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Teacher जाईपुर ट्रिप पर वर्जिन स्टूडेंट की चुदाई 1

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ही रीडर्स, मैं थोर अपनी अगली सेक्स स्टोरी के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. ये कहानी एक कॉलेज प्रोफेसर ने मुझे भेजी है, जो है तो उप से, लेकिन पुंजब के एक कॉलेज में जॉब करता है. उसने मुझे बताया की कैसे जाईपुर ट्रिप पर उसने अपने कॉलेज की स्टूडेंट की चुदाई की. तो आइए कहानी शुरू करते है उसी की ज़ुबानी.

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम दिनेश कुमार है. मैं 35 साल का हू, और उप से बिलॉंग करता हू. मैं एजुकेशन लाइन में हू, और पिछले 5 साल से पुंजब के फरोज़ेपुर के एक रिप्यूटेड कॉलेज में प्रोफेसर हू. अगर आपको यकीन ना हो तो आप फरोज़ेपुर कंत्त सर्च करके वहाँ कॉलेजस सर्च कर लीजिए. उन्ही में से एक में मैं प्रोफेसर हू.

वैसे मैं शादी-शुदा हू, लेकिन मेरी बीवी और बेटी वहीं उप में फॅमिली के साथ रहते है. यहाँ मैं अकेला रूम लेके रहता हू. अगर फॅमिली को यहाँ लाउ, तो खर्चा बहुत हो जाएगा, सो वो लोग वहीं है.

दोस्तों पहले मैं उप में ही जॉब करता था. फिर यहाँ के कॉलेज में मुझे अची सॅलरी ऑफर हुई, तो मैं यहाँ आ गया. यहाँ आके मैने देखा की लड़कियाँ कितनी मॉडर्न हो गयी है यहाँ. मैने पहले सिर्फ़ सुना था की पंजाबी लड़कियाँ बड़ी तेज़ होती है, और एक-दूं पटाखा होती है. लेकिन यहाँ आके मैने देख भी लिया.

मैं दिखने में हॅंडसम हू, तो लड़कियाँ क्लास में मेरे साथ मज़ाक करती है. वहाँ तो मैं उनके साथ ज़्यादा ओपन नही होता. लेकिन अंदर ही अंदर मुझे बड़ा अछा लगता है. काई बार तो मैं उन्ही लड़कियों को इमॅजिन करके मूठ भी मारता हू. फिर एक दिन मुझे एक सेक्सी लड़की की चुदाई का मौका मिला, जिसको मैने जाने नही दिया. आइए बताता हू सब कैसे हुआ.

हमारे कॉलेज का आन्यूयल ट्रिप जाईपुर जेया रहा था. मॅनेज्मेंट ने उन टीचर्स की लिस्ट निकली, जो स्टूडेंट्स का टके केर करने के लिए साथ जाने वाले थे. उन टीचर्स में मेरा भी नाम था. मैं खुश था, क्यूंकी मैं पहले कभी जाईपुर नही गया था. हम लोग ट्रेन से जाने वाले थे, और रेलवे स्टेशन तक कॉलेज बस में जाने वाले थे.

फिर वो दिन आ गया जिस दिन जाना था. सुबा 5 बजे का रिपोर्टिंग टाइम था. सारे लड़के-लड़कियाँ आना शुरू हो गये थे. मैं लड़कियों को देख कर हैरान था जिन्होने एक से एक सेक्सी ड्रेसस पहनी हुई थी. फिर हमारी ब्यूसस स्टेशन की तरफ निकल पड़ी.

स्टेशन पहुँच कर हमने सभी को उनकी सीट्स के नंबर्स बताए, और सब स्टूडेंट्स को सेट्ल किया. लड़के और लड़कियों की सीट्स अलग बोगी में थी. टोटल 80 स्टूडेंट्स थे, जिनमे 60 गर्ल्स थी, और बाकी बाय्स थे. रात की जर्नी थी, और ट्रेन चल पड़ी थी.

10 बजे सब को सोने को बोला गया, और मैं और दूसरे टीचर्स स्टूडेंट्स की चेकिंग पर चले गये. सब स्टूडेंट्स अपनी-अपनी सीट्स पर थे, और सोने के लिए लेट चुके थे. फिर चेकिंग के बाद हमने रिपोर्ट अपने हेड को भेज दी. उसके बाद हम फ्री थे, तो मैं रिलॅक्स होने चला गया.

