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- Dec 12, 2024
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पिछला भाग पढ़े:- अपनी बेटी की छूट का भोंसड़ा बनते देखा-1
मैं थोर, कमलेश की बेटी की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आ गया हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा. अगर अभी तक किसी ने भी पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की कमलेश की ग़लत हरकतों की वजह से उसकी बेटी कोयल ने उसकी इज़्ज़त कभी नही की. फिर बड़ी हो कर कोयल ने उस लड़के से प्यार किया, जो कभी उनका नौकर था. कमलेश ने कोयल को उसको छ्चोढने के लिए कहा तो कोयल उसके साथ भाग गयी.
कमलेश भी उनके पीछे पहुँच गया. और मोहन के कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा रह कर अपनी बेटी को मानने लगा. लेकिन वो नही मानी, और बाप के सामने अपने लवर को उसको प्यार करने को कहा. अब आयेज की कहानी कमलेश की ज़ुबानी-
कमलेश कोयल को बात करने के लिए माना रहा था. लेकिन कोयल ने अपने यार मोहन को उसको प्यार करने की पर्मिशन दे दी. ये सुन कर मोहन कमलेश की तरफ हेस्ट हुए देख कर कोयल की तरफ बढ़ने लगा. कोयल ने उस वक़्त काले रंग की लेगैंग्स और रेड शर्ट पहना था. उसने दुपट्टा भी नही लिया हुआ था, जिससे उसकी सेक्सी क्लीवेज नज़र आ रही थी.
अब मोहन कोयल के पाद पहुँच चुका था. कमलेश उसको कुछ भी करने से माना कर रहा था. लेकिन मोहन कहा रुकने वाला था. फिर मोहन भोला बन कर कोयल के पास बेड पर बैठ गया. उसके पास बैठते ही कोयल ने उसका हाथ पकड़ा, और अपने कंधे पर रख लिया. फिर वो अपने बाप की तरफ देखते हुए मोहन को बोली-
कोयल: अर्रे मोहन, ऐसे क्यूँ बैठ गये हो? मैं तुम्हारी बीवी हो. और आज हमारी सुहग्रात है. सुहग्रात पर अपनी बीवी को प्यार नही करोगे.
अब मोहन समझ चुका था, की कोयल अपने बाप के सामने चूड़ने के लिए तैयार थी. वो तो कब से कोयल को छोड़ने के इंतेज़ार में था. और आज जब कोयल को उसके बाप के सामने छोड़ना था, तब तो मज़ा और ज़्यादा आने वाला था.
फिर मोहन ने अपना हाथ कोयल के फेस पर रखा, और उसके गाल और गर्दन पर किस करने लगा. कोयल अपने बाप की तरफ ही देखे जेया रही थी, जैसे उससे कोई बदला ले रही हो. उसकी आँखों में गुस्सा था. मोहन ने कोयल के बाल खोल दिए, और उसके गाल और गर्दन को चूमता रहा. इससे कोयल की भी साँस तेज़ होने लगी.
फिर मोहन ने कोयल का मूह अपनी तरफ घुमाया, और उसको ई लोवे योउ बोल कर उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. अब दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. कोयल ये सब पहली बार कर रही थी, ये उसके होंठ चूसने के तरीके से पता चल रहा था.
मोहन पागलों की तरह कोयल के होंठो का रस्स पी रहा था. वो उसके मूह में अपनी जीभ डाल कर जीभ चूस रहा था. होंठ चूस्टे-चूस्टे मोहन ने अपना हाथ कोयल के बूब पर रख दिया, और उसको मसालने लगा. इससे कोयल की आ निकल गयी. खिड़की पर खड़ा कमलेश मोहन को कोयल से डोर हटने के लिए बोल रहा था. लेकिन जितना वो उसको डोर हटने के लिए बोल रहा था, कोयल उसको और करने को बोल रही थी.
फिर मोहन ने कोयल का शर्ट उतार दिया. अब वो उपर सिर्फ़ ब्रा में थी. उसने कोयल को खड़ा किया, और उसका मूह दूसरी तरफ घुमा कर, बाल पीठ से हटते हुए, पीठ पर किस करने लगा. कोयल आहें भरा रही थी, उसके बदन में बेचैनी हो रही थी.
