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- Dec 12, 2024
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जवान चाची की चुदाई कहानी में मेरे चाचा विदेश गए तो मैं चाची के पास सोने लगा. चाची की जवानी मेरे लंड को खड़ा कर देती थी. मैंने चाची की वासना जगा कर कैसे चोदा.
दोस्तो! मैं अक्की … लड़कों का भाई और लड़कियों की जान!
हाजिर हूं एक और सच्ची कहानी लेकर!
वैसे तो मैं अपने बारे में कई कहानियां लिख चुका हूँ। जिनमें मेरी मामी की साथ मेरी पहली चुदाई की भी एक कहानी थी।
लेकिन यह कहानी मेरी दूसरी चुदाई की है।
यह जवान चाची की चुदाई कहानी मेरी और मेरी छोटी चाची सपना की है।
शादी के कुछ महीने बाद चाचा विदेश चले गए।
तो घर वालों ने कहा- तुम चाची के साथ उनके ही कमरे में सोया करो, जिससे रात में उनको डर नहीं लगेगा।
चाचा और चाची को भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि मैं अभी भी सबकी नजर में छोटा बच्चा ही था।
मामी की चुदाई के बाद मुझे गदराई हुई मस्त औरतें बहुत ज्यादा पसंद आने लगी थी, अक्सर ऐसी औरतों को देखकर मेरा लंड फनफना उठता था।
सपना चाची की उम्र 23 साल थी।
उस समय ही उनका पूरा जिस्म भरा भरा सा था।
चाची के चूचे लगभग 34 साइज के थे।
और चाची की चिकनी कमर 30 इंच की, उनकी सेक्सी गांड लगभग 36 इंच साइज की थी।
जब भी साड़ी में चाची की मटकती हुई गांड नज़र आती और गोरे चिकने जिस्म पर बड़े बड़े चूचे … तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
मैं हर वक्त उनके चूचों को ताड़ते रहता था और चलती हुई उनकी गांड को देख कर अपने लन्ड को मसलते हुए सोचता था ‘बस एक बार मिल जाए।’
मतलब मैं अपनी जवान चाची की चुदाई करना चाहता था.
एक रात मैं सोई हुई चाची के चूचे देख कर अपने लन्ड को मसल रहा था.
तभी अचानक चाची को आंख खुल गई।
उनकी नज़र मेरे खड़े हुए मोटे तगड़े लंड पर पड़ी तो वे लंड देखते ही सकपका गई।
पहले तो वे देखती रही, फिर धीरे से कहा- सो जाओ, रात बहुत हो गई है।
फिर उन्होंने खुद को चादर से ढक के आंखें बंद कर ली।
मैं तो डर गया था लेकिन उनका यह स्वभाव देख कर यकीन हो गया कि यह किसी को कुछ नहीं बताएगी।
अगले दिन मुझे उनके सामने जाने में भी बहुत शर्मिंदगी हो रहा था।
पूरे दिन उनके नजरे बचाते फिरता रहा गया।
फिर शाम को किसी काम से मैं किचन में गया।
उस टाइम चाची रोटी बना रही थी।
न चाहते हुए भी मेरी नजर उनकी सेक्सी गांड पर पड़ी, एक बार फिर उनकी गांड को देखते ही मेरा लंड तन गया।
तभी चाची पीछे मुड़ी तो उनकी नज़र फिर से मेरे लंड के तम्बू पर पड़ गई।
चाची ने कुछ नहीं कहा और फिर से वे रोटी बनाने लगीं।
ऐसे ही दस दिन गुजर गए।
अब एक तरफ तो मुझे डर भी लग रहा था लेकिन दूसरी तरफ चाची को चोदने की इच्छा दिन प्रतिदिन और बढ़ती जा रही थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
एक दिन खाना खाने के बाद हम लोग बेड पर बैठ के इधर उधर की बातें कर रहे थे।
मैं उनके बात करते करते बार बार उनके उभरे हुए चूचों को ताड़ रहा था।
आज उनकीतरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, वे बस मुझसे हंस हंस के बातें कर रही थी।
मैं मौके के नजाकत को देखते हुए धीरे धीरे चाची के हाथ और कलाई को टच करने लगा।
पहले तो उन्होंने कुछ नहीं बोला।
जिससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
कुछ ही पल में चाची का हाथ मेरे हाथ में था, मैं उनके हाथ को मसलने लगा।
तभी चाची ने हँसते हुआ कहा- क्या कर रहे हो?
