनके क्लिट को तोड़ा और ज़ोर से चूसा, और उन्होने आनंद के साथ चीख पड़ी. उनका पूरा शरीर टन गया, और वो झाड़ गयी, उनका ऑर्गॅज़म कमरे के नीव को हिला दिया.
जैसे जैसे उसकी साँस धीमी होती गयी, मैने उसकी तरफ देखा, मेरा चेहरा उसके रस से भीगा हुआ. उसने मुझे नीचे देखा, उसकी आँखें आनंद से चमक रही थी. उसने नीचे झुक कर मेरे गाल को हल्का सहलाया, और कहा, “थॅंक योउ, यश.” यह मेरे लिए अब तक किसी ने जो सबसे सुंदर बात कही थी. मैने अपने उंगलियाँ उससे बाहर निकली, और उसने मुझे उपर खिछा और मुझे चूमा, उसका स्वाद अभी भी मेरे जीभ पर था. हुँने गहरी चूम ली, हमारी जीभ एक जोश्पूर्णा नृत्या में एक साथ नृत्य कर रही थी. उसके हाथ मेरे शरीर पर घूम रहे थे, हर इंच को महसूस कर रहे थे, मेरे नंगे सीने, मेरे एबेस, और अंत में मेरे एरेक्ट कॉक. उसने अपना हाथ उसके इर्द गिर्द घुमा लिया और मुझे स्ट्रोक करना शुरू कर दिया, उसका ग्रिप मजबूत और कॉन्फिडेंट था.
“यह अब तुम्हारी बरी है,” उसने सिसकी ली, उसकी आवाज़ इच्छा से भर गयी. में बिस्तर पर लीट गया, और उसने मुझे सावरा, उसकी गीली छूट मेरे लंड के उपर. उसने झुक कर इसे अपने मूह मे लिया, उसकी आँखें कभी मुझसे हटी नही. मैं देख रहा था जब वो मुझे और गहराई मे ले रही थी, उसके गाल हर चूसने के साथ अंदर हो रहे थे. वो एक विशेषगया थी, उसकी जीभ लंड के सिर के आसपास घूम रही थी और उसके हाथ बसे को काम कर रहे थे. यह स्वर्ग जैसा लग रहा था, लेकिन मुझे पता था की मैं अभी वीरया नही गिर सकता. मुझे इसके लिए इसे बचना पड़ेगा जब मैं उसके अंदर हू. मैने अपना हाथ बढ़ाया और उसके स्तानो से खेला, उन्हे मेरा स्पर्श लेकर और ज़्यादा कठोर हो जाते हुए महसूस किया. उसने मेरे लंड के आसपास विलाप किया, कंपन मेरे शरीर के अंदर शॉकवेव्स भेज रहे थे.
फाइनली, मैं और नही से सकता था. मैं बैठ गया और अपने आप को उसके एंट्रेन्स पर पोज़िशन ले ली. उसने मेरे आँखों में देखा और सिर हिला कर मुझे आयेज बढ़ने की अनुमति दी. मैं धीरे धीरे अंदर धकेला, उसकी टाइटनेस मुझे जैसे एक वाइस की तरह पकड़ रही थी. वो इतनी गीली थी की मैं आसानी से अंदर फिसल गया और उसने एक ही बार में मुझे पूरा लिया. उसने एक लंबी, धीमी सी सिसकारी ली, और मैं हिलना शुरू हुआ, एक धीमी और स्थिर गति सेट करते हुए. हर ढके के साथ उसके ब्रेस्ट्स उछाल रहे थे, और मैं अपने आप को रोक नही पा रहा था और झुका और उसके निपल को अपने दाँतों के बीच लिया, उसको धीरे धीरे टीज़ करते हुए. उसने अपना सिर पीछे फेंका, और उसकी आँखें आनंद में उपर को घूम गयी.
