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- Dec 12, 2024
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दोस्तों मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में आपका वेलकम करता हू. पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की मेरे अंदर मेरी मा के लिए हवस पैदा हो गयी, और मैने उसको प्रपोज़ कर दिया. लेकिन मा नाराज़ हो गयी, और मुझसे बात करनी बंद कर दी. अब आयेज-
मैने उस दिन से उसे मों कहना बंद कर दिया था, और उसे नाम से बुलाने लगा. चंदा, एक चाँद का टुकड़ा जो मेरे घर पर था. खूबसूरत बदन की मल्लिका मेरी मों, यानी मेरी चंदा. फिर चंदा ने मुझे कहा-
चंदा: तू वापस मुंबई चला जेया, यहाँ पर रहेगा तो तू ग़लत सोचता रहेगा.
मैने चंदा से कहा: ठीक है, जैसे तुम्हे सही लगे. मैं यहाँ से चला जौंगा, और जब तक तुम मुझे खुद नही बुलाओगी, मैं वापस नही अवँगा.
फिर नेक्स्ट दे मैं गुस्से से घर से चला गया, और कुछ दीनो तक मेरी चंदा से कोई बात नही हुई.
स्टार्टिंग मैं वो मेरे से दूरी बना कर रख रही थी. लेकिन कुछ दीनो के बाद उसका मेसेज आने लगा की मैं समझू ये सब सोचना ग़लत था.
मैने उसे कहता: चंदा जो मेरे दिल में है, मैने तुम्हे बोल दिया. तुम मुझे बहुत अची लगती हो, और मैं तुम्हे अपना बनाना चाहता हू. इसमे ग़लत क्या है? तुम विधवा हो. मैं चाहता हू तुम्हे खुशी देना, प्यार देना. तो मैं क्या ग़लत सोच रहा हू?
लेकिन वो मेरी बात को ग़लत बताती रही. हालाँकि ये बात अभी तक मेरी बेहन नेहा को नही पता थी. बस उसे ये पता था की मैं किसी बात से मों से नाराज़ था. वो मुझे समझती की-
नेहा: पागल है, मों से नाराज़ है. वो कितना दुखी रहती है. पापा भी नही है. तुझे उसका ख़याल रखना चाहिए.
तो मैं उसे कहता: ये बात तुम चंदा से पूछो.
वो कहती: क्या हो गया है तुझे? आज कल मों को नाम से क्यूँ बुलाता है?
मैने उसे कहा: तुझे जो बात करनी है चंदा से करो. मुझे इस बारे में कोई बात तुझसे नही करनी है.
फिर नेहा ने चंदा से पूछा, और फाइनली कुछ दीनो के बाद चंदा ने उसे सारी बात बताई. ये बात सुन कर वो भी शॉक्ड हो गयी, और मुझे फोन किया. पहले तो वो गुस्सा हुई, और मैने उसे कहा-
मैं: आज तुम भी तो अपनी उमर से 18 साल बड़े मर्द के साथ सेट हो ना? तो मैने तो तुझे कुछ नही कहा.
नेहा बोली: लेकिन वो हमारी मों है.
मैने कहा: मैं उसे मों से ज़्यादा एक खूबसूरत औरत मानता हू. और मैं उसे खुश देखना चाहता हू. उसे प्यार देना चाहता हू. तो मैं क्या ग़लत सोच रहा हू? चंदा अगर मेरी बन जाती है तो मैं उसे हमेशा खुश रखूँगा. तू भी तो यही चाहती है ना? जब तू अपने ब्फ से शादी करके चली जाएगी, उसके बाद उसका क्या होगा?
मैं: मैं उसे मों की नज़र से नही देखता, और उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपना बनाना चाहता हू. उसे खुश रखूँगा हमेशा, और आचे से ध्यान रखूँगा उसका.
फाइनली वो मेरी बात से कन्विन्स हो गयी और बोली: तू क्या मों के साथ सिर्फ़ सोना चाहता है, या उसे अपनी बनाना चाहता है?