मैं थोड़ा डरते हुए- कुछ नहीं चाची … वो … वो आप ना … बहुत अच्छी लग रही हो।
चाची अपने हाथ पर से मेरा हाथ हटाते हुई बोली- ज्यादा शैतान मत बनो … वर्ना सब कुछ आपके मम्मी को बता दूँगी कि आजकल आपके दिमाग में क्या चल रहा है? सब जानती हूँ मैं!
उनकी यह बात सुन कर मैं भी खुल कर बोला- जब आप सब जानती हो तो फिर इतना क्यों तड़पा रही हो चाची?
चाची- जो आप चाहते हो, वो नहीं हो सकता।
मैं- हां मुझे पता है कि सिर्फ मेरे चाहने से नहीं होगा। इसके लिए आपको भी चाहना पड़ेगा।
मेरी बात सुन कर वह कुछ बोलती … उससे पहले मैंने झट से मौक़ा देखकर चाची को दबोच लिया।
मेरी इस हरकत से चाची एकदम से चौंक गईं.
वे मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी- अक्की पागल हो गए हो क्या? छोड़ मुझे?
मैं- चाची, अब मैं और सब्र नहीं कर सकता।
फिर मैंने चाची को बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया।
और फटाफट से मैंने चाची के लाल गुलाबी रसीले होंठों पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए और मैं ताबड़तोड़ चाची के होंठों का रस पीने लगा।
कमरे में ऑउच्च … पुच्च … ऑउच्च … पुच्च … पुच्च … ” की आवाज होने लगी।
चाची ने अलमारी से कुछ कपड़े लिए और बाथरूम में चली गई।
दोस्तो! मैं अक्की … लड़कों का भाई और लड़कियों की जान!
हाजिर हूं एक और सच्ची कहानी लेकर!
वैसे तो मैं अपने बारे में कई कहानियां लिख चुका हूँ। जिनमें मेरी मामी की साथ मेरी पहली चुदाई की भी एक कहानी थी।
लेकिन यह कहानी मेरी दूसरी चुदाई की है।
यह जवान चाची की चुदाई कहानी मेरी और मेरी छोटी चाची सपना की है।
शादी के कुछ महीने बाद चाचा विदेश चले गए।
तो घर वालों ने कहा- तुम चाची के साथ उनके ही कमरे में सोया करो, जिससे रात में उनको डर नहीं लगेगा।
चाचा और चाची को भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि मैं अभी भी सबकी नजर में छोटा बच्चा ही था।
मामी की चुदाई के बाद मुझे गदराई हुई मस्त औरतें बहुत ज्यादा पसंद आने लगी थी, अक्सर ऐसी औरतों को देखकर मेरा लंड फनफना उठता था।
सपना चाची की उम्र 23 साल थी।
उस समय ही उनका पूरा जिस्म भरा भरा सा था।
चाची के चूचे लगभग 34 साइज के थे।
और चाची की चिकनी कमर 30 इंच की, उनकी सेक्सी गांड लगभग 36 इंच साइज की थी।
जब भी साड़ी में चाची की मटकती हुई गांड नज़र आती और गोरे चिकने जिस्म पर बड़े बड़े चूचे … तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
मैं हर वक्त उनके चूचों को ताड़ते रहता था और चलती हुई उनकी गांड को देख कर अपने लन्ड को मसलते हुए सोचता था ‘बस एक बार मिल जाए।’
मतलब मैं अपनी जवान चाची की चुदाई करना चाहता था.
