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पिछला भाग पढ़े:- अपनी बेटी की छूट का भोंसड़ा बनते देखा-2
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की कमलेश की बेटी कोयल अपने यार मोहन के साथ घर से भाग गयी थी. कमलेश ने भी उनका पीछे किया, और मोहन के घर पहुँच गया. वहाँ मोहन ने उसकी बेटी के साथ सेक्स शुरू किया. अब मोहन कोयल को आधा नंगा कर चुका था, और कोयल उसका लंड चाट रही थी. अब आयेज-
लंड को चाट-ते हुए कोयल ने अपना मूह खोला, और लंड को अपने मूह के अंदर ले लिया. जैसे ही उसने लंड मूह में लिया, मोहन ने कमलेश की तरफ मुस्कुरा कर शैतानी आँखों से देखा.
कमलेश मोहन से बोला: मोहन ये तू ठीक नही कर रहा.
ये सुन कर मोहन ने कोयल के सर के पीछे हाथ रखा, और कमर आयेज-पीछे करके लंड कोयल की हलाक तक ले जाने लगा. इससे कोयल की साँस रुकने लगी, और मोहन को और मज़ा आने लगा. कुछ देर ऐसा ही करने के बाद मोहन ने कोयल को बालों से पकड़ कर खींचा और खड़ा कर लिया.
दोनो फिरसे किस करने लगे. इस बार कोयल और ज़्यादा वाइल्ड किस कर रही थी. फिर मोहन ने जल्दी से कोयल के बाकी के कपड़े भी उतार दिए, और पूरी नंगी कर दिया. उसने अपने कपड़े भी उतार दिए.
अपनी बेटी को अपने सामने नंगा देख कर एक बार उसके बाप ने आँखें बंद कर ली. वो बंद आँखों से ही उनको बोल रहा था की वो रुक जाए. लेकिन बेटी आज कहाँ रुकने वाली थी.
अब मोहन घुटनो पर बैठ गया, और उसने कोयल की हल्के बालों वाली छूट पर अपना मूह लगा लिया. इससे कोयल के मूह से आ निकल गयी. मोहन पागलों की तरह कोयल की छूट चाटने लगा, और उसमे जीभ डाल कर चूसने लगा. कोयल तो जैसी पागल हो रही थी, और वो मोहन के सर को अपनी छूट में दबा रही थी.
कुछ देर मोहन के ऐसे ही करने से कोयल काँपने लगी, और झाड़ गयी. मोहन अपनी प्रेमिका की कुवारि छूट से निकला पानी पी गया, और उसकी छूट को चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. अब बारी थी लास्ट स्टेज की, यानी की चुदाई की.
मोहन ने कोयल को बेड पर सीधा लिटाया, और उसकी टांगे खोल कर बीच में आ गया. फिर उसने अपना लंड हाथ में लिया, और कोयल की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. कोयल कामुकता से भारी सिसकियाँ ले रही थी. रगड़ते-रगड़ते उसने लंड छूट के मूह पर टीकाया, और ज़ोर का धक्का मारा.
छूट पहले से गीली थी, तो पहले ही धक्के में लंड छूट की सील तोड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया. कोयल की छूट से खून निकालने लगा, और उसकी चीखें निकालने लग गयी. वो मोहन को अपने उपर से हटाने की कोशिश करने लगी. लेकिन वो कहाँ अब पीछे हटने वाला था.
मोहन ने अपने होंठ कोयल के होंठो से चिपका कर उसका मूह बंद कर दिया. फिर वो नीचे से धक्के मारता गया. कोयल दर्द से तड़प रही थी, वो झटपटा रही थी. लेकिन मोहन के वज़न के नीचे होने की वजह से वो कुछ कर नही पा रही थी.
कुछ धक्को में मोहन का पूरा लंड कोयल की कुवारि छूट फाड़ कर पूरा अंदर घुस गया. लंड घुसने के बाद मोहन रुक गया, और बस कोयल के होंठ चूस्टा रहा. बेटी की आँखों में दर्द के आँसू थे, और बाप की आँखों में पछतावे के. लेकिन मोहन टाइट छूट के मज़े ले रहा था.
