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- Dec 12, 2024
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मेरा नाम यश है और मैं २३ साल का हु मीरुत में रहता हु. यह एक सच्ची कहानी है जो मुझे लगता है की आप सबको सुन्नी चाहिए. मधु आंटी मेरी सबसे अच्छे दोस्त की विधवा माँ है. उनकी पति की मौत के आठ साल बाद उन्होंने काम करना शुरू किया सुबह ८ बजे छोड़कर और शाम ७ बजे वापस आती थे. उन्होंने अपनी ख़ुशी को अपनी ज़िम्मेदारियों के नीचे दबा दिया था. मधु आंटी एक छोटी सी ४० साल की महिला है दिखने में बहुत आकर्षक नहीं है लेकिन उनके पास एक अच्छी वाली स्तन है और थोड़ी मोती गर्दन है. बहुत समय तक मेरे मैं में उनके प्रति कोई अश्लील भावना नहीं थी.लेकिन एक दिन मैंने उन्हें ब्रा के बिना देखा और महसूस हुआ जैसे मैं एक फ़रिश्ते के स्तनों को देख रहा हूँ. वो इतने आदर्श थे और मेरा पुरुषत्व उठ खड़ा हो गया. उसके बाद हमें जयपुर गुलाबी नगर जाने का मौका मिला. दिनेश और मैं मधु आंटी के साथ गए. हम ट्रैन से यात्रा किये और रात देर से पहुंचे. हमारा रूम का प्लान बिगड़ गया और बस आंटी और मैं एक छोटे से कमरे में बेस. गर्मी बहुत थी इसलिए हमने कपडे नहीं पहने. आंटी अपने साडी में थी और मैं अपने शॉर्ट्स में था. हम थोड़ी देर बातें की और मैंने उनसे अपने चाचा से उनका रिश्ता के बारे में पुछा. उन्हें भावनाएं प्रकट हुई और मैंने मौका देखकर पूछ लिया की क्या वो अपने शरीर को मेरे साथ बांटेगी.आंटी पहले शॉकेड थी लेकिन फिर वह खुलने लगी. उसने कहा की वह भी मुझसे प्यार करती है क्यूंकि मैंने उसकी और उसके बेटे की बहुत मदद की थी. पहले मुझे पता ही नहीं चला की हम पशनातेली किश कर रहे थे और मैं उसके ब्रेअस्ट्स से खेल रहा था. वह किसी भी फल से ज़्यादा सॉफ्ट थे और वह वाइल्ड एनिमल की तरह कराहने लगी. मैं स्वर्ग में था और मुझे जाने का मैं नहीं था. फिर मुझे एक आईडिया आया. मैंने उसके कान में धीरे से कहा “आंटी मैं आपके अंदर होना चाहता हूँ.” वह शॉकेड हो गयी लेकिन उसने मुझे धक्का नहीं दिया. बल्कि वह मुझे ज़्यादा जोर से किश करने लगी. मैं उसकी सांसें तेज़ हो रही थी महसूस कर रहा था और उसका शरीर तूफ़ान में एक पत्ता की तरह काँप रहा था.मैंने अपनी शर्ट उतरी और उसकी साडी गिर गयी उसका नंगा शरीर दिखाई देने लगा. उसके स्तन दो गोल तरबूज़ की तरह थे और उसके निप्पल पठार की तरह सख्त थे. मैंने एक को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा जबकि मेरी एक हाथ दूसरे से खेल रही थी. वो मेरे निचे करवट बदल रही थी और मुझसे और मांग रही थी. मुझे पता था की वो तैयार है तोह मैंने उसके शरीर को नीचे सरकना शुरू किया और उसके पेट को चूमना शुरू किया. मुझे उसकी टांगो के बीच से गर्मी महसूस हो रही थी और मैं उसकी मिठास चखने के लिए उत्सुक था. मैंने उसकी पंतय को एक तरफ खींचा और वह वो थी उसकी गुलाबी छूट इच्छा से चमक रही थी.