मैने कहा: उसे अपना बनाना चाहता हू. उसके साथ शादी करना चाहता हू.
नेहा बोली: तूने कभी सोचा है की हम किस सोसाइटी में रहते है? और तुझे क्या लगता है सोसिटी में लोग आक्सेप्ट करेंगे ये सब? अगर मोहल्ले में और रिश्तेदारों को पता चल गया तो वो मार डालेंगे तुझे, और हम सब को.
मैने कहा: नेहा मैने सब सोचा हुआ है. मैं चंदा से शादी करके बॅंकाक में शिफ्ट हो जौंगा. मुझे वहाँ से जॉब का ऑफर आ चुका है. बस मैं वेट कर रहा हू की मैं चंदा से शादी करके उसे अपने साथ लेकर जौ, और तू भी तो अपने बॉस के साथ शादी करना चाहती है.
नेहा को मेरी बात का कोई जवाब नही मिला.
वो बोली: चिराग लेकिन ये ग़लत है, वो हमारी मों है.
मैने कहा: मैं उसे मों की नज़र से नही देखता हू. मैं उसे मेरे प्यार की नज़र से देखता हू.
हमारी काफ़ी देर बात हुई, लेकिन मैं अपनी बात पर दत्ता रहा, और फिर नेहा ने पूछा-
नेहा: फाइनली बता तू क्या करना चाहता है?
मैने नेहा को कहा: देख तू अपने बॉस से शादी करना चाहती है, और मैं चंदा से. अगर तू मेरा सपोर्ट करे, तो मैं तेरा सपोर्ट करूँगा, और हम सब खुश रहेंगे. मुझे किसी के सोचने से कोई फराक नही पड़ता है. मैं चाहता हू हम तीनो खुश रहे, और हमे जो पसंद है हम वहीं करे, ना की दुनिया के हिसाब से चालू. तू मेरा सपोर्ट कर, और चंदा को समझा की वो एक बार मेरी बात को सोचे.
नेहा बोली: मैं मों को कुछ नही बोलूँगी. वो सदमे में है. अगर तू उसे खुद कन्विन्स करता है, तो मों शायद मान जाए. तो तुम दोनो देख लो. मैं इस बात से खुश नही हू. लेकिन तुम यहीं चाहते हो तो मैं कुछ नही कर सकती हू.
मैने कहा: ठीक है, तो तू हमारे बीच से डोर रहा, और चंदा को बोल की मैं वहाँ पर आ रहा हू नेक्स्ट वीक. मैं चंदा से बात करूँगा, और अगर वो नही मानती है तो अपना खुद देख ले.
ये कह कर मैने फोन कट कर दिया. नेक्स्ट वीक मैं कानपुर गया घर पर. नेहा ने गाते ओपन किया. उसने मुझे समझने की कोशिश की, लेकिन मैने कहा-
मैं: तू इन सब से डोर रह, और अपने ब्फ पर ध्यान दे बस.
मैं अंदर आया तो चंदा अपने रूम में थी. मैं अपने रूम में आ गया बगैर मिले उसे. फिर शाम को चंदा मेरे रूम में आई और बोली-
चंदा: कैसे हो बेटा.
मैने उसे कहा: मुझे तुम बेटा बोलना बंद करो समझी? मैं तुझे मों नही मानता हू. मैं तुमसे प्यार करता हू. तुमने ही कहा था ना नेहा के बारे में की वो जिसे पसंद करे वो उसकी लाइफ का डिसिशन है. आज तुम्हे क्या हो गया है, जब मैं तुम्हे कह रहा हू?
मैं: चंदा मैं अब बड़ा और मेच्यूर हू. मैं भी अपने डिसिशन ले सकता हू. मैं तुझे खुश देखना चाहता हू, और तुम्हे प्यार देना चाहता हू. पापा की तरह नही, की वो तो तुम्हे खुश भी नही कर पाता था बिस्तेर पर.
मेरी ये बात सुन कर चंदा ने मुझे थप्पड़ मारा और गुस्सा हो कर वापस अपने रूम में चली गयी. मैं अपने रूम में बैठा, और कब मुझे नींद आ गयी पता नही चला.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. फॅमिली सेक्स स्टोरी पढ़ कर मज़ा आया हो तो कॉमेंट करके बताए.