कुछ देर बाद जब कोयल का दर्द कम हुआ, तो मोहन ने फिरसे अपना काम शुरू किया. उसने अपना लंड बाहर निकाला, और गीला कपड़ा लेके अपने लंड और उसकी छूट पर लगे खून को सॉफ किया. कोयल वैसे ही लेती रही.
फिर मोहन दोबारा उसके उपर चढ़ा, और लंड छूट पर टीका कर धीरे-धीरे अंदर करने लगा. कोयल की फिर से आहें निकालने लगी, लेकिन इस बार उसको उतना दर्द नही हो रहा था. फिर मोहन ने लंड अंदर-बाहर करके चुदाई शुरू की. साथ-साथ वो कोयल के होंठ और उसके बूब्स चूस रहा था.
कोयल को अब मस्ती चढ़नी शुरू हो गयी थी, और वो मोहन को अपनी बाहों में लेके अपनी तरफ खींच रही थी. ये देख कर मोहन ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी, और कोयल की आ आ की आवाज़े भी तेज़ हो गयी. मोहन ने कोयल की दोनो टाँगों को मोड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट में लंड पेलने लगा.
कोयल की छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी, जिससे चुदाई में पच-पच की आवाज़ आने लगी. जब उसकी छूट में धक्के लग रहे थे, तो उसके बूब्स उपर-नीचे होके मोहन को और जोश दिला रहे थे. फिर अचानक मोहन को पता नही क्या हुआ, और उसने स्पीड बहुत तेज़ कर दी, एक-दूं मशीन की तरह.
कोयल: आ आ आ आ आ आह.
मोहन धक्के लगता गया, और कोयल आहें भारती गयी. फिर मोहन ने एक ज़ोर से आवाज़ निकली-
मोहन: आअगग्घह.
और उसने अपना पूरा माल कोयल की छूट की गहराई में छ्चोढ़ दिया. कोयल की भी चीख निकली, और उसके बाप की आँखों से आँसू. फिर मोहन कोयल के उपर से हॅट गया. कोयल जल्दी से उठी, और मोहन का लंड चाट-चाट कर सॉफ करने लगी. उसकी गांद उसके बाप की तरफ थी, और वो उसकी छूट से निकलता हुआ मोहन का माल देख पा रहा था.
लंड चाट रही कोयल को मज़ा आने लगा, और वो उसको चूसने लग गयी. तकरीबन 5 मिनिट में मोहन का लंड फिर से खड़ा होने लगा. कोयल उसको चूस्टी जेया रही थी. फिर मोहन उठा, और कोयल को घोड़ी बनने को कहा. उसने कोयल का चेहरा उसके बाप की तरफ करवा दिया, ताकि बाप अपनी चुड्ती हुई बेटी की शकल देख पाए.
उसके बाद उसने पीछे से लंड उसकी छूट में डाल दिया. अब वो कोयल के चूतड़ पकड़ कर उसकी चुदाई करने लगा. बेटी का सिसकियाँ भरता चेहरा कमलेश देख पा रहा था. साथ में उसके बूब्स भी हिलते नज़र आ रहे थे.
मोहन पीछे से ठप-ठप छोड़े जेया रहा था, और कोयल मज़े से आहह आ कर रही थी. मोहन ने कोयल के छूतदों को मसल-मसल कर लाल भी कर दिया था. 15 मिनिट तक मोहन ऐसे ही उसको पेलता रहा, और फिरसे उसकी छूट में अपना माल निकाल दिया.
अब दोनो ठंडे होके लेट गये. कुछ मिनिट में कोयल नंगी ही खिड़की के पास आई, और अपने बाप से बोली-.
कोयल: कल हमारी शादी है. कंयाडान करने की इक्चा हो तो आ जाना.