मैं उसके अंदरूनी जाँघों को चूमने लगा उसकी गीली जगह के और अधिक और अधिक नज़दीक ा रहा था. वो उत्सुकता से काँप रही थी बार बार मेरा नाम ले रही थी. अंत में मेरी जीभ उसके क्लीट को छू गयी और उसने साँस ली. मैं उसके क्लीट को आहिस्ता आहिस्ता चाटता और चूमता रहा अपने स्पर्श से उसका फूलना महसूस कर रहा था. उसके हाथ मेरे बालों में थे मुझे और करीब खींच रहे थे और उसकी टांगें मेरे गले के आस पास कास के बांध थी. मैं उसके अंदर एक ऊँगली दाल दिया महसूस कर रहा था की वो कितनी कास के थी. ये लग रहा था जैसे मैं एक गरम मखमली दस्ताने के अंदर स्लाइड कर रहा हूँ. मुझे पता था की मुझे धीरे धीरे जाना होगा ताकि मैं उसे दर्द न दूँ.“यश ओह भगवन यश बहुत अच्छा लग रहा है उसने कराह दिया. उसकी आवाज़ मेरे कान के लिए संगीत की तरह थी और यह मुझे और उत्साहित कर रहा था. मैंने उसमे अपनी एक और ऊँगली दाल दी और उसने अपना पीठ आरक किया उसकी सांसें बेहद तेज़ी से चल रही थी. मुझे महसूस हो रहा था की वह किनारे के करीब है तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी अपनी जीभ से उसकी क्लीट हिलाते हुए और अपनी उँगलियों को उसमे अंदर-बहार हिलाते हुए. वह गीली हो चुकी थी और मैं उसकी मिठास का स्वाद कर सकता था.उसके नाख़ून मेरे कन्धों में गड गए और उसने धीमे से कहा “ज़ोर से यश प्लीज उसकी आवाज़ वाष्ण से भर गयी थी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था की यह हो रहा है. मधु आंटी मेरे सबसे अच्छे दोस्त की माँ मुझसे याचना कर रही थी की उन्हें ले लून. मैं उनके अंदर जाने वाला था और यह बेहद अनोखा होगा. मैंने उनकी टाइट पुसी में तीसरा ऊँगली डाली और उन्होंने चीख मारी उनके शरीर ने अकड़ लिया. उनके रास एक नदी की तरह बाह रहे थे और मैं उनकी मांसपेशियों को मेरे उँगलियों के इर्द-गिर्द कसने महसूस कर रहा था. मुझे पता था वह करीब थी तोह मैंने उनके क्लीट को थोड़ा और जोर से चूसा और उन्होंने आनंद के साथ चीख पड़ी. उनका पूरा शरीर तन गया और वह झाड़ गयी उनका ओर्गास्म कमरे के नीव को हिला दिया.जैसे जैसे उसकी सांस धीमी होती गयी मैंने उसकी तरफ देखा मेरा चेहरा उसके रास से भीगा हुआ. उसने मुझे नीचे देखा उसकी आँखें आनंद से चमक रही थी. उसने नीचे झुक कर मेरे गाल को हल्का सहलाया और कहा “थैंक यू यश.” यह मेरे लिए अब तक किसी ने जो सबसे सुन्दर बात कही थी. मैंने अपने उँगलियाँ उससे बहार निकली और उसने मुझे ऊपर खींचा और मुझे चूमा उसका स्वाद अभी भी मेरे जीभ पर था. हमने गहरी चूम ली हमारी जीभ एक जोशपूर्ण नृत्य में एक साथ नृत्य कर रही थी. उसके हाथ मेरे शरीर पर घूम रहे थे हर इंच को महसूस कर रहे थे मेरे नंगे सीने मेरे एबीएस और अंत में मेरे ेरेक्ट कॉक. उसने अपना हाथ उसके इर्द गिर्द घुमा लिया और मुझे स्ट्रोक करना शुरू कर दिया उसका गृप मजबूत और कॉंफिडेंट था.