मैने उस दिन से उसे मों कहना बंद कर दिया था, और उसे नाम से बुलाने लगा. चंदा, एक चाँद का टुकड़ा जो मेरे घर पर था. खूबसूरत बदन की मल्लिका मेरी मों, यानी मेरी चंदा. फिर चंदा ने मुझे कहा-
चंदा: तू वापस मुंबई चला जेया, यहाँ पर रहेगा तो तू ग़लत सोचता रहेगा.
मैने चंदा से कहा: ठीक है, जैसे तुम्हे सही लगे. मैं यहाँ से चला जौंगा, और जब तक तुम मुझे खुद नही बुलाओगी, मैं वापस नही अवँगा.
फिर नेक्स्ट दे मैं गुस्से से घर से चला गया, और कुछ दीनो तक मेरी चंदा से कोई बात नही हुई.
स्टार्टिंग मैं वो मेरे से दूरी बना कर रख रही थी. लेकिन कुछ दीनो के बाद उसका मेसेज आने लगा की मैं समझू ये सब सोचना ग़लत था.
मैने उसे कहता: चंदा जो मेरे दिल में है, मैने तुम्हे बोल दिया. तुम मुझे बहुत अची लगती हो, और मैं तुम्हे अपना बनाना चाहता हू. इसमे ग़लत क्या है? तुम विधवा हो. मैं चाहता हू तुम्हे खुशी देना, प्यार देना. तो मैं क्या ग़लत सोच रहा हू?
लेकिन वो मेरी बात को ग़लत बताती रही. हालाँकि ये बात अभी तक मेरी बेहन नेहा को नही पता थी. बस उसे ये पता था की मैं किसी बात से मों से नाराज़ था. वो मुझे समझती की-
नेहा: पागल है, मों से नाराज़ है. वो कितना दुखी रहती है. पापा भी नही है. तुझे उसका ख़याल रखना चाहिए.
तो मैं उसे कहता: ये बात तुम चंदा से पूछो.
वो कहती: क्या हो गया है तुझे? आज कल मों को नाम से क्यूँ बुलाता है?
मैने उसे कहा: तुझे जो बात करनी है चंदा से करो. मुझे इस बारे में कोई बात तुझसे नही करनी है.
फिर नेहा ने चंदा से पूछा, और फाइनली कुछ दीनो के बाद चंदा ने उसे सारी बात बताई. ये बात सुन कर वो भी शॉक्ड हो गयी, और मुझे फोन किया. पहले तो वो गुस्सा हुई, और मैने उसे कहा-
मैं: आज तुम भी तो अपनी उमर से 18 साल बड़े मर्द के साथ सेट हो ना? तो मैने तो तुझे कुछ नही कहा.
नेहा बोली: लेकिन वो हमारी मों है.
मैने कहा: मैं उसे मों से ज़्यादा एक खूबसूरत औरत मानता हू. और मैं उसे खुश देखना चाहता हू. उसे प्यार देना चाहता हू. तो मैं क्या ग़लत सोच रहा हू? चंदा अगर मेरी बन जाती है तो मैं उसे हमेशा खुश रखूँगा. तू भी तो यही चाहती है ना? जब तू अपने ब्फ से शादी करके चली जाएगी, उसके बाद उसका क्या होगा?
मैं: मैं उसे मों की नज़र से नही देखता, और उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपना बनाना चाहता हू. उसे खुश रखूँगा हमेशा, और आचे से ध्यान रखूँगा उसका.
फाइनली वो मेरी बात से कन्विन्स हो गयी और बोली: तू क्या मों के साथ सिर्फ़ सोना चाहता है, या उसे अपनी बनाना चाहता है?
मैने कहा: उसे अपना बनाना चाहता हू. उसके साथ शादी करना चाहता हू.
