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हेलो फ्रेंड्स, मैं स्वरना आप सभी के सामने अपनी सेक्स स्टोरी का अगले पार्ट लेके हाज़िर हू. आप सब से रिक्वेस्ट है जिसने इस स्टोरी के पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पढ़ ले. तो स्टोरी कंटिन्यू करने में मज़ा आएगा. अब आयेज बढ़ते है-
फिर उनके मूह से डिल्डो निकाल कर, मैं उनके चेहरे पर और मूह में थूकती जेया रही थी, और उनके दोनो गालों पर कभी थप्पड़ से, और कभी डिल्डो से मार्टी जेया रही थी. पति का पूरा चेहरा मेरे और उनके थूक से भर गया था. साथ ही थप्पड़ और डिल्डो की चोट से लाल हो चुका था.
ये देख कर मैं सोचने लगी की मैं ये क्या कर रही थी? अपने पति के मूह पर थूक रही थी, और उनको मार भी रही थी? लेकिन मैने अपने मॅन में आते इन विचारों को डोर किया, क्यूंकी आज मेरा मॅन और टारगेट ये था की पति को पूरी तरह से खुश करके हमारे बीच के प्यार को दोबारा ज़िंदा करना था.
ऐसे भी आज मुझे हर एक चीज़ हड्द से ज़्यादा ही करनी थी. इसलिए मैं बार-बार पोज़िशन चेंज करके और डिल्डो पर हनी लगा कर पति से उसको चुस्वती रही. थोड़ी टाइम बाद मैने उनको धक्का देकर बेड पे पटक दिया, और उन्हे पेट के बाल (उल्टा) लिटा दिया. फिर उनकी गांद का च्छेद खोल कर उसमे खूब क्रीम डाल कर गांद की मसाज करने लगी थी.
बहुत टाइम तक मसाज करने के बाद मैने पति की गांद में एक सरिंज से बहुत ज़्यादा नारियल का तेल भर दिया था, जिससे उनकी गांद सॉफ्ट हो चुकी थी. फिर मैने डिल्डो पर कॉंडम लगाया, और उनके उपर चढ़ गयी, और अपना लंड (डिल्डो) उनकी गांद में घुसने की कोशिश करने लगी.
लेकिन लंड बहुत मोटा होने की वजह से गांद के च्छेद में घुस नही रहा था, और बार-बार स्लिप हो कर निकल रहा था. तब मैने पति से कहा-
टिनी: चल कुत्ते, अपने छूतदों को अपने हाथ से खोल बहनचोड़.
पर वो मेरी बात नही सुने. इसलिए मुझे और ज़्यादा गुस्सा आ गया, तो मैने पास ही में पड़ी बेल्ट उठा कर कस्स के ज़ोर से उनके छूतदों पर एक बेल्ट मारी. वो बहुत ज़ोर से दर्द से चिल्लाए, और साथ ही खुद के चूतड़ भी हाथो से फैला दिए.
मैने फिर से लंड को गांद पे सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. इससे आधा डिल्डो पति की गांद को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मेरी इस हरकत से पति इतनी ज़ोर से चिल्लाए, जैसे मैने उनकी गांद में कोई चाकू घुसा दिया हो, और उनकी गांद फाड़ दी हो.
दर्द की वजह से वो मुझे धक्का दे कर खुद के उपर से हटाने लगे. तो मैने फिर से बेल्ट उठाई और 4-5 बार बेल्ट खींच कर उनके छूतदों पर और पीठ पे दे मारा. वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला कर कराह कर रोने लगे.
इस पोज़िशन और मेरे हल्के प्यार से उनका दर्द काफ़ी कम हो चुका था. तब मैने फिर पोज़िशन चेंज की. उसके लिए मैने पति के पैरों को खीच कर बेड पे एंड तक लिया, और खुद नीचे खड़ी हो गयी. फिर खड़े-खड़े ही उनकी गांद में पूरी ताक़त से एक ही बार में पूरा लंड एंड तक पेल दिया. मेरी इस हरकत से वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए चीखे, की मैं बता भी नही सकती हू.
लेकिन मैने आज ज़रा भी दया या रहम ना करते हुए, इस बार अपनी पूरी ताक़त से भयंकर चुदाई शुरू कर दी. ये लास्ट मोमेंट इतना ज़्यादा ज़बरदस्त था की पूरा बेड चुदाई की वजह से ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा था. इसी के साथ ही मैं उन्हे थप्पड़ भी मारे जेया रही थी, और साथ ही बुरी-बुरी गालियाँ भी दे रही थी.