“यह अब तुम्हारी बरी है उसने सिसकी ली उसकी आवाज़ इच्छा से भर गयी. में बिस्तर पर लेट गया और उसने मुझे सवार उसकी गीली छूट मेरे लुंड के ऊपर. उसने झुक कर इसे अपने मुँह में लिया उसकी आँखें कभी मुझसे हटी नहीं. मैं देख रहा था जब वह मुझे और गहरायी में ले रही थी उसके गाल हर चूसने के साथ अंदर हो रहे थे. वह एक विशेषज्ञ थी उसकी जीभ लुंड के सर के आसपास घूम रही थी और उसके हाथ बेस को काम कर रहे थे. यह स्वर्ग जैसा लग रहा था लेकिन मुझे पता था की मैं अभी वीर्य नहीं गिर सकता. मुझे इसके लिए इसे बचाना पड़ेगा जब मैं उसके अंदर हो. मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसके स्तनों से खेला उन्हें मेरा स्पर्श लेकर और ज्यादा कठोर हो जाते हुए महसूस किया. उसने मेरे लुंड के आसपास विलाप किया कम्पन मेरे शरीर के अंदर शॉकवेव्स भेज रहे थे.फाइनली मैं और नहीं सेह सकता था. मैं बैठ गया और अपने आप को उसके एंट्रेंस पर पोजीशन ले ली. उसने मेरे आँखों में देखा और सर हिला कर मुझे आगे बढ़ने की अनुमति दी. मैं धीरे धीरे अंदर धकेला उसकी तिघटनेस मुझे जैसे एक वाईस की तरह पकड़ रही थी. वो इतनी गीली थी की मैं आसानी से अंदर फिसल गया और उसने एक ही बार में मुझे पूरा लिया. उसने एक लम्बी धीमी सी सिसकारी ली और मैं हिलना शुरू हुआ एक धीमी और स्थिर गति सेट करते हुए. हर ढके के साथ उसके ब्रेअस्ट्स उछाल रहे थे और मैं अपने आप को रोक नहीं प् रहा था और झुका और उसके निप्पल को अपने दांतों के बीच लिया उसको धीरे धीरे तैसे करते हुए. उसने अपना सर पीछे फेंका और उसकी आँखें आनंद में ऊपर को घूम गयी.“मधु आंटी आप बहुत अच्छे लग रहे हैं मैंने मधुर और तलवार सी आवाज़ में कहा. उन्होंने मेरा पीठ नोचने के लिए अपने नाख़ून फेरते हुए आह की आवाज़ से जवाब दिया. वो मेरे ऊपर बैठे हुए मुझे तार-तार कर रहे थे उनके कमर मेरे कमर के साथ पूरी तरह से मिल रही थी. मैं अपना कामुक शिखर पाना महसूस कर रहा था लेकिन मैं नहीं चाहता था की यह समाप्त हो. मैंने उन्हें हटा दिया और उन्हें पेट में लेता दिया उनके पैरों को चौड़े कर दिया. मैंने एक पल के लिए उनकी गोल मज़बूत चुतरियों को देखा. उसके बाद मैंने उन्हें पीछे से जोरदार थपकी लगा दी. वो इतनी कसमसाहट रही थी और उनके आनंद की चीखें कमरे में गूँज रही थे. मैंने उनकी कमर पकड़ी और उन्हें मुझ पर खिंचा हर धक्के से उन्हें बिस्तर में और गहरे ले गया.“यश ओह भगवन यश वह तकिए में कराह रही थी हर प्रहार के साथ उसका शरीर कप रहा था. उसकी गांड एक कला का काम थी पूरी तरह से वक्र और हर प्रभाव के साथ उछाल रही थी. मैंने झुक कर उसके कान में कहा मेरे दांत उसके कान की लो का छुआ. “अब तुम मेरी हो आंटी.” वह मुझसे और अंदर जाने के लिए मुझ पर जोर दाल रही थी. उसकी छूट इतनी गीली थी और वह इतनी टाइट थी की मुझे उसकी दीवारें मुझे घेरे हुए महसूस हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे मैं एक गरम गीली स्वर्ग में हूँ.