किस करते हुए मोहन उसकी ब्रा के हुक तक पहुँचा, और उसने हुक खोल दिया. इससे कोयल की ब्रा खुल कर नीचे गिरने लगी, लेकिन कोयल ने हाथ से उसको रोक लिया. तभी कमलेश मोहन को फिरसे रुकने के लिए बोला. ये सुन कर कोयल ने ब्रा छ्चोढ़ दी, जिससे उसके बूब्स नंगे हो गये.
मोहन ने फिरसे कोयल को अपनी तरफ घुमाया, और अपनी शर्ट उतार कर, उपर से नंगे होके उसके नंगे बदन से चिपक गया. अपने बदन पर मर्दाना जिस्म का एहसास पा कर कोयल की अफ निकल गयी. फिर मोहन ने कोयल के बूब्स पर हमला किया, और एक-एक करके दोनो निपल्स को खींच-खींच कर चूसने लगा.
एक-दूं काससे हुए थे कोयल के बूब्स. आज से पहले किसी मर्द ने नही च्छुआ था उसके बूब्स को. मोहन ने कोयल के बूब्स को मसल-मसल कर, चूस-चूस कर लाल कर दिया. वो इतने ज़ोर से उसके निपल्स को चूस रहा था, जिससे कोयल की आँखों में आँसू आ गये थे.
फिर मोहन ने कोयल को नीचे ज़मीन पर घुटनो के बाल बिता दिया. उसके बाद उसने कमलेश की तरफ देखा, और मुस्कुराया. उसकी मुस्कुराहट देख कर कमलेश समझ गया की अब वो कोई गंदी हरकत करने वाला था. फिर मोहन ने अपनी पंत की बेल्ट खोली, और फिर ज़िप खोल कर पंत नीचे की. उसके अंडरवेर में उसका लंड खड़ा हुआ सॉफ नज़र आ रहा था. कमलेश समझ गया था की अब वो कोयल को उसका लंड चूसने को बोलेगा, तो वो कोयल को बोला-
कमलेश: कोयल ये प्यार नही है. तुम इसकी बात मत सुनना.
लेकिन कोयल कहाँ अपने बाप की बात सुनने वाली थी. उधर मोहन ने अपना अंडरवेर नीचे किया, और लंड उछाल कर कोयल के मूह के सामने आ गया. बाप की तरफ नज़र घूमते हुए कोयल ने लंड हाथ में लिया, और उसको सहलाने लगी. कुछ देर वो ऐसे ही लंड सहलाती रही. लंड चूसना भी होता है, ये बात कोयल को भी नही पता थी.
फिर मोहन बोला: बेबी इसको सिर्फ़ हाथ से ही नही, मूह में लेके भी प्यार किया जाता है.
कोयल: मूह में लेके मतलब?
मोहन: मैं बताता हू. पहले तुम इस पर अपनी जीभ फिरा कर इसको तोड़ा गीला करो. फिर अपने मूह में इसको जितना हो सके अंदर लेके जाओ, और ऐसे समझो की ये लंड नही लॉलिपोप है. उसके बाद इसको एक बड़े लॉलिपोप की तरह ही चूसो. तुम्हे इसमे बहुत मज़ा आएगा.
ये बोल कर मोहन ने अपना लंड आयेज कर दिया. कोयल तोड़ा हिचकिचा रही थी, लेकिन उसको सब करना था अपने बाप को नीचा दिखाने के लिए. फिर कोयल ने मोहन के लंड को चाटना शुरू कर दिया.
इसके आयेज इस हॉट कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. साथ ही मैं आपको एक और सेक्स स्टोरी पढ़ने की सलाह दूँगा, जिसका लिंक ये रहा:- घर की रंडियन-1 (मेरी छिनाल मा-1)
इसके सारे पार्ट्स ज़रूर पढ़िएगा. अपनी फीडबॅक आप मुझे गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर दे सकते है.