एक रात मैं सोई हुई चाची के चूचे देख कर अपने लन्ड को मसल रहा था.
तभी अचानक चाची को आंख खुल गई।
उनकी नज़र मेरे खड़े हुए मोटे तगड़े लंड पर पड़ी तो वे लंड देखते ही सकपका गई।
पहले तो वे देखती रही, फिर धीरे से कहा- सो जाओ, रात बहुत हो गई है।
फिर उन्होंने खुद को चादर से ढक के आंखें बंद कर ली।
मैं तो डर गया था लेकिन उनका यह स्वभाव देख कर यकीन हो गया कि यह किसी को कुछ नहीं बताएगी।
अगले दिन मुझे उनके सामने जाने में भी बहुत शर्मिंदगी हो रहा था।
पूरे दिन उनके नजरे बचाते फिरता रहा गया।
फिर शाम को किसी काम से मैं किचन में गया।
उस टाइम चाची रोटी बना रही थी।
न चाहते हुए भी मेरी नजर उनकी सेक्सी गांड पर पड़ी, एक बार फिर उनकी गांड को देखते ही मेरा लंड तन गया।
तभी चाची पीछे मुड़ी तो उनकी नज़र फिर से मेरे लंड के तम्बू पर पड़ गई।
चाची ने कुछ नहीं कहा और फिर से वे रोटी बनाने लगीं।
ऐसे ही दस दिन गुजर गए।
अब एक तरफ तो मुझे डर भी लग रहा था लेकिन दूसरी तरफ चाची को चोदने की इच्छा दिन प्रतिदिन और बढ़ती जा रही थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
एक दिन खाना खाने के बाद हम लोग बेड पर बैठ के इधर उधर की बातें कर रहे थे।
मैं उनके बात करते करते बार बार उनके उभरे हुए चूचों को ताड़ रहा था।
आज उनकीतरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, वे बस मुझसे हंस हंस के बातें कर रही थी।
मैं मौके के नजाकत को देखते हुए धीरे धीरे चाची के हाथ और कलाई को टच करने लगा।
पहले तो उन्होंने कुछ नहीं बोला।
जिससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
कुछ ही पल में चाची का हाथ मेरे हाथ में था, मैं उनके हाथ को मसलने लगा।
तभी चाची ने हँसते हुआ कहा- क्या कर रहे हो?
मैं थोड़ा डरते हुए- कुछ नहीं चाची … वो … वो आप ना … बहुत अच्छी लग रही हो।
चाची अपने हाथ पर से मेरा हाथ हटाते हुई बोली- ज्यादा शैतान मत बनो … वर्ना सब कुछ आपके मम्मी को बता दूँगी कि आजकल आपके दिमाग में क्या चल रहा है? सब जानती हूँ मैं!
उनकी यह बात सुन कर मैं भी खुल कर बोला- जब आप सब जानती हो तो फिर इतना क्यों तड़पा रही हो चाची?
चाची- जो आप चाहते हो, वो नहीं हो सकता।
मैं- हां मुझे पता है कि सिर्फ मेरे चाहने से नहीं होगा। इसके लिए आपको भी चाहना पड़ेगा।
मेरी बात सुन कर वह कुछ बोलती … उससे पहले मैंने झट से मौक़ा देखकर चाची को दबोच लिया।
मेरी इस हरकत से चाची एकदम से चौंक गईं.
वे मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी- अक्की पागल हो गए हो क्या? छोड़ मुझे?
मैं- चाची, अब मैं और सब्र नहीं कर सकता।
फिर मैंने चाची को बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया।
और फटाफट से मैंने चाची के लाल गुलाबी रसीले होंठों पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए और मैं ताबड़तोड़ चाची के होंठों का रस पीने लगा।
कमरे में ऑउच्च … पुच्च … ऑउच्च … पुच्च … पुच्च … ” की आवाज होने लगी।
चाची ने अलमारी से कुछ कपड़े लिए और बाथरूम में चली गई।