मैं स्टूडेंट्स की बोगियों से निकल कर दूसरी बोगी में गया, और वहाँ दरवाज़े पर खड़ा होके हवा का मज़ा लेने लगा. फिर मैने पॉकेट से सिगरेट निकली, और उसका मज़ा लेने लगा. मैं जिस दरवाज़े पर खड़ा था, उसके पीछे ही टाय्लेट था.

अभी मुझे वहाँ खड़े हुए कुछ ही देर हुई थी, की मुझे टाय्लेट के अंदर से कुछ आवाज़े आने लगी. पहले तो मैने इग्नोर किया, लेकिन फिर ध्यान देने पर मुझे पता चला की अंदर एक नही दो लोग थे. मैं टाय्लेट के दरवाज़े पास गया, और कान लगा कर सुनने लगा. मुझे पता चला की अंदर एक लड़का और लड़की घुसे हुए थे.

मेरा माता तनका और मैने सोचा कहीं कोई स्टूडेंट तो नही था/थी यहाँ पर. ये सोच कर मैने दरवाज़े की कुण्डी खोली, और अंदर देखा. अंदर देख कर मैं हैरान हो गया. अंदर एक लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी. वो ज़मीन पर घुटनो के बाल बैठी थी, और उसने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी.

तभी उस लड़की का ध्यान दरवाज़े की तरफ गया, तो वो लड़की हमारे ही कॉलेज की लड़की थी. ये देख कर मैने दरवाज़ा पूरा खोल दिया. फिर मैने उस लड़के को देखा, जिस लड़के का लंड वो चूस रही थी. वो हमारे कॉलेज का लड़का नही था. मुझे देखते ही वो दोनो घबरा गये.

लड़के ने जल्दी से अपना लंड अंदर किया, और मैने दोनो को बाहर आने के लिए कहा. वो दोनो बातरूम से बाहर निकले. तभी लड़के ने स्पीड पकड़ी, और चूहे की तरह भाग गया. मैं भी उसके पीछे गया, लेकिन वो पता नही कहाँ चला गया.

फिर मैं वापस आया. वो लड़की वहीं खड़ी थी सिर नीचे करके. वो नही भागी क्यूंकी मैं उसको आचे से पहचानता था. फिर मैने उसको पूछा-

मैं: कों था वो लड़का?

वो घबराई हुई आवाज़ में बोली: सिर ये मेरी गली में रहता है.

मैं: बाय्फ्रेंड है तुम्हारा?

वो कुछ नही बोली.

मैने फिरसे पूछा: बाय्फ्रेंड है तुम्हारा?

लड़की: जी सिर.

मैं: तुम ये सब करने आई हो यहाँ पर. चलो तुम्हारे पेरेंट्स से बात करते है.

मेरे ये बोलते ही वो रोने लगी, और हाथ जोड़ कर बोली-

लड़की: सिर प्लीज़ ऐसा मत करना. मेरे दाद बहुत गुस्से वाले है. बड़ी मुश्किल से मुझे यहाँ भेजने के लिए माने है. अगर उनको पता लग गया तो वो मुझे मार देंगे. मैने इसको यहाँ नही बुलाया था. ये अपने आप ही आ गया. मैं तो बस यहाँ इससे मिलने आई थी, लेकिन…

ये बोल कर वो रुक गयी. फिर मैं बोला-

मैं: लेकिन यहाँ आके उसने अपना लंड तुम्हारे मूह में डाल दिया. ज़्यादा भोली मत बनो. तुम उसको माना भी कर सकती थी. और मैने तुम्हे देखा है तुम मज़े से उसका चूस रही थी. देखो हेड को तो बताना ही पड़ेगा, तुम चलो मेरे साथ.

ये बोल कर मैं वहाँ से आने लगा. तभी वो अपने घुटनो पर बैठ गयी, और फिर से मिन्नटे करने लगी-

लड़की: सिर प्लीज़, एक बार माफ़ कर दो. आयेज से ऐसा कभी नही होगा.

मुझे आयेज बढ़ने से रोकने के लिए उसने मुझे घुटनो से पकड़ लिया.
 
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