फिर कमलेश वहाँ से सर झुका कर चला गया, और कोयल ने खिड़की बंद कर ली.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की कमलेश की बेटी कोयल अपने यार मोहन के साथ घर से भाग गयी थी. कमलेश ने भी उनका पीछे किया, और मोहन के घर पहुँच गया. वहाँ मोहन ने उसकी बेटी के साथ सेक्स शुरू किया. अब मोहन कोयल को आधा नंगा कर चुका था, और कोयल उसका लंड चाट रही थी. अब आयेज-
लंड को चाट-ते हुए कोयल ने अपना मूह खोला, और लंड को अपने मूह के अंदर ले लिया. जैसे ही उसने लंड मूह में लिया, मोहन ने कमलेश की तरफ मुस्कुरा कर शैतानी आँखों से देखा.
कमलेश मोहन से बोला: मोहन ये तू ठीक नही कर रहा.
ये सुन कर मोहन ने कोयल के सर के पीछे हाथ रखा, और कमर आयेज-पीछे करके लंड कोयल की हलाक तक ले जाने लगा. इससे कोयल की साँस रुकने लगी, और मोहन को और मज़ा आने लगा. कुछ देर ऐसा ही करने के बाद मोहन ने कोयल को बालों से पकड़ कर खींचा और खड़ा कर लिया.
दोनो फिरसे किस करने लगे. इस बार कोयल और ज़्यादा वाइल्ड किस कर रही थी. फिर मोहन ने जल्दी से कोयल के बाकी के कपड़े भी उतार दिए, और पूरी नंगी कर दिया. उसने अपने कपड़े भी उतार दिए.
अपनी बेटी को अपने सामने नंगा देख कर एक बार उसके बाप ने आँखें बंद कर ली. वो बंद आँखों से ही उनको बोल रहा था की वो रुक जाए. लेकिन बेटी आज कहाँ रुकने वाली थी.
अब मोहन घुटनो पर बैठ गया, और उसने कोयल की हल्के बालों वाली छूट पर अपना मूह लगा लिया. इससे कोयल के मूह से आ निकल गयी. मोहन पागलों की तरह कोयल की छूट चाटने लगा, और उसमे जीभ डाल कर चूसने लगा. कोयल तो जैसी पागल हो रही थी, और वो मोहन के सर को अपनी छूट में दबा रही थी.
कुछ देर मोहन के ऐसे ही करने से कोयल काँपने लगी, और झाड़ गयी. मोहन अपनी प्रेमिका की कुवारि छूट से निकला पानी पी गया, और उसकी छूट को चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. अब बारी थी लास्ट स्टेज की, यानी की चुदाई की.
मोहन ने कोयल को बेड पर सीधा लिटाया, और उसकी टांगे खोल कर बीच में आ गया. फिर उसने अपना लंड हाथ में लिया, और कोयल की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. कोयल कामुकता से भारी सिसकियाँ ले रही थी. रगड़ते-रगड़ते उसने लंड छूट के मूह पर टीकाया, और ज़ोर का धक्का मारा.
छूट पहले से गीली थी, तो पहले ही धक्के में लंड छूट की सील तोड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया. कोयल की छूट से खून निकालने लगा, और उसकी चीखें निकालने लग गयी. वो मोहन को अपने उपर से हटाने की कोशिश करने लगी. लेकिन वो कहाँ अब पीछे हटने वाला था.
मोहन ने अपने होंठ कोयल के होंठो से चिपका कर उसका मूह बंद कर दिया. फिर वो नीचे से धक्के मारता गया. कोयल दर्द से तड़प रही थी, वो झटपटा रही थी. लेकिन मोहन के वज़न के नीचे होने की वजह से वो कुछ कर नही पा रही थी.
कुछ धक्को में मोहन का पूरा लंड कोयल की कुवारि छूट फाड़ कर पूरा अंदर घुस गया. लंड घुसने के बाद मोहन रुक गया, और बस कोयल के होंठ चूस्टा रहा. बेटी की आँखों में दर्द के आँसू थे, और बाप की आँखों में पछतावे के. लेकिन मोहन टाइट छूट के मज़े ले रहा था.