अगला भाग पढ़े:- अपनी बेटी की छूट का भोंसड़ा बनते देखा-3
मैं थोर, कमलेश की बेटी की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आ गया हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा. अगर अभी तक किसी ने भी पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की कमलेश की ग़लत हरकतों की वजह से उसकी बेटी कोयल ने उसकी इज़्ज़त कभी नही की. फिर बड़ी हो कर कोयल ने उस लड़के से प्यार किया, जो कभी उनका नौकर था. कमलेश ने कोयल को उसको छ्चोढने के लिए कहा तो कोयल उसके साथ भाग गयी.
कमलेश भी उनके पीछे पहुँच गया. और मोहन के कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा रह कर अपनी बेटी को मानने लगा. लेकिन वो नही मानी, और बाप के सामने अपने लवर को उसको प्यार करने को कहा. अब आयेज की कहानी कमलेश की ज़ुबानी-
कमलेश कोयल को बात करने के लिए माना रहा था. लेकिन कोयल ने अपने यार मोहन को उसको प्यार करने की पर्मिशन दे दी. ये सुन कर मोहन कमलेश की तरफ हेस्ट हुए देख कर कोयल की तरफ बढ़ने लगा. कोयल ने उस वक़्त काले रंग की लेगैंग्स और रेड शर्ट पहना था. उसने दुपट्टा भी नही लिया हुआ था, जिससे उसकी सेक्सी क्लीवेज नज़र आ रही थी.
अब मोहन कोयल के पाद पहुँच चुका था. कमलेश उसको कुछ भी करने से माना कर रहा था. लेकिन मोहन कहा रुकने वाला था. फिर मोहन भोला बन कर कोयल के पास बेड पर बैठ गया. उसके पास बैठते ही कोयल ने उसका हाथ पकड़ा, और अपने कंधे पर रख लिया. फिर वो अपने बाप की तरफ देखते हुए मोहन को बोली-
कोयल: अर्रे मोहन, ऐसे क्यूँ बैठ गये हो? मैं तुम्हारी बीवी हो. और आज हमारी सुहग्रात है. सुहग्रात पर अपनी बीवी को प्यार नही करोगे.
अब मोहन समझ चुका था, की कोयल अपने बाप के सामने चूड़ने के लिए तैयार थी. वो तो कब से कोयल को छोड़ने के इंतेज़ार में था. और आज जब कोयल को उसके बाप के सामने छोड़ना था, तब तो मज़ा और ज़्यादा आने वाला था.
फिर मोहन ने अपना हाथ कोयल के फेस पर रखा, और उसके गाल और गर्दन पर किस करने लगा. कोयल अपने बाप की तरफ ही देखे जेया रही थी, जैसे उससे कोई बदला ले रही हो. उसकी आँखों में गुस्सा था. मोहन ने कोयल के बाल खोल दिए, और उसके गाल और गर्दन को चूमता रहा. इससे कोयल की भी साँस तेज़ होने लगी.
फिर मोहन ने कोयल का मूह अपनी तरफ घुमाया, और उसको ई लोवे योउ बोल कर उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. अब दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. कोयल ये सब पहली बार कर रही थी, ये उसके होंठ चूसने के तरीके से पता चल रहा था.
मोहन पागलों की तरह कोयल के होंठो का रस्स पी रहा था. वो उसके मूह में अपनी जीभ डाल कर जीभ चूस रहा था. होंठ चूस्टे-चूस्टे मोहन ने अपना हाथ कोयल के बूब पर रख दिया, और उसको मसालने लगा. इससे कोयल की आ निकल गयी. खिड़की पर खड़ा कमलेश मोहन को कोयल से डोर हटने के लिए बोल रहा था. लेकिन जितना वो उसको डोर हटने के लिए बोल रहा था, कोयल उसको और करने को बोल रही थी.
फिर मोहन ने कोयल का शर्ट उतार दिया. अब वो उपर सिर्फ़ ब्रा में थी. उसने कोयल को खड़ा किया, और उसका मूह दूसरी तरफ घुमा कर, बाल पीठ से हटते हुए, पीठ पर किस करने लगा. कोयल आहें भरा रही थी, उसके बदन में बेचैनी हो रही थी.