“मधु आंटी, आप बहुत अकचे लग रहे हैं,” मैने मधुर और तलवार सी आवाज़ में कहा. उन्होने मेरा पीठ नोचने के लिए अपने नाख़ून फेरते हुए आ की आवाज़ से जवाब दिया. वो मेरे उपर बैठे हुए मुझे तार-तार कर रहे थे, उनके कमर मेरे कमर के साथ पूरी तरह से मिल रही थी. मैं अपना कामुक शिखर पाना महसूस कर रहा था, लेकिन मैं नही चाहता था की यह समाप्त हो. मैने उन्हे हटा दिया और उन्हे पेट में लेता दिया, उनके पैरों को चौड़े कर दिया. मैने एक पल के लिए उनकी गोल, मज़बूत चूटरियों को देखा. उसके बाद मैने उन्हे पीछे से जोरदार थपकी लगा दी. वो इतनी कसमसाहट रही थी, और उनके आनंद की चीखें कमरे में गूँज रही थाइन. मैने उनकी कमर पकड़ी और उन्हे मुझ पर खींचा, हर धक्के से उन्हे बिस्तर में और गहरे ले गया.
“यश, ओह भगवान, यश,” वह तकिया में कराह रही थी, हर प्रहार के साथ उसका शरीर कप रहा था. उसकी गांद एक कला का काम थी, पूरी तरह से वक्रा और हर प्रभाव के साथ उछाल रही थी. मैने झुक कर उसके कान में कहा, मेरे दाँत उसके कान की लो का च्छुआ. “अब तुम मेरी हो, आंटी.” वह मुझसे और अंदर जाने के लिए मुझ पर ज़ोर दल रही थी. उसकी छूट इतनी गीली थी, और वह इतनी टाइट थी, की मुझे उसकी दीवारें मुझे घेरे हुए महसूस हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे मैं एक गरम, गीली स्वर्ग में हूँ.
उसकी स्त्रोतियाँ तेज़ होती गयी, और मुझे पता था की वो फिर से करीब थी. मैं नीचे की तरफ हाथ बदाया और उसके निपल्स को चुटका, उन्हे अपनी अंगूठी और उंगलियों के बीच में घुमाया. वो उसकी पीठ को झुका दिया, उसका छूट मेरी लंड को घेरे हुए थी. “हन, हन,” वो साँस लेते हुए बोली. “मई तुम्हारी हूँ, यश.” मेरी नाम उसके होतो पर सुनने से बस वही काफ़ी था. मैने उसकी कूल्हा पकड़ी और तेज़ी से उसमें घुसाया. वो चिल्लई, उसका आनंद उसके शरीर में तूफान की तरह से भर गया.
उसका छूट मेरी चारो तरफ कसी हुई थी, और मुझे अपने ऑर्गॅज़म की अनुभूति हो रही थी. मैने झुक कर उसके कान मे सरगोशी की, “मैं तुम्हारे अंदर वीर्या छोड़ने वाला हूँ, आंटी. तुम्हे मेरी बीज से भरने वाला हूँ.” उसने एक दबाए हुए चीख के साथ कृपया किया, मुझ पर वापस धकेलते हुए, मुझे और गहरी ले गयी. और फिर, मैं वहाँ था. मैने कस के वीर्या छोड़ा, मेरा बीज उसको भरने लगा, उसकी छूट मेरे चारो और कस गयी, हर बूँद मेरे से निकालने की कोशिश कर रही थी. यह सबसे अधिक गहरा ऑर्गॅज़म था जो मैने कभी अनुभव किया था, और मैं उसके उपर गिर गया, हमारी बॉडी पसीने से भीग गयी थी.
हम वहाँ लेते थे, साँस लेते और काप्ते हुए, कुछ पल के लिए मैं उसके उपर से हटा, मेरा लंड अभी भी आधा सख़्त था. उसने मुझे घूरा, उसकी आँखें सुख और संतुष्टि के मिश्रण से चमक रही थी. “यश,” उसने सिसकी लिए, “वो अद्भुत था.” मैं मुस्कुराने से खुद को नही रोक पाया, गर्व की एक भावना महसूस करते हुए. मधु आंटी, मेरे सबसे अच्छे दोस्त की मा, सिर्फ़ मुझे ये बताने के लिए की मैने उससे उसकी ज़िंदगी की सबसे अच्छी सेक्स दी है.