नेहा बोली: तूने कभी सोचा है की हम किस सोसाइटी में रहते है? और तुझे क्या लगता है सोसिटी में लोग आक्सेप्ट करेंगे ये सब? अगर मोहल्ले में और रिश्तेदारों को पता चल गया तो वो मार डालेंगे तुझे, और हम सब को.
मैने कहा: नेहा मैने सब सोचा हुआ है. मैं चंदा से शादी करके बॅंकाक में शिफ्ट हो जौंगा. मुझे वहाँ से जॉब का ऑफर आ चुका है. बस मैं वेट कर रहा हू की मैं चंदा से शादी करके उसे अपने साथ लेकर जौ, और तू भी तो अपने बॉस के साथ शादी करना चाहती है.
नेहा को मेरी बात का कोई जवाब नही मिला.
वो बोली: चिराग लेकिन ये ग़लत है, वो हमारी मों है.
मैने कहा: मैं उसे मों की नज़र से नही देखता हू. मैं उसे मेरे प्यार की नज़र से देखता हू.
हमारी काफ़ी देर बात हुई, लेकिन मैं अपनी बात पर दत्ता रहा, और फिर नेहा ने पूछा-
नेहा: फाइनली बता तू क्या करना चाहता है?
मैने नेहा को कहा: देख तू अपने बॉस से शादी करना चाहती है, और मैं चंदा से. अगर तू मेरा सपोर्ट करे, तो मैं तेरा सपोर्ट करूँगा, और हम सब खुश रहेंगे. मुझे किसी के सोचने से कोई फराक नही पड़ता है. मैं चाहता हू हम तीनो खुश रहे, और हमे जो पसंद है हम वहीं करे, ना की दुनिया के हिसाब से चालू. तू मेरा सपोर्ट कर, और चंदा को समझा की वो एक बार मेरी बात को सोचे.
नेहा बोली: मैं मों को कुछ नही बोलूँगी. वो सदमे में है. अगर तू उसे खुद कन्विन्स करता है, तो मों शायद मान जाए. तो तुम दोनो देख लो. मैं इस बात से खुश नही हू. लेकिन तुम यहीं चाहते हो तो मैं कुछ नही कर सकती हू.
मैने कहा: ठीक है, तो तू हमारे बीच से डोर रहा, और चंदा को बोल की मैं वहाँ पर आ रहा हू नेक्स्ट वीक. मैं चंदा से बात करूँगा, और अगर वो नही मानती है तो अपना खुद देख ले.
ये कह कर मैने फोन कट कर दिया. नेक्स्ट वीक मैं कानपुर गया घर पर. नेहा ने गाते ओपन किया. उसने मुझे समझने की कोशिश की, लेकिन मैने कहा-
मैं: तू इन सब से डोर रह, और अपने ब्फ पर ध्यान दे बस.
मैं अंदर आया तो चंदा अपने रूम में थी. मैं अपने रूम में आ गया बगैर मिले उसे. फिर शाम को चंदा मेरे रूम में आई और बोली-
चंदा: कैसे हो बेटा.
मैने उसे कहा: मुझे तुम बेटा बोलना बंद करो समझी? मैं तुझे मों नही मानता हू. मैं तुमसे प्यार करता हू. तुमने ही कहा था ना नेहा के बारे में की वो जिसे पसंद करे वो उसकी लाइफ का डिसिशन है. आज तुम्हे क्या हो गया है, जब मैं तुम्हे कह रहा हू?
मैं: चंदा मैं अब बड़ा और मेच्यूर हू. मैं भी अपने डिसिशन ले सकता हू. मैं तुझे खुश देखना चाहता हू, और तुम्हे प्यार देना चाहता हू. पापा की तरह नही, की वो तो तुम्हे खुश भी नही कर पाता था बिस्तेर पर.
मेरी ये बात सुन कर चंदा ने मुझे थप्पड़ मारा और गुस्सा हो कर वापस अपने रूम में चली गयी. मैं अपने रूम में बैठा, और कब मुझे नींद आ गयी पता नही चला.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. फॅमिली सेक्स स्टोरी पढ़ कर मज़ा आया हो तो कॉमेंट करके बताए.