कुछ देर बाद जब कोयल का दर्द कम हुआ, तो मोहन ने फिरसे अपना काम शुरू किया. उसने अपना लंड बाहर निकाला, और गीला कपड़ा लेके अपने लंड और उसकी छूट पर लगे खून को सॉफ किया. कोयल वैसे ही लेती रही.
फिर मोहन दोबारा उसके उपर चढ़ा, और लंड छूट पर टीका कर धीरे-धीरे अंदर करने लगा. कोयल की फिर से आहें निकालने लगी, लेकिन इस बार उसको उतना दर्द नही हो रहा था. फिर मोहन ने लंड अंदर-बाहर करके चुदाई शुरू की. साथ-साथ वो कोयल के होंठ और उसके बूब्स चूस रहा था.
कोयल को अब मस्ती चढ़नी शुरू हो गयी थी, और वो मोहन को अपनी बाहों में लेके अपनी तरफ खींच रही थी. ये देख कर मोहन ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी, और कोयल की आ आ की आवाज़े भी तेज़ हो गयी. मोहन ने कोयल की दोनो टाँगों को मोड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट में लंड पेलने लगा.
कोयल की छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी, जिससे चुदाई में पच-पच की आवाज़ आने लगी. जब उसकी छूट में धक्के लग रहे थे, तो उसके बूब्स उपर-नीचे होके मोहन को और जोश दिला रहे थे. फिर अचानक मोहन को पता नही क्या हुआ, और उसने स्पीड बहुत तेज़ कर दी, एक-दूं मशीन की तरह.
कोयल: आ आ आ आ आ आह.
मोहन धक्के लगता गया, और कोयल आहें भारती गयी. फिर मोहन ने एक ज़ोर से आवाज़ निकली-
मोहन: आअगग्घह.
और उसने अपना पूरा माल कोयल की छूट की गहराई में छ्चोढ़ दिया. कोयल की भी चीख निकली, और उसके बाप की आँखों से आँसू. फिर मोहन कोयल के उपर से हॅट गया. कोयल जल्दी से उठी, और मोहन का लंड चाट-चाट कर सॉफ करने लगी. उसकी गांद उसके बाप की तरफ थी, और वो उसकी छूट से निकलता हुआ मोहन का माल देख पा रहा था.
लंड चाट रही कोयल को मज़ा आने लगा, और वो उसको चूसने लग गयी. तकरीबन 5 मिनिट में मोहन का लंड फिर से खड़ा होने लगा. कोयल उसको चूस्टी जेया रही थी. फिर मोहन उठा, और कोयल को घोड़ी बनने को कहा. उसने कोयल का चेहरा उसके बाप की तरफ करवा दिया, ताकि बाप अपनी चुड्ती हुई बेटी की शकल देख पाए.
उसके बाद उसने पीछे से लंड उसकी छूट में डाल दिया. अब वो कोयल के चूतड़ पकड़ कर उसकी चुदाई करने लगा. बेटी का सिसकियाँ भरता चेहरा कमलेश देख पा रहा था. साथ में उसके बूब्स भी हिलते नज़र आ रहे थे.
मोहन पीछे से ठप-ठप छोड़े जेया रहा था, और कोयल मज़े से आहह आ कर रही थी. मोहन ने कोयल के छूतदों को मसल-मसल कर लाल भी कर दिया था. 15 मिनिट तक मोहन ऐसे ही उसको पेलता रहा, और फिरसे उसकी छूट में अपना माल निकाल दिया.
अब दोनो ठंडे होके लेट गये. कुछ मिनिट में कोयल नंगी ही खिड़की के पास आई, और अपने बाप से बोली-.
कोयल: कल हमारी शादी है. कंयाडान करने की इक्चा हो तो आ जाना.
फिर कमलेश वहाँ से सर झुका कर चला गया, और कोयल ने खिड़की बंद कर ली.