किस करते हुए मोहन उसकी ब्रा के हुक तक पहुँचा, और उसने हुक खोल दिया. इससे कोयल की ब्रा खुल कर नीचे गिरने लगी, लेकिन कोयल ने हाथ से उसको रोक लिया. तभी कमलेश मोहन को फिरसे रुकने के लिए बोला. ये सुन कर कोयल ने ब्रा छ्चोढ़ दी, जिससे उसके बूब्स नंगे हो गये.
मोहन ने फिरसे कोयल को अपनी तरफ घुमाया, और अपनी शर्ट उतार कर, उपर से नंगे होके उसके नंगे बदन से चिपक गया. अपने बदन पर मर्दाना जिस्म का एहसास पा कर कोयल की अफ निकल गयी. फिर मोहन ने कोयल के बूब्स पर हमला किया, और एक-एक करके दोनो निपल्स को खींच-खींच कर चूसने लगा.
एक-दूं काससे हुए थे कोयल के बूब्स. आज से पहले किसी मर्द ने नही च्छुआ था उसके बूब्स को. मोहन ने कोयल के बूब्स को मसल-मसल कर, चूस-चूस कर लाल कर दिया. वो इतने ज़ोर से उसके निपल्स को चूस रहा था, जिससे कोयल की आँखों में आँसू आ गये थे.
फिर मोहन ने कोयल को नीचे ज़मीन पर घुटनो के बाल बिता दिया. उसके बाद उसने कमलेश की तरफ देखा, और मुस्कुराया. उसकी मुस्कुराहट देख कर कमलेश समझ गया की अब वो कोई गंदी हरकत करने वाला था. फिर मोहन ने अपनी पंत की बेल्ट खोली, और फिर ज़िप खोल कर पंत नीचे की. उसके अंडरवेर में उसका लंड खड़ा हुआ सॉफ नज़र आ रहा था. कमलेश समझ गया था की अब वो कोयल को उसका लंड चूसने को बोलेगा, तो वो कोयल को बोला-
कमलेश: कोयल ये प्यार नही है. तुम इसकी बात मत सुनना.
लेकिन कोयल कहाँ अपने बाप की बात सुनने वाली थी. उधर मोहन ने अपना अंडरवेर नीचे किया, और लंड उछाल कर कोयल के मूह के सामने आ गया. बाप की तरफ नज़र घूमते हुए कोयल ने लंड हाथ में लिया, और उसको सहलाने लगी. कुछ देर वो ऐसे ही लंड सहलाती रही. लंड चूसना भी होता है, ये बात कोयल को भी नही पता थी.
फिर मोहन बोला: बेबी इसको सिर्फ़ हाथ से ही नही, मूह में लेके भी प्यार किया जाता है.
कोयल: मूह में लेके मतलब?
मोहन: मैं बताता हू. पहले तुम इस पर अपनी जीभ फिरा कर इसको तोड़ा गीला करो. फिर अपने मूह में इसको जितना हो सके अंदर लेके जाओ, और ऐसे समझो की ये लंड नही लॉलिपोप है. उसके बाद इसको एक बड़े लॉलिपोप की तरह ही चूसो. तुम्हे इसमे बहुत मज़ा आएगा.
ये बोल कर मोहन ने अपना लंड आयेज कर दिया. कोयल तोड़ा हिचकिचा रही थी, लेकिन उसको सब करना था अपने बाप को नीचा दिखाने के लिए. फिर कोयल ने मोहन के लंड को चाटना शुरू कर दिया.
इसके आयेज इस हॉट कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. साथ ही मैं आपको एक और सेक्स स्टोरी पढ़ने की सलाह दूँगा, जिसका लिंक ये रहा:- घर की रंडियन-1 (मेरी छिनाल मा-1)
इसके सारे पार्ट्स ज़रूर पढ़िएगा. अपनी फीडबॅक आप मुझे गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर दे सकते है.
अगला भाग पढ़े:- अपनी बेटी की छूट का भोंसड़ा बनते देखा-3