फिर उनके मूह से डिल्डो निकाल कर, मैं उनके चेहरे पर और मूह में थूकती जेया रही थी, और उनके दोनो गालों पर कभी थप्पड़ से, और कभी डिल्डो से मार्टी जेया रही थी. पति का पूरा चेहरा मेरे और उनके थूक से भर गया था. साथ ही थप्पड़ और डिल्डो की चोट से लाल हो चुका था.
ये देख कर मैं सोचने लगी की मैं ये क्या कर रही थी? अपने पति के मूह पर थूक रही थी, और उनको मार भी रही थी? लेकिन मैने अपने मॅन में आते इन विचारों को डोर किया, क्यूंकी आज मेरा मॅन और टारगेट ये था की पति को पूरी तरह से खुश करके हमारे बीच के प्यार को दोबारा ज़िंदा करना था.
ऐसे भी आज मुझे हर एक चीज़ हड्द से ज़्यादा ही करनी थी. इसलिए मैं बार-बार पोज़िशन चेंज करके और डिल्डो पर हनी लगा कर पति से उसको चुस्वती रही. थोड़ी टाइम बाद मैने उनको धक्का देकर बेड पे पटक दिया, और उन्हे पेट के बाल (उल्टा) लिटा दिया. फिर उनकी गांद का च्छेद खोल कर उसमे खूब क्रीम डाल कर गांद की मसाज करने लगी थी.
बहुत टाइम तक मसाज करने के बाद मैने पति की गांद में एक सरिंज से बहुत ज़्यादा नारियल का तेल भर दिया था, जिससे उनकी गांद सॉफ्ट हो चुकी थी. फिर मैने डिल्डो पर कॉंडम लगाया, और उनके उपर चढ़ गयी, और अपना लंड (डिल्डो) उनकी गांद में घुसने की कोशिश करने लगी.
लेकिन लंड बहुत मोटा होने की वजह से गांद के च्छेद में घुस नही रहा था, और बार-बार स्लिप हो कर निकल रहा था. तब मैने पति से कहा-
टिनी: चल कुत्ते, अपने छूतदों को अपने हाथ से खोल बहनचोड़.
पर वो मेरी बात नही सुने. इसलिए मुझे और ज़्यादा गुस्सा आ गया, तो मैने पास ही में पड़ी बेल्ट उठा कर कस्स के ज़ोर से उनके छूतदों पर एक बेल्ट मारी. वो बहुत ज़ोर से दर्द से चिल्लाए, और साथ ही खुद के चूतड़ भी हाथो से फैला दिए.
मैने फिर से लंड को गांद पे सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. इससे आधा डिल्डो पति की गांद को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मेरी इस हरकत से पति इतनी ज़ोर से चिल्लाए, जैसे मैने उनकी गांद में कोई चाकू घुसा दिया हो, और उनकी गांद फाड़ दी हो.
दर्द की वजह से वो मुझे धक्का दे कर खुद के उपर से हटाने लगे. तो मैने फिर से बेल्ट उठाई और 4-5 बार बेल्ट खींच कर उनके छूतदों पर और पीठ पे दे मारा. वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला कर कराह कर रोने लगे.
इस पोज़िशन और मेरे हल्के प्यार से उनका दर्द काफ़ी कम हो चुका था. तब मैने फिर पोज़िशन चेंज की. उसके लिए मैने पति के पैरों को खीच कर बेड पे एंड तक लिया, और खुद नीचे खड़ी हो गयी. फिर खड़े-खड़े ही उनकी गांद में पूरी ताक़त से एक ही बार में पूरा लंड एंड तक पेल दिया. मेरी इस हरकत से वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए चीखे, की मैं बता भी नही सकती हू.
लेकिन मैने आज ज़रा भी दया या रहम ना करते हुए, इस बार अपनी पूरी ताक़त से भयंकर चुदाई शुरू कर दी. ये लास्ट मोमेंट इतना ज़्यादा ज़बरदस्त था की पूरा बेड चुदाई की वजह से ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा था. इसी के साथ ही मैं उन्हे थप्पड़ भी मारे जेया रही थी, और साथ ही बुरी-बुरी गालियाँ